प्रधानमंत्री कार्यालय

22वें राष्ट्रीय युवा महोत्‍सव के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री का भाषण

Posted On: 12 JAN 2018 2:19PM by PIB Delhi

सबसे पहले मैं सभी देशवासियों को हमारे वैज्ञानिकों की एक और बड़ी उपलब्धि पर बधाई देना चाहता हूं।  अब से कुछ देर पहले इसरो ने PSLV-C40 का सफल प्रक्षेपण किया है।

PSLV से कार्टोसैट-2 सीरीज की सैटेलाइट समेत कुल 31 सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में स्थापित किया गया है। इनमें से 28 सैटेलाइट दूसरे देशों के हैं। आज इसरो ने एक और रिकॉर्ड बनाया है। आज इसरो ने सैटेलाइट प्रक्षेपण में सेंचुरी भी बनाई है।

इसरो की आज की सफलता से देश के किसानों, मछुवारों, वैज्ञानिकों, को जमीनी जानकारी मिलने में मदद मिलेगी। ये कामयाबी न्यू इंडिया के मार्ग को और प्रशस्त करेगी।

हमेशा देश का मान बढ़ाने वाले और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान देने वाले इसरो के वैज्ञानिकों को मैं एक बार फिर अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

नए वर्ष में, विवेकानंद जयंती पर, राष्ट्रीय युवा दिवस पर हमारे वैज्ञानिकों ने  देश को एक अनमोल उपहार दिया है।

साथियों, मेरा मन था कि आप लोगों से आमने-सामने आकर बात करता,

ये जो मिनी भारत इस समय ग्रेटर नोएडा में जुटा हुआ है,

 

एक भारत-श्रेष्ठ भारत का भव्य चित्र प्रस्तुत कर रहा है, इस मिनी इन्डिया के साक्षात दर्शन करता।

लेकिन कुछ व्यस्तता थी, इसलिए आप लोगों से टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा हूं।

मेरा प्रयास रहता है कि जब इस तरह के कार्यक्रम में, मैं खुद नहीं पहुंच पाता, तो वहां क्या-क्या हुआ, क्या चर्चा हुई, क्या नतीजा निकला, इस बारे में सारी जानकारी प्राप्त करता हूँ । आप लोग भी यहां जो चर्चा-परिचर्चा करेंगे, उसकी पूरी जानकारी लेने की कोशिश करूंगा।

साथियों, आज से ही राष्ट्रीय युवा महोत्सव की भी शुरुआत हो रही है। मैं National Youth Award पाने वाले छात्रों और संस्थाओं की प्रशंसा करता हूं, उन्हें बधाई देता हूं।

मुझे बताया गया है कि अगले चार दिनों में यहां बहुत से कार्यक्रम होंगे, National Youth Parliament का भी आयोजन किया जाएगा। मैंने इस बारमन की बातकरते हुए भी देश के हर जिले में Mock Parliament के आयोजन का विचार रखा था। ये उसी विचार की एक कड़ी की तरह है।

न्यू इंडिया के विषयों पर मंथन करने का, संकल्प लेने का ये बेहतरीन अवसर है। ये 22वां महोत्सव है और मैं चाहूंगा कि जब आप लोग चर्चा करें, तो इस बारे में भी मंथन हो कि जब 25वां युवा महोत्सव मनाया जाएगा, तो उसका स्वरूप क्या होगा। क्या संकल्प होंगे? हम रोडमैप बनाकर कहाँ पहुंचेंगे?

इसी तरह जब देश 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, उस वर्ष युवा महोत्सव किस रूप में मनाया जाएगा, इस बारे में भी आप चर्चा करें। मुझे उम्मीद है कि इन चार दिनों में आप वो अनुभव लेकर यहां से जाएंगे, जो जीवन पर्यन्त आपको दिशा दिखाएंगे, आपका मार्गदर्शन करेंगे।

मेरे नौजवान साथियों, इस बार महोत्सव की Theme संकल्प से सिद्धि है। पिछले

6-7 महीनों में आपने ये शब्द बार बार सुने होंगे। संकल्प से सिद्धि, आखिर ये है क्या?

