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Farmer's Welfare

कृषि में आत्मनिर्भरता की दिशा में “किसानों का सशक्तिकरण, भारत का सुदृढ़ीकरण”

Posted On: 15 AUG 2025 14:12 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त, 2025 को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर उद्धबोधन:

 

  • हम खेती के मामले में देश के वो जिले जहां के किसान औरों से पीछे रह गए, किसी न किसी कारण से 100 जिले ऐसे हैं, जहां अपेक्षाकृत कम खेती है और इसलिए हमने 100 जिले आईडेंटिफाई किए पूरे देश में से और वहां के किसानों को एमपावर करना, किसानों को शक्ति देना, किसानों को मदद करने का एक अभियान चलाया है, और इसके लिए पीएम धन-धान्य कृषि योजना का आरंभ किया है।
  • पीएम धन-धान्य कृषि योजना वो देश के 100 जिले जहां थोड़ी सी मदद कर देंगे, तो वहां का किसान भी भारत के अन्य किसानों की बराबरी कर देगा।
  • मेरे देश के किसानों का भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है।
  • भारत के किसानों की मेहनत रंग ला रही है। पिछले साल अनाज के उत्पादन में, मेरे देश के किसानों ने पुराने सारे विक्रम तोड़ दिए, ये सामर्थ्य है मेरे देश का।
  • उतनी ही जमीन लेकिन व्यवस्थाएं बदली पानी पहुंचने लगा, अच्छे सीड्स मिलने लगे, किसानों को अच्छी सुविधाएं मिलने लगी हैं, तो वो अपना सामर्थ्य देश के लिए बढ़ा रहा है।

 

परिचय

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति की आत्मा है। यह लाखों परिवारों का भरण-पोषण करती है और राष्ट्र की पहचान को आकार देती है। पिछले ग्यारह वर्षों में, भारत कृषि में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, आयात पर निर्भरता कम कर रहा है, घरेलू उत्पादन बढ़ा रहा है और मूल्य श्रृंखला में क्षमता का निर्माण कर रहा है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसानों के प्रति दृष्टिकोण बदल गया है। अब उन्हें राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदार और भारत के विकास के वाहक के रूप में देखा जाता है। जैसे-जैसे देश अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, सशक्त किसान भारत को खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भरता और खाद्य उत्पादन में वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं।

बजट आवंटन

अगस्त 2025 तक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के लिए बजट अनुमान 2013-14 के 21,933.50 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 1,37,756.55 करोड़ रुपये हो गया है।

खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि

अगस्त 2025 तक खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2013-14 के 246.42 मिलियन टन से बढ़कर 2024-25 में 353.96 मिलियन टन हो गया (तीसरा अग्रिम अनुमान)।

एमएसपी में वृद्धि

सरकार ने वर्ष 2018-19 से अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ के साथ सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है।

 2021-22 में, धान (सामान्य) के लिए एमएसपी 1940 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था, जो 2025-26 में बढ़कर 2369 रुपये प्रति क्विंटल हो गया और गेहूं के लिए एमएसपी 2021-22 के 1975 रुपये से बढ़ाकर 2025-26 में 2425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान)

  • 2019 में पीएम-किसान का शुभारंभ- एक आय सहायता योजना जो 3 समान किस्तों में प्रति वर्ष 6000 रुपये प्रदान करती है।
  • अगस्त 2025 तक, भारत सरकार ने योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 20 किस्तों में 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएमकेएमवाई)

जुलाई 2025 तक, 24.88 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) के तहत नामांकित किया गया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)

  • 2016 से पीएमएफबीवाई के तहत 78.41 करोड़ आवेदनों का बीमा किया गया और 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया।
  • किसान नामांकन 3.17 करोड़ (2022-23) से 32 प्रतिशत बढ़कर 4.19 करोड़ (2024-25) हो गया, जो योजना के शुरू होने के बाद से सबसे अधिक है।
  • गैर-ऋणी किसानों के आवेदन 20 लाख (2014-15) से बढ़कर 522 लाख (2024-25) हो गए, जो व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसआई) 

अब तक 2021-26 के लिए 93,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। 112 सिंचाई परियोजनाएं क्रियान्वित की गई हैं, जिससे मानसून पर निर्भरता कम हुई है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी)

  • अब तक 7.71 करोड़ किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया गया है।
  • केसीसी के तहत ऋण सीमा 2025-26 के लिए 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड

  • मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना की शुरुआत के बाद से (24 जुलाई 2025 तक) किसानों को 25.17 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं।
  • कार्यान्वयन के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को 1,706.18 करोड़ रुपये जारी किए गए। देश भर में 8,272 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं।

कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ)

जुलाई 2025 तक, 1,13,419 परियोजनाओं के लिए 66,310 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इन परियोजनाओं ने कृषि क्षेत्र में 1,07,502 करोड़ रुपये का निवेश सफलतापूर्वक जुटाया है। एआईएफ के तहत स्वीकृत प्रमुख परियोजनाओं में 30,202 कस्टम हायरिंग सेंटर, 22,827 प्रसंस्करण इकाइयां, 15982 गोदाम, 3,703 सॉर्टिंग एंड ग्रेडिंग यूनिट्स, 2,454 शीत भंडारण परियोजनाएं और लगभग 38,251 कटाई-पश्चात प्रबंधन एवं व्यवहार्य कृषि परिसंपत्ति परियोजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र

मई 2025 तक, 1.8 लाख केन्द्र वन-स्टॉप शॉप के रूप में स्थापित किए गए हैं जो किसानों को इनपुट और जानकारी प्रदान करते हैं।

परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)

परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत, निर्दिष्ट समूहों में जैविक खेती के लिए तीन वर्षों में प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 2015-16 में योजना के शुरू के बाद से, यह 52,289 क्लस्टर बनाकर 14.99 लाख हेक्टेयर भूमि को जैविक खेती के अंतर्गत लाई है, जिससे लगभग 25.30 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम)

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल के साथ 1,522 मंडियों को एकीकृत किया गया है। 30 जून 2025 तक, विभिन्न कृषि वस्तुओं का 12.03 करोड़ मीट्रिक टन (एमटी) और नारियल, पान, स्वीट कॉर्न, नींबू और बांस जैसी गणनीय वस्तुओं की 49.15 करोड़ इकाइयों का व्यापार हुआ है। ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 4,39,941 करोड़ रुपये का व्यापार दर्ज किया गया है। जुलाई 2025 तक, 1.79 करोड़ से अधिक किसान और 4,518 एफपीओ ई-नाम पर पंजीकृत हैं।

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ)

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन 26 नवंबर, 2024 को शुरू किया गयाइस मिशन का उद्देश्य एक करोड़ किसानों के बीच रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देना और 2481 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित करना है

मिलेट्स

श्री अन्न- भारत दुनिया में मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक है और इसका वैश्विक उत्पादन में 38.4 प्रतिशत का योगदान है। वर्तमान में उत्पादन 15.99 मिलियन टन (2021-22) से बढ़कर 18.02 मिलियन टन (2024-25) हो गया है।

मेगा फूड पार्क

मेगा फूड पार्क योजना के तहत मेगा फूड पार्कों की संख्या 2014 के 2 से बढ़कर 2025 में 41 हो गई, जिनमें से 24 चालू हैं और 17 कार्यान्वयनाधीन हैं, जो खेत से बाजार तक बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हैं।

कृषि में नवाचार और उद्यमिता

  • नमो ड्रोन दीदी- सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराने हेतु 2023-24 से 2025-26 की अवधि के लिए 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 'नमो ड्रोन दीदी' को केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में मंज़ूरी दी है। इस योजना के तहत, चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पैकेज की लागत के 80 फीसदी की दर से अधिकतम 8.00 लाख रुपये तक केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान की जाती है।

 

  • एग्रीश्योर (स्टार्ट-अप्स और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष) - वित्तीय वर्ष 2019-20 और वित्तीय वर्ष 2024-25 के बीच राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत 1,943 कृषि-स्टार्टअप को वित्तीय और तकनीकी सहायता मिली है। 7,000 से अधिक कृषि और संबद्ध स्टार्टअप पंजीकृत किए गए हैं, जो भारत के कृषि क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता के एक नए युग का प्रतीक है।

 

संदर्भ

 

लोकसभा

https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/185/AU297_sD7whd.pdf?source=pqals

https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/185/AU1504_HVk1tf.pdf?source=pqals

https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/185/AU2593_Imu8WP.pdf?source=pqals

पीआईबी प्रेस विज्ञप्ति

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2148518

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2152563

https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?id=155010&NoteId=155010&ModuleId=3&reg=3&lang=2

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2151342

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2099756#:~:text=The%20PKVY%20scheme%20provides%20end-to-end%20support%20to%20organic,to%20help%20them%20to%20create%20a%20supply%20chain

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2149706

https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=154999

https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=154580&ModuleId=3

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