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Industries

 एमएसएमई में जीएसटी सुधार

Posted On: 13 SEP 2025 11:13 AM

भारत में विकास और रोजगार को बढ़ावा

परिचय

हाल ही में जीएसटी को युक्तिसंगत बनाया गया है। यह मौजूदा सरकारी योजनाओं जैसे मेक इन इंडिया, पीएम गति शक्ति और प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ रणनीतिक रूप से जुड़ा हुआ है, जो अनुपालन लागत में कमी और बाजार पहुंच का विस्तार करके एमएसएमई और श्रम-गहन क्षेत्रों का समर्थन करता है। प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के तहत, ऑटोमोबाइल, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान, लॉजिस्टिक्स और हस्तशिल्प में जीएसटी दरों को कम करके, ये सुधार आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करते हैं, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और विशेष रूप से महिलाओं, ग्रामीण उद्यमियों और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए रोजगार को बढ़ावा देते हैं। वस्त्र, खिलौने, हस्तशिल्प, चमड़ा और एमएसएमई जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं, जिसका वस्त्र, सिलाई और डेयरी क्षेत्र में महिलाओं के रोजगार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। ये सुधार मिलकर एक आत्मनिर्भर, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और समावेशी विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं।

ऑटोमोबाइल और परिवहन

  • दोपहिया वाहनों, कारों, बसों और ट्रैक्टरों पर कम जीएसटी से मांग बढ़ती है, जिससे टायर, बैटरी, ग्लास, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के एमएसएमई को लाभ होता है।
  • सस्ती बाइक के माध्यम से गिग वर्कर्स, किसानों और ग्रामीण व्यापारियों को मदद मिलती है, सस्ती कारें छोटे शहरों में एमएसएमई और डीलरशिप को सहायता प्रदान करती हैं।
  • ट्रैक्टरों पर जीएसटी घटाकर 5% (<1800 सीसी) करने से भारत की वैश्विक स्तर पर ट्रैक्टर विनिर्माण में अग्रणी बनने की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही इससे संबद्ध एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलता है।
  • वाणिज्यिक माल वाहनों (ट्रक, डिलीवरी वैन) पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया, जिससे माल ढुलाई, लॉजिस्टिक्स लागत, महंगाई का दबाव कम हुआ और एमएसएमई ट्रक मालिकों को लाभ हुआ।
  • बसों (10 से अधिक सीटों) पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया है जिससे फ्लीट ऑपरेटरों, स्कूलों के लिए लागत कम हुई तथा श्रमिकों के लिए किराया वहन करने की क्षमता बढ़ी है।

खाद्य और डेयरी

  • अधिकांश खाद्य पदार्थों पर जीएसटी 12% या 18% से घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया, जिससे खाद्य प्रसंस्करण, लघु प्रसंस्करणकर्ताओं, क्षेत्रीय ब्रांडों, डेयरी सहकारी समितियों, पैकेजिंग और कोल्ड स्टोरेज में एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • चॉकलेट, केक और कन्फेक्शनरी पर जीएसटी कम किए जाने से छोटे मिठाई निर्माताओं की बिक्री बढ़ेगी।
  • डेयरी क्षेत्र को दूध और पनीर पर शून्य जीएसटी, मक्खन और घी पर 12% से घटाकर 5% जीएसटी से लाभ होगा; किसानों, स्वयं सहायता समूहों, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा और पोषण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
  • दूध के डिब्बों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है।
  • डायबिटिक फूड्स (12% से 5% जीएसटी): विशेष आहार उत्पादों के लिए कम कीमतें, मधुमेह रोगियों पर बोझ को कम करना।
  • बादाम, हेज़लनट्स, खजूर, अंजीर आदि जैसे सूखे मेवों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है। इससे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक आहार को बढ़ावा मिलेगा। यह स्वास्थ्यवर्धक भोजन और नाश्ते के विकल्पों के सेवन को प्रोत्साहित करेगा, जिससे घरेलू पोषण में सुधार होगा।
  • तैयार या संरक्षित मछली (12% से 5%): फलों का पल्प या फलों के रस पर आधारित पेय (12% से 5%) और दूध युक्त पेय (12% से 5%)  भी सस्ते होंगे।

वस्त्र, परिधान और चमड़ा

  • मानव निर्मित फाइबर पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया, इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही किया गया, जिससे एमएसएमई वस्त्र निर्माताओं और निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ी।
  • रेडीमेड वस्त्रों पर जीएसटी स्लैब को 2,500 रुपये (पहले 1,000 रुपये) तक के सामान के लिए बढ़ाया गया और जीएसटी को 5% किया गया, जिससे श्रेणी-2 या 3 शहरों में मांग को बढ़ावा मिलेगा और श्रम-गहन वस्त्र इकाइयों, विशेषकर महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • चमड़ा उत्पादों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया (प्रति जोड़ी ₹2,500 से कम); इससे पशुओं की खाल, टेनरियों और फुटवियर निर्माण वाले एमएसएमई को लाभ होगा।

 

आवास और निर्माण सामग्री

  •  सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया, जिससे आवास की लागत कम होगी और प्रधानमंत्री आवास योजना को प्रोत्साहन मिलेगा; इससे खनन, विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
  • ईंटों के काम पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% किया गया, जिससे ग्रामीण आवास की लागत कम होगी और ईंट भट्टे चलाने वाले एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • सीमेंट-बॉन्डेड और जूट पार्टिकल बोर्ड पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया, जिससे प्रीफैब और आवास निर्माण लागत कम हो गई।
  • मार्बल और ग्रेनाइट पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया, जिससे घरेलू पत्थरों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा और पत्थर प्रसंस्करण रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • कृषि आधारित लकड़ी उत्पादों (चावल की भूसी वाले बोर्ड, बैम्बू फ्लोरिंग, आदि) पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया, जिससे एमएसएमई लकड़ी उत्पाद इकाइयों को मदद मिली।

हस्तशिल्प और रचनात्मक उद्योग

  • हस्तशिल्प: जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया। मूर्तियां, पेंटिंग, जड़ाऊ कार्य, टेराकोटा, हैंडबैग, कलाकृतियां, टेबलवेयर- कारीगरों और शिल्पकारों को बड़ी राहत।
  • खिलौने और खेल के सामान: जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया। वोकल फॉर लोकल के तहत स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा, आयात पर निर्भरता कम होगी और खिलौना निर्माण में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।

लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग और सस्टेनेबिलिटी

  • पैकिंग पेपर, कार्टन, क्रेट पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे लॉजिस्टिक्स/पैकेजिंग लागत में कमी आएगी, छोटी एमएसएमई पैकेजिंग इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा और ई-कॉमर्स लागत में कमी आएगी।
  • बायोडिग्रेडेबल बैग पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया। इससे पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को प्रोत्साहन मिलेगा, कम्पोस्टेबल मैटेरियल के क्षेत्र में स्टार्ट-अप और एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा।

 

विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (एलपीआई) में भारत की रैंकिंग 2014 के 54 (160 देशों में से) से 16 स्थान बढ़कर 2023 में 38 (139 देशों में) हो गई है। विश्व बैंक ने एलपीआई 2023 रिपोर्ट में भारत के प्रयासों की सराहना की है, जिसमें दोनों तटों पर स्थित बंदरगाहों को आंतरिक क्षेत्रों के आर्थिक केंद्रों से जोड़ने के लिए सॉफ्ट और हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और आपूर्ति श्रृंखला का डिजिटलीकरण शामिल है। जीएसटी दरों में नई कटौती लॉजिस्टिक्स लागत कम करने के भारत के प्रयासों को रेखांकित करेगी।

 

पर्यटन और आतिथ्य

  •  ₹7,500/दिन से कम के होटल: जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया (आईटीसी के बिना)। इससे घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बजट/मध्यम श्रेणी के होटलों को बढ़ावा मिलेगा और आतिथ्य क्षेत्र में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
  • 2020-21 से 2023-24 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन क्षेत्र का योगदान नीचे दिया गया है:

 

वर्ष

सकल घरेलू उत्पाद में कुल हिस्सेदारी (% में)

2020-21

1.50

2023-24 (पी)

5.22

(पी): अनंतिम अनुमान

जीएसटी में कटौती से देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान और बढ़ेगा।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा किया गया व्यापक जीएसटी युक्तिकरण, एमएसएमई को सीधे तौर पर मज़बूत बनाकर, रोज़गार के अवसरों को बढ़ाकर और ऑटोमोबाइल, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स एवं हस्तशिल्प जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करके मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, पीएम गति शक्ति और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के उद्देश्यों के साथ निकटता से जुड़ा है। जीएसटी की कम दरों ने आवश्यक वस्तुओं, कच्चे माल और सेवाओं को अधिक किफायती बना दिया है, जिससे छोटे एवं मध्यम उद्यमों और स्टार्ट-अप को परिचालन बढ़ाने, नवाचार में निवेश करने और घरेलू व वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित किया है। ये सुधार निर्मित वस्तुओं, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, परिधानों और यहां तक कि पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को कम लागत पर सुलभ बनाकर महिला-नेतृत्व वाले और श्रम-गहन उद्योगों को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे शहरी निर्माताओं के साथ-साथ ग्रामीण, अर्ध-शहरी और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों का आर्थिक समावेशन बढ़ता है। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करके, इनपुट लागत को कम करके और अनुपालन को सरल बनाकर, सरकार एक मजबूत, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर औद्योगिक इकोसिस्टम की नींव रख रही है, जिससे 2047 तक विकसित और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत, विकसित भारत की दिशा में देश की यात्रा में तेजी आएगी।

संदर्भ:

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पीके/केसी/एसके

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