मोबाइल का कोई App तो है नहीं कि Download किया, Install किया और चल पड़ा।

इसलिए आज आपसे मैं संकल्प औऱ उसकी सिद्धि पर ही विस्तार से बात करूंगा।

आखिर संकल्प क्या है? क्या चीज सिद्ध करनी है?

साथियों, 2022 में हमारा देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा। आपने आजादी की लड़ाई के बारे में सिर्फ किताबों में ही पढ़ा है। मैंने खुद भी आजादी के आंदोलन के बारे में सिर्फ सुना ही है, पढ़ा ही है, इसलिए उम्र का फर्क भले हो, लेकिन इस मामले में आप और मैं अलग नहीं हैं।

 

मेरे नौजवान साथियों, हमने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, इसलिए हमारी बड़ी जिम्मेदारी उन सपनों को पूरा करने की है, जो सपने उस समय आजादी के दीवानों ने देखे थे।

 

जब जेल में ब्रिटिश पुलिस कोड़े बरसाती थी, तो उस समय अंधेरी कोठरी में सब कुछ बर्दाश्त करते हुए, हमारे वीर सेनानी जिस भारत का सपना देखा करते थे, उस भारत को बनाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। जब हम उस कल्पना को, उस सपने को जीएंगे तो, उनके सपनों के भारत के लिए संकल्प भी ले पाएंगे। ये भारत कैसा होगा, न्यू इंडिया कैसा होगा?  आज जब आप दिन भर के कार्यक्रमों के बाद रात  को सोने जाएं, तो कुछ देर सोचिएगा।

सोचिएगा कि आपके आसपास ऐसा क्या हो रहा है, जिसे आप बदलना चाहते हैं।

 

ऐसी कौन सी व्यवस्था है, जिसके बारे में आप हमेशा सोचते हैं कि- ये ठीक नहीं है, काश ये स्थिति बदल जाए !!! जब आप ट्रेन से यहां रहे होंगे, स्कूल में, कॉलेज में, घर में, मोहल्ले में जब भी आपने सोचा हो कि ये ठीक नहीं, ये तो बदला जाना चाहिए, उस बात को आज फिर से सोचिएगा। एक बार जो चीजे आके चली जाती हैं उन बातों को दुबारा सोचिये , विवेकानंद जी का स्मरण कीजिये, मैं विश्वास के साथ कहता हूँ की जो चीजें आपने अनुभव की हैं , जिन बातों से आपको पीड़ा हुयी है, जिसको बदलने के लिए आपके मन के अन्दर एक विचार पैदा हुआ है , अगर आज की रात आप उसके साथ जुड़ जाओगे तो वह ही ललक एक संकल्प बन जायेगी|  आज 12 जनवरी की रात को वही बातें, आपके लिए संकल्प बनेंगी, आपका संकल्प बनेंगी। संकल्प किसी को बताने के लिए नहीं, हल्ला मचाने के लिए नहीं, बल्कि ये संकल्प आपके खुद के लिए होगा, 13 जनवरी की नई सुबह से, नए सिरे से काम करने के लिए होगा।

 

साथियों, आप अभी जिस यूनिवर्सिटी के परिसर में हैं, उसका नाम गौतम बुद्ध पर है।

आप जिस शहर में हैं- ग्रेटर नोएडा- उसका नाम भी गौतम बुद्ध नगर है। इसलिए मैं आपको गौतम बुद्ध से ही जुड़ा एक किस्सा सुनाता हूं। छोटा सा वाकया है, बहुत बड़ा नहीं।

 

एक बार भगवान बुद्ध से उनके एक शिष्य ने उनसे पूछा कि क्या आपसे शिक्षा लेने वाले हर शिष्य को निर्वाण मिल जाएगा? भगवान बुद्ध ने जवाब दिया- नहीं, कुछ को मिलेगा,

कुछ को नहीं मिलेगा। शिष्य ने पूछा- ऐसा क्यों? तब भगवान बोले कि जो मेरी शिक्षाओं को सही तरीके से समझ पाएंगे, उन्हें ही निर्वाण मिलेगा, बाकी भटकते रह जाएंगे।

 

