Farmer's Welfare
जीएसटी सुधारों के जरिए फूड प्रोसेसिंग और लॉजिस्टिक्स का सशक्तिकरण
Posted On:
15 SEP 2025 09:41 AM
खाद्यान्नों को किफायती, उद्योगों को प्रतिस्पर्धी और लॉजिस्टिक्स को सक्षम बनाना
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प्रमुख बातें
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- यूएचटी दूध, पनीर/ छेना, पराठा/ परोटा, खाखरा, चपाती/ रोटी, पिज्जा ब्रेड जैसे खाद्यान्नों को जीएसटी से छूट दी गई है।
- पैकेज्ड फूड/ स्नैक्स, चॉकलेट, सॉस, जूस, कॉफी इत्यादि पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे मांग और इससे जुड़े उद्योग को प्रोत्साहन मिला है।
- क्रेट और कागज जैसी पैकेजिंग सामग्री पर टैक्स अब 5% है, जिससे लॉजिस्टिक्स और उत्पादन लागत में कमी आएगी।
- ट्रकों और मालवाहक वाहनों पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे माल ढुलाई दरों में कमी आई है और आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत हुई हैं।
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3 सितंबर, 2025 को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद् की 56वीं बैठक में, सरकार ने अधिकांश खाद्यान्नों को 5% या जीरो टैक्स स्लैब के अंतर्गत लाकर फूड प्रोसेसिंग उद्योग में कराधान को सरल बनाने का लक्ष्य रखा है। यह फ्रेमवर्क व्यवसायों के लिए एकरूपता, पारदर्शिता और अनुपालन में आसानी लाता है, साथ ही विवाद की गुंजाइशों को कम करता है, क्योंकि वर्गीकरण से जुड़े मुद्दों के चलते कुछ भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है, जहां समान सामग्री वाले उत्पादों को अलग-अलग कर स्लैब में रखा जाता है। इससे आमतौर पर उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों के लिए विवाद, मुकदमेबाजी और अनिश्चितता पैदा होती है। साथ ही, यह उपभोक्ताओं को मूल्य राहत भी प्रदान करता है, जैसा कि पराठा, परोटा और रोटी जैसी मुख्य भारतीय रोटियों को जीएसटी से छूट देने से देखा जा सकता है, जो उन्हें आवश्यक घरेलू खाद्य पदार्थों के रूप में दर्शाता है।
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भारत में खाद्यान्नों की पहुंच और खरीदने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी पहल
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भारत सरकार मुख्य तौर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के जरिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है, जो लक्ष्य की गई सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से ग्रामीण आबादी के 75% और शहरी आबादी के 50% को काफी रियायती दाम पर खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार देता है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) 81.35 करोड़ से अधिक लाभार्थियों (27 जून, 2025 तक) को निःशुल्क खाद्यान्न प्रदान करके इस पहुंच को मजबूत कर रही है, इस योजना को जनवरी 2024 से पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष और भारत दाल व भारत चावल जैसे प्रमुख खाद्यान्नों की रियायती बिक्री जैसी पहलों का इस्तेमाल कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने और आवश्यक खाद्यान्नों को किफायती बनाने के लिए करती है।
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जीएसटी में कटौती वाले प्रमुख खाद्यान्न
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वस्तु श्रेणी
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पहले जीएसटी
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नया जीएसटी
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अति-उच्च तापमान (यूएचटी) वाला दूध
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5%
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शून्य
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पूर्व-पैक और लेबल वाला छेना/ पनीर
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5%
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शून्य
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पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती/ रोटी
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5%
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शून्य
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पराठा, परोटा
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18%
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शून्य
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पैक किए गए खाद्य पदार्थ और स्नैक्स जैसे नमकीन, भुजिया, मिक्सचर, बैