Social Welfare
नारी शक्ति से नया भारत
Posted On: 15 AUG 2025 12:40 AM
महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठते कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त, 2025 को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर उद्धबोधन:
- स्टार्टअप्स से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, और खेलों से लेकर रक्षा क्षेत्र तक, हमारी बेटियां हर क्षेत्र में चमक रही हैं। राष्ट्र गर्व से भर गया जब उसने पहली बार एनडीए महिला कैडेट्स के बैच को पास होते हुए देखा।
- आज, हर कोई भारत में महिलाओं की शक्ति को पहचान रहा है।
- महिलाएं केवल बढ़ती अर्थव्यवस्था की लाभार्थी ही नहीं हैं, बल्कि हमारी 'नारीशक्ति', 'मातृ शक्ति' और 'स्त्री शक्ति' भी इसके विकास को आगे बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
परिचय
भारत सरकार महिलाओं के लिए परिवर्तनकारी योजनाएँ शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है, जो मोटे तौर पर चार स्तंभों - शिक्षा और स्वास्थ्य, आर्थिक सशक्तिकरण, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण और सुरक्षा एवं संरक्षा के अंतर्गत आती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य मिशन शक्ति, नमो ड्रोन दीदी योजना, नारी शक्ति वंदन अभियान और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी पहलों के माध्यम से लैंगिक समानता, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है, जिससे महिलाओं को राष्ट्र निर्माण में समान भागीदार बनने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
व्यापक रूप से, पिछले दशक से महिलाओं को सशक्त बनाने वाली कुछ प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं इस प्रकार हैं:
मिशन शक्ति
मिशन शक्ति, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है,जो संबल (सुरक्षा) बढ़ाने वाली योजनाओं जैसे वन स्टॉप सेंटर (819 चालू, 10.98 लाख महिलाओं की सहायता), महिला हेल्पलाइन (214.78 लाख कॉल), शी-बॉक्स पोर्टल और नारी अदालत, और सामर्थ्य (सशक्तिकरण) शक्ति सदन (630.43 करोड़ रुपये) के माध्यम से 2.92 लाख महिलाओं और सखी निवास (196.05 करोड़ रुपये) के माध्यम से 5.07 लाख महिलाओं को सहायता देती हैं, साथ ही जेंडर आधारित हिंसा से निपटने के लिए 2024 में शुरू किए गए #अबकोईबहानानहीं अभियान के साथ जीवन चक्र दृष्टिकोण के माध्यम से महिलाओं की रक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करती है।
महिलाओं का सशक्तिकरण, राष्ट्र का सशक्तिकरण
वक्फ संशोधन अधिनियम
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025, मुस्लिम महिलाओं के उत्तराधिकार संबंधी अधिकार सुनिश्चित करके, विधवा, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों को वित्तीय सहायता प्रदान करके, वक्फ प्रशासन में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को अनिवार्य बनाकर और लैंगिक समानता एवं आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और पारदर्शिता को बढ़ावा देकर उन्हें सशक्त बनाता है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
नारी शक्ति वंदन अधिनियम, एक युगांतकारी संवैधानिक सुधार है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करता है, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व भी शामिल है। यह उनके राजनीतिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है और भविष्य की महिला नेताओं के लिए का मार्ग प्रशस्त करता है, ताकि वे भारत की प्रगति को आकार दे सकें।
लखपति दीदी योजना
लखपति दीदी पहल दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) का परिणाम है, जो एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (चंडीगढ़ और दिल्ली को छोड़कर) की साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश में गरीब ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सुधार लाना और ग्रामीण परिवारों को उनके सामाजिक और वित्तीय समावेशन के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित करना है।
2025 तक, 8.7 करोड़ डिजिटल आजीविका पंजीकरण और 4.13 लाख आजीविका सीआरपीएस के साथ ही साथ 3.32 करोड़ संभावित लखपति दीदी की पहचान की गई है।
स्वाधार गृह योजना
2011 में शुरू की गई, स्वाधार गृह योजना, केंद्र प्रायोजित पहल है, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रही महिलाओं को संस्थागत सहायता और पुनर्वास प्रदान करती है, ताकि वे सम्मान के साथ जीवन बिताने में सक्षम हो सकें।

नमो ड्रोन दीदी योजना
15 अगस्त, 2023 को प्रारंभ की गई नमो ड्रोन दीदी योजना, डीएवाई-एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को कृषि में ड्रोन के उपयोग के लिए 80% सब्सिडी (8 लाख रुपये तक) और प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाती है, जिससे उनकी आय सालाना 1 लाख रुपये से अधिक तक बढ़ जाती है, टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलता है और ग्रामीण रोज़गार व वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है। इस योजना का उद्देश्य 2024-25 से 2025-2026 की अवधि के दौरान 15000 चुनिंदा महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करना है, ताकि कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को किराये की सेवाएँ प्रदान की जा सकें। नवीनतम ड्रोन तकनीक के साथ कृषि के आधुनिकीकरण के लिए 1261 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)
2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) ने 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान कर महिलाओं को हानिकारक धुएं से मुक्ति दिलाई है, तथा स्वास्थ्य, पर्यावरण सुधार और लैंगिक समानता के क्षेत्र में इस उपलब्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने इसकी प्रशंसा की है।
महिला एवं बाल स्वास्थ्य सेवा एवं कल्याण
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की प्रमुख योजना है, जो 2017 से लागू है। यह सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले बच्चे के लिए 5,000 रुपये (साथ ही जननी सुरक्षा योजना प्रोत्साहन, औसतन 6,000 रुपये) और दूसरे बच्चे (यदि लड़की हो) के लिए 6,000 रुपये का मातृत्व लाभ प्रदान करती है, जिससे बालिका कल्याण को बढ़ावा मिलता है और जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार होता है।
इस योजना से 2025 तक 4.05 करोड़ महिलाओं को लाभ हुआ है, जबकि इसके लिए कोई विशिष्ट बजट आवंटन या आवंटन वर्ष निर्दिष्ट नहीं किया गया है।
मिशन इंद्रधनुष
25 दिसंबर, 2014 से आरंभ किया गया मिशन इंद्रधनुष, भारत में टीकाकरण कवरेज को बढ़ावा देने की दिशा में की गई एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है, जिसका उद्देश्य जानलेवा बीमारियों से बच्चों और गर्भवती महिलाओं की रक्षा करना है।
दिसंबर 2024 तक, 5.46 करोड़ से ज़्यादा बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई)
जेएसएसके की पूरक, जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) एक सशर्त नकद हस्तांतरण कार्यक्रम है, जो गरीब गर्भवती महिलाओं, विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देती है। इससे मार्च 2025 तक 11.07 करोड़ से अधिक महिलाएँ लाभांवित हुईं।
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन)
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) पहल गर्भवती महिलाओं, बीमार नवजात शिशुओं और माताओं के लिए प्रसव के छह महीने बाद तक निःशुल्क, उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करती है। इसके तहत मार्च 2025 तक, देश भर में 90,015 प्रमाणित स्वास्थ्य केंद्रों में गरिमापूर्ण और सम्मानजनक देखभाल प्रदान की गई।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए)
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) अत्यधिक जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की जल्दी पहचान करने के लिए पहली तिमाही में चार संपूर्ण प्रसवपूर्व जाँच प्रदान करके मातृ स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार करता है।
अगस्त 2025 तक, देश भर में 6813 स्वयंसेवक पंजीकृत हैं और पीएमएसएमए सेवाएँ प्रदान करने वाली 22,349 सुविधाएँ हैं।
महिलाओं को शिक्षित करना, प्रगति को सुगम बनाना
सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई)
2015 में शुरू की गई, सुकन्या समृद्धि योजना बालिकाओं के लिए एक छोटी जमा योजना है, जिसे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत शुरू किया गया है।
इसकी स्थापना के बाद से, 4.1 करोड़ सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी)
शिक्षा मंत्रालय के यूडीआईएसई आँकड़ों के अनुसार, माध्यमिक स्तर तक के स्कूलों में लड़कियों का नामांकन (2014-15) में 75.51% से बढ़कर 2023-24 में 78% हो गया है।
किरण योजना
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू की गई वाइज़-किरण योजना सभी पृष्ठभूमि की महिलाओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अपनी भागीदारी बढ़ाने, चुनौतियों से निपटने और विविध एवं समावेशी वैज्ञानिक इकोसिस्टम के लिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में सशक्त बनाती है।
फरवरी 2024 तक, देश भर की 52203 महिलाएँ वाइज़-किरण योजना से उल्लेखनीय रूप से लाभान्वित हुई हैं।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार की महिला-केंद्रित योजनाओं की श्रृंखला स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और राजनीतिक प्रतिनिधित्व की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करके लैंगिक समानता की दिशा में एक व्यापक बदलाव को गति दे रही है। विविध पृष्ठभूमियों की लाखों महिलाओं को सशक्त बनाकर, ये पहल न केवल व्यक्तिगत जीवन में बदलाव ला रही हैं, बल्कि देश के भविष्य को आकार देने में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करते हुए अधिक समावेशी, न्यायसंगत और प्रगतिशील भारत की मज़बूत नींव भी रख रही हैं।
संदर्भ:
https://missionindradhanush.in/
https://www.mohfw.gov.in/?q=en/pressrelease-168
https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=154585&ModuleId=3
https://pmsma.mohfw.gov.in/
https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2025/jan/doc2025121487401.pdf
https://lakhpatididi.gov.in/
https://namodronedidi.php-staging.com/
https://www.india.gov.in/spotlight/namo-drone-didi
https://eparlib.sansad.in/bitstream/123456789/2974456/1/AS64.pdf
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