साथियों, एक ही गुरु से आपको एक ही शिक्षा मिलेगी, लेकिन आप उसे कैसे ग्रहण करते हैं, आप खुद में क्या संकल्प लेते हैं, ये आपकी सफलता और असफलता तय करता है।

देखिए, जैसे कौरवों और पांडवों, दोनों के गुरु एक ही थे।

 

दोनों को एक ही तरह की शिक्षा मिली, लेकिन दोनों का ही व्यक्तित्व और कृतित्व कितना भिन्न था। ऐसा इसलिए क्योंकि कौरवों और पांडवों के संकल्प अलग-अलग थे। जीवनपथ में आपको भी शिक्षा देने वाले बहुत से लोग मिलेंगे, लेकिन शिक्षा ग्रहण करके किस रास्ते पर चलना है, किस तरह का संकल्प लेना है, ये सिर्फ आपको ही तय करना होगा।

 

यही तो गौतम बुद्ध के अप्प दीपो भव:” का भी सार है। अपना दीपक, अपना प्रकाश स्वयं बनो। अपने संकल्प स्वयं लो। कोई आपको शपथ दिलाने के लिए नहीं आएगा,

कोई याद दिलाने के लिए भी नहीं आएगा। जो कुछ भी करना है, आपको खुद करना है।

 

भाइयों और बहनों, स्वामी विवेकानंद कहते थे कियुवा वो होता है जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में काम करता है आप सभी युवा, जो आज काम करते हैं, वही देश का भविष्य की दिशा तय करता है। इसलिए आप जो आज संकल्प लेंगे, वही सिद्ध होकर देश को भी सिद्ध करेंगे।

 

उत्तर प्रदेश के ही एक मशहूर गीतकार हुए थे, फिल्मों में भी उन्होंने खूब लिखा था-

श्रीमान मजरूह सुल्तानपुरी। उनका एक शेर था-

मैं अकेला ही चला था जानिब--मंज़िल मगर, लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया

 

साथियों, हर व्यक्ति को कभी ना कभी अकेले ही शुरुआत करनी होती है।

आपकी नीयत साफ होती है, इरादे स्पष्ट होते हैं, हौसले बुलंद होते हैं तो आपके साथ खुद से लोग जुड़ने लगते हैं। मेरी आज आपसे यही अपेक्षा है कि पहला कदम उठाने से पहले,

कुछ संकल्प करके नई शुरुआत करने से पहले घबराएं नहीं, बस ठान लें और चल पड़ें।

 

आपकी इस यात्रा में सरकार भी, पूरा हिंदुस्तान भी  हर तरह से आपके साथ खड़ी है। मैं चाहता हूं कि जो नौजवान कुछ कर गुजरना चाहते हैं, अपने दम पर, अपने परिश्रम से, अपने सपने पूरे करना चाहते हैं, उन्हें हर तरह की मदद मिलेगी।

 

जब वो शुरुआत करें, तो उन्हें बैंक गारंटी की चिंता ना करनी पड़े, टैक्स की चिंता ना करनी पड़े, पच्चीसों तरह की कागजी कार्रवाई की चिंता ना करनी पड़े।

 

मैं चाहता हूं मेरे देश का नौजवान Job Creator बने, इनोवेशन के लिए आगे आये और इसलिए इस दिशा में लगातार काम किया गया है।  साथियों, हमारी सरकार अब तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लगभग 10 करोड़ लोगों के लोन स्वीकृत कर चुकी है। 10 करोड़ आंकड़ा बहुत बड़ा होता है|

 

लोगों को बिना बैंक गारंटी 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज दिया गया है। सोचिए, बिना बैंक गारंटी, बिना ये पूछे कि पैसे कैसे वापस आएंगे, कर्ज कैसे चुकाया जाएगा, 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा राशि लोगों को दी गई है।

 

इन पैसों से गांवों में, कस्बों में, शहरों में, देहातों में लोगों ने अपने छोटे-छोटे बिजनेस शुरू किए हैं। वो अपने सपने पूरे कर रहे हैं। ये लोग, ये छोटे और मंझोले उद्यमी अब खुद रोजगार देने वाले बन रहे हैं।

 

