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आत्मनिर्भर भारत: व्यवसाय में आगे
Posted On: 15 AUG 2025 16:35 PM
सुधारों, नवाचार और उद्यमिता का जश्न
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त, 2025 को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर उद्धबोधन
- पिछले 11 सालों में उद्यमशीलता भी हमारी बहुत बड़ी ताक़त बनी है, आज टियर-2 और टियर-3 सिटी में लाख़ों युवा देश की इकोनॉमी को ताकत दे रहे हैं।
- नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स के लिए हमने एक टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय किया है। यह टास्क फोर्स समय सीमा में इस काम को पूरा करें। वर्तमान नियम, कानून, नीतियां, रीतियां 21वीं सदी के अनुकूल, वैश्विक वातावरण में अनुकूल और भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के संदर्भ में नए सिरे से तैयार हो और उसका समय सीमा में अपना कार्य पूरा करने के लिए टास्क फोर्स की रचना की है।
- हमारे स्टार्टअप्स हो, हमारे लघु उद्योग हो, हमारे गृह उद्योग हो, उन उद्यमियों को उनकी कंप्लायंस कास्ट बहुत कम हो जाएगी और उसके कारण उनको एक नई ताकत मिलेगी।
- जो एक्सपोर्ट की दुनिया में उनको लॉजिस्टिक सपोर्ट के कारण, व्यवस्थाओं में बदलाव के कारण उनको एक बहुत बड़ी ताकत मिलेगी।
- पिछले 11 साल में एंटरप्रेन्योरशिप उद्यमशीलता को बहुत बड़ी ताकत मिली। आज लाखों स्टार्टअप टीयर-2, टीयर-3 सिटी में देश की अर्थशक्ति को, देश के इनोवेशन को, ताकत दे रहे हैं।
- 40000 से ज्यादा अनावश्यक कंप्लायंसेस को हमने खत्म किया है। इतना ही नहीं, 1500 से अधिक पुराने कानून जो बाबा आदम के जमाने के थे, उन सबको हमने खत्म कर दिया है।
परिचय
भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इसी के साथ देश एक आत्मनिर्भर व्यावसायिक इकोसिस्टम के निर्माण में भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। 2014 से, भारत सरकार देश भर में कारोबारी सुगमता के माहौल को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। इसका उद्देश्य एक ऐसा व्यापार-अनुकूल इकोसिस्टम बनाना है जो निवेश आकर्षित करे, आर्थिक विकास को गति दे और उद्यमियों व नागरिकों के लिए नियमों को सरल बनाए।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, केंद्र सरकार ने कारोबारी सुगमता कार्यक्रम के तहत कई पहलों को लागू किया है। इनमें व्यापार सुधार कार्य योजना, व्यापार की तैयारी का मूल्यांकन, जन विश्वास अधिनियम और व्यवसायों व नागरिकों के लिए अनुपालन बोझ को कम करने के उपाय शामिल हैं।
इन सुधारों ने वर्षों से व्यवसाय शुरू करने और चलाने को सरल, तेज और अधिक पारदर्शी बनाया है। इन सुधारों ने शासन में विश्वास को मज़बूत किया है, नवाचार को प्रोत्साहित किया है और आत्मनिर्भरता की ओर भारत की यात्रा में सहयोग दिया है।
कारोबारी सुगमता के लिए कर सुधार
एक आधुनिक अर्थव्यवस्था को एक निष्पक्ष, सरल और पारदर्शी कर प्रणाली की आवश्यकता होती है। पिछले एक दशक में, भारत ने कराधान को व्यवसाय-अनुकूल बनाने के लिए साहसिक कदम उठाए हैं। इन सुधारों ने कर की दरों को कम किया है, अनावश्यक शुल्कों को हटाया है और अनुपालन को आसान बनाया है। लक्ष्य स्पष्ट है - निवेश को प्रोत्साहित करना, ईमानदारी को पुरस्कृत करना और विकास को बढ़ावा देना।
- कम कॉर्पोरेट कर: नई घरेलू विनिर्माण इकाइयां अब केवल 15 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर का भुगतान करती हैं। मौजूदा कंपनियों को 30 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत की दर से लाभ हुआ है। विदेशी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर भी घटाकर 35 प्रतिशत कर दी गई है।
- पारदर्शी कराधान मंच: अगस्त 2020 में लॉन्च किए गए "पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान" मंच ने फेसलेस आकलन की शुरुआत की। इसने करदाताओं का विश्वास मजबूत किया और कर अनुपालन को भय और अनिश्चितता से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा।
- एंजेल टैक्स को खत्म करना: जुलाई 2024 में, सभी निवेशक श्रेणियों के लिए एंजेल टैक्स हटा दिया गया। इस कदम ने स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मज़बूती दी, नवाचार को प्रोत्साहित किया और अधिक विदेशी और घरेलू निवेश को आकर्षित किया।
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): जीएसटी ने 2017 से पहले मौजूद कई अप्रत्यक्ष करों के जाल को बदल दिया। इसने एक एकल राष्ट्रीय बाजार बनाया, अंतरराज्यीय व्यापार बाधाओं को दूर किया और अनुपालन लागत में कमी की। व्यवसाय अब आपूर्ति श्रृंखला में निर्बाध रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकते हैं।
भारत के व्यावसायिक परिदृश्य में बदलाव
भारत ने व्यवसाय शुरू करने, चलाने और उसे बढ़ाने को आसान बनाने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। डिजिटल सिंगल-विंडो मंज़ूरियों से लेकर बड़े पैमाने पर नियामकीय सफाई तक, एक पूर्वानुमानित और सहायक व्यावसायिक वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये बदलाव समय बचाते हैं, लागत कम करते हैं और उद्यमियों और निवेशकों में विश्वास जगाते हैं।
- राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस): एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म जो व्यवसायों को आवश्यक अनुमोदनों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करता है और उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने में मदद करता है। "अपनी स्वीकृति जानें" (नौ योर एप्रूवल्स) मॉड्यूल 32 केंद्रीय विभागों और 34 राज्यों में अनुमोदनों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। 32 केंद्रीय विभागों और 29 राज्य सरकारों से अनुमोदन के लिए आवेदन सीधे पोर्टल के माध्यम से दायर किए जा सकते हैं।
- एसपीआईसीई+ फॉर्म: 2020 में पेश किया गया, यह वेब-आधारित फ़ॉर्म महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ तीन केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा दी जाने वाली 10 सेवाओं को एकीकृत करता है। यह निगमन को सरल बनाता है, प्रक्रियाओं को कम करता है, समय बचाता है और लागत में कटौती करता है। अब यह सभी नए कंपनी पंजीकरणों के लिए अनिवार्य है।
- जन विश्वास अधिनियम, 2023: इस अधिनियम ने 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त करने के लिए 42 कानूनों में संशोधन किया। यह विश्वास-आधारित शासन को मज़बूत करता है और नागरिकों और व्यवसायों के लिए कानून का पालन करना आसान बनाता है।
- नियामक अनुपालन बोझ (आरसीबी) पहल: इस पहल के तहत, 15,898 अनुपालनों को सरल बनाया गया है, 22,264 का डिजिटलीकरण किया गया है, 4,023 को गैर-अपराधीकरण किया गया है, और 2,909 को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
- कानूनी सरलीकरण: 1,500 से ज़्यादा पुराने कानूनों को निरस्त कर दिया गया है। केंद्र और राज्य सरकारों में 45,000 से ज्यादा अनुपालन आवश्यकताओं को हटा दिया गया है। कंपनी अधिनियम के तहत 81 समझौता योग्य अपराधों में से 50 को गैर-अपराधीकरण कर दिया गया है।
उद्यमियों का सशक्तिकरण - भारत का स्टार्टअप बूम
भारत की स्टार्टअप यात्रा उल्लेखनीय रही है। पिछले एक दशक में, यह नवप्रवर्तकों के एक छोटे समूह से दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते इकोसिस्टम में से एक बन गया है। यह वृद्धि उद्यमशीलता की भावना, निवेशकों के विश्वास और नीतिगत समर्थन में वृद्धि को दर्शाती है।

- भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
- 30 जून 2025 तक, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा 1,80,683 संस्थाओं को आधिकारिक तौर पर स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी जा चुकी है।
- इन स्टार्टअप्स ने 17.6 लाख से ज़्यादा रोज़गार सृजित किए हैं और विविध क्षेत्रों में नए अवसर पैदा किए हैं।
- 2014 में, भारत में केवल चार यूनिकॉर्न थे। 2025 तक, यह संख्या 118 को पार कर जाएगी, जो मज़बूत घरेलू नवाचार और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
व्यावसायिक माहौल और नवाचार
भारत के सुधारों ने न केवल घरेलू कारोबारी माहौल को बदला है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सराहना बटोरी है। अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में देश का उत्थान नियमों को सरल बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है।

- विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग पांच वर्षों में 79 स्थानों की वृद्धि के साथ 2014 में 142वें स्थान से बढ़कर 2019 में 63वें स्थान पर पहुंच गई।
- भारत की वैश्विक नवाचार सूचकांक रैंकिंग 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2024 में 39वें स्थान पर पहुंच गई है, जो अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और रचनात्मकता में मज़बूत प्रगति को दर्शाता है।
- भारत में दिए गए पेटेंट 2014-15 में 5,978 से बढ़कर 2023-24 में 1,03,057 हो गए हैं, जो नवाचार उत्पादन में 17 गुना वृद्धि दर्शाता है।
संदर्भ:
PIB Backgrounders:
https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2025/jun/doc2025619572801.pdf
Ministry of Commerce and Industry:
https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/185/AU1493_bmKo88.pdf?source=pqals
https://sansad.in/getFile/annex/268/AU1482_4c6eUQ.pdf?source=pqars
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