भाइयों और बहनों, सरकार की इस बड़ी योजना का आधार सिर्फ एक है। आप पर, देश के नौजवानों पर भरोसा। हमें भरोसा है कि इस देश का नौजवान जब ठान लेता है, तो कुछ भी कर गुजरता है। ऊर्जा से भरे ऐसे नौजवान देश के हर कोने में उपस्थित हैं। कोई पहाड़ों से निकलने वाले छोटे झरनों से बिजली बना रहा है, कोई कूड़े से बिजली पैदा कर रहा है, कोई कूड़े से घर निर्माण की चीजें बना रहा है, कोई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहा है, किसी ने अपने खेत में ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा ली है। ऐसे करोड़ों युवा राष्ट्र निर्माण के लिए दिन रात एक कर रहे हैं।

 

आप में सामर्थ्य है, साहस है और सही दिशा में चलने की सूझबूझ भी आप रखते हैं। इसलिए सरकार का प्रयास आपकी Hand Holding का है। थोड़ा सा सहयोग, बाकी आप खुद में सक्षम हैं। साथियों, सरकार इस और भी ध्यान दे रही है कि आज की आवश्यकताओं के हिसाब से skill training मिल सके।

 

skill को लेकर पहली बार इस तरह की गंभीरता किसी सरकार ने दिखाई है। वरना पहले तो skill और Education में सीधा फर्क पूछने पर लोग चुप हो जाते थे।

 

भाइयों और बहनों, किताब में पढ़ना कि हवाई जहाज कैसे उड़ाया जाता है, किताब में उसकी बारीकियां समझना education है, लेकिन असली में हवाई जहाज उड़ाना skill होता है। सिर्फ Education हो और Skill ना हो, तो रोजगार मिलने में मुश्किल होती है।

इसलिए हम skill बढ़ाने पर Focus करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। युवाओं को education के साथ ही skill की ट्रेंनिंग मिले इसका ध्यान रखा जा रहा है।

 

स्किल इंडिया मिशन के तहत लाखों नौजवानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। सरकार देशभर में प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों की स्थापना कर रही है। इंडिया इंटरनेशनल स्किल सेंटर भी खोले जा रहे हैं। सैकड़ों मल्टी स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर भी काम हो रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब युवाओं को अप्रेन्टिसशिप देने वाली कंपनियों को आर्थिक मदद दी जा रही है। अप्रेन्टिसशिप का जो पैसा कंपनियां छात्रों को देती हैं, उसका कुछ हिस्सा सरकार की तरफ से कंपनियों को दिया जा रहा है।

 

नेशनल अप्रेन्टिसशिप स्कीम के तहत अब तक लगभग 7 लाख युवाओं का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। अगले दो-तीन साल में सरकार का लक्ष्य 50 लाख नौजवानों को अप्रेन्टिसशिप ट्रेनिंग देने का है। प्रधानमंत्री युवा योजना के तहत भी तीन हजार से ज्यादा संस्थानों में छात्रों को ट्रेनिंग देने का काम चल रहा है।

 

सरकार की कोशिश है कि आप नौजवानों को देश की आवश्यकता, हमारे यहां के उद्योगों की आवश्यकता के हिसाब से ट्रेनिंग मिले। भारत से बाहर के देशों में किस तरह की जरूरत है, उसे भी ध्यान में रखते हुए लोगों की skill डवलप की जा रही है।

 

साथियों, मुझे देश के नौजवानों पर पूरा भरोसा है, देश की युवा शक्ति, युवा ऊर्जा पर पूरा भरोसा है। देश के सपने अगर कहीं निवास करते हैं तो देश के युवा हृदय में करते हैं।

इसलिए उस पर हमने ध्यान केंद्रित किया है।

 

साथियों, कुछ लोग कहते हैं कि आज के युवा में धैर्य नहीं है। मैं कहता हूं कि यही बात आज की पीढ़ी के नौजवानों के लिए, उनके भीतर innovation का कारण बन जाती है।

जीवन में धैर्य होना चाहिए, अधीर जीवन भी सही नहीं, लेकिन ऐसा भी धैर्य नहीं होना चाहिए कि आदमी नया सोच ही ना पाए, जिंदगी बिल्कुल ठहर सी जाए। धैर्य नहीं है, इसलिए आज के नौजवान ज्यादा तेजी से काम कर रहे हैं, innovative काम कर रहे हैं और नतीजे भी ला रहे हैं।

 

स्वच्छ भारत अभियान हो, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान हो, Waste to Wealth हो, आपके innovations सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए हैं। आपके आसपास जो समस्याएं हैं, चुनौतियां हैं, उन्हें आपसे बेहतर कोई और नहीं समझ सकता। Innovations की आपकी इसी क्षमता को ध्यान में रखते हुए सरकार नेअटल इनोवेशन मिशनशुरू किया है। देश के स्कूलों में, कॉलेजों में innovation का इकोसिस्टम बनाने पर जोर लगाया जा रहा है। छात्रों में scientific temper बढ़ाने और उनकी creativity को सही प्लेटफॉर्म देने के लिए देशभर में करीब करीब ढाई हजार से ज्यादा Atal Tinkering Labs को स्वीकृति दी गई है। 

 

मैन्यूफैक्चरिंग ट्रांसपोर्ट, एनर्जी, एग्रीकल्चर, वॉटर और सेनीटेशन जैसे सेक्टरों में innovation-entrepreneurship को बढ़ावा देने के लिए Atal Incubation Centres भी खोले जा रहे हैं। ये सेंटर नए स्टार्ट अप्स को आर्थिक मदद भी देंगे और सही रास्ता भी दिखाएंगे।

 

भाइयों और बहनों, स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम भारत में स्टार्ट अप क्रांति का आधार बन रहा है। सरकार ने 10 हजार करोड़ की राशि से स्टार्ट अप फंड बनाया है।

 

नए स्टार्ट ऐप्स को क्रेडिट गारंटी दी जा रही है, टैक्स में छूट दी जा रही है। वो अपने innovation का पेटेंट करा सकें, इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें कानूनी सहायता भी दी जा रही है। मैं ये सारी जानकारी आपको इसलिए भी दे रहा हूं क्योंकि कॉलेजों से पढ़कर निकलने के बाद यही जानकारी आपकी आगे बढ़ने में मदद करेगी।

 

आज जो आप संकल्प लेंगे, उसे सिद्ध करने में यही जानकारी आपकी मदद करेगी।

पढ़ते हुए आपको स्टार्ट अप शुरू करने से कोई नहीं रोकेगा, अपनी कंपनी खोलने से कोई नहीं रोकेगा। उस समय आपको सरकार के इन्हीं initiatives से मदद मिलेगी।

 

भाइयों और बहनों, दुनिया में हर कोई सुविधा पाकर ही आगे बढ़ा है, ये जरूरी नहीं। संघर्ष में भी लोग आगे बढ़े हैं। आज कितनी ही विदेशी कंपनियों को भारत से गए युवा चला रहे हैं। वो कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, चेयरमैन हैं, CEO’s हैं। इन कंपनियों में उनके काम का लोहा माना जाता है। क्या वो सीधे वहां पहुंचे हैं? नहीं। क्या राजनीतिक वंशवाद वाली स्टाइल में उन्हें सीधे वो बड़े पद मिले हैं? नहीं। उन्होंने मेहनत की है, संघर्ष किया है,

सपने देखे हैं, जोखिम उठाया है, दिन रात पसीना बहाया है, तब वहां पहुंचे हैं।

 

भारत के युवा में ये सामर्थ्य है कि वो जहां भी गया है, अपना और देश का नाम रोशन या है। आपने देखा है, दो दिन पहले ही आँचल ठाकुर ने भारत को स्कीइन्ग में अब तक का पहला अंतरराष्ट्रीय मेडल दिलाया है। कुछ दिनों पहले मानुषि छिल्लर ने देश का नाम रोशन किया है।

 

मैं मानता हूं कि जो सोशल मीडिया पर हैं, वो अवश्य हर रोज अपडेट लेते होंगे कि सागर परिक्रमा के लिए जो 6 बेटियां निकली हुई हैं, वो आज कहां पहुंची हैं। ये संकल्प से सिद्धि की अलग-अलग यात्राएं हैं जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

 

साथियों, आज मेरा आपसे ये भी आग्रह है कि खेल को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं।

इस समय मंच पर राज्यवर्धन जी हैं, मैं मानता हूँ कि वह मंत्री बाद में हैं, पहले ओलंपियन हैं, शानदार निशानेबाज हैं।

 

वैसे हमारे जुझारू तेज तर्रार युवा मुख्यमंत्री श्रीमान योगी जी भी कम खिलाड़ी नहीं हैं, आजकल उनके काम के कारण कई राज्यों में बहुत से लोगों को उनसे बहुत दिक्कत हो रही है, मैंने देखा कि हमारे योगी जी आजकल ट्विटर ट्विटर का खेल रहे हैं और ट्विटर के खेल में भी अच्छे अच्छे खिलाड़ियों को उन्होंने परास्त करके रख दिया है खैर, मैं sports पर ही फोकस करूं तो खेल, शिक्षा का ही एक तरीका है जो सिर्फ शरीर को ही चुस्त-दुरुस्त नहीं रखता बल्कि मस्तिष्क को जागृत करता है। खेल से हम अनुशासन सीखते हैं।

 

खेल का मैदान हमें हार का मतलब समझाता है। खेल का मैदान हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अथक परिश्रम करना सिखाता है। टीम भावना का क्या अर्थ है, ये सबसे पहले हमें खेल के मैदान में ही नजर आता है। हारें चाहे जीतें लेकिन खेल के मैदान से हम जो sportsmen sprit सीखते हैं, वो जीवन भर काम आती है। इसलिए मैं कहता हूं, जो खेले-वो खिले। आप लोग भी खूब खेलिए, खूब खिलिए।

 

खेल के साथ-साथ आप योग को भी अपनी जिंदगी में शामिल करिए। मुझे बताया गया है कि युवा में हर रोज आप सभी योग किया करेंगे। इस अभ्यास को अपने साथ लेकर जाइएगा। योग से आप शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होंगे।

 

मेरे साथियों, आगे बढ़िए, अपना विस्तार करिए, अपने व्यक्तित्व का विस्तार करिए।

यहां इस युवा महोत्सव में भी अलग-अलग राज्यों से जो आपके साथी आए हैं, उनसे खूब मिलिए, बातें करिए, उन्हें समझिए, उनकी भाषा समझिए, उनका खान-पान समझिए, रहन-सहन समझिए।

 

मेरा अनुभव कहता है कि इस महोत्सव में आप जो सीखेंगे, आपके जो संबंध बनेंगे, वो जीवन भर आपके साथ रहेंगे, आपके काम आएंगे।  साथियों, ये भी एक संकल्प है जो एक भारत-श्रेष्ठ भारत को सिद्ध करता है।

 

साथियों, हमारे श्रद्धेय श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी जी कहा करते थे - “कंधे से कंधा लगाकर, कदम से कदम मिलाकर, हमें अपनी जनयात्रा को ध्येय-सिद्धि के शिखर तक ले जाना है। भावी भारत हमारे प्रयत्नों और परिश्रम पर निर्भर करता है

 

आइए, हम सभी मिलकर, देश के नौजवान मिलकर, देश के सवा सौ करोड़ लोग मिलकर परिश्रम की पराकाष्ठा करें, अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाएं, न्यू इंडिया बनाएं।

 

एक बार फिर आप सभी को युवा दिवस और युवा महोत्सव की शुभकामनाओं के साथ

स्वामी विवेकानंद का पुनः स्मरण करते हुए, उन्होंने जो मार्ग दिखाया है, सामाजिक समरसता का मार्ग दिखाया है, ऊँच नीच के भेद से मुक्ति का मार्ग दिखाया है, राष्ट्र के लिए जीने मरने का मार्ग दिखाया है ऐसे महा पुरुष के जन्मदिन पर युवा प्रेरणा, युवा सामर्थ्य, युवा संकल्प के साथ आप आगे बढ़ें इन ही शुभकामनाएं के साथ,  मैं अपनी वाणी को समाप्त करता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

 

 

जय हिंद !!! 

*****

अतुल तिवारी/ हिमांशु सिंह 

 

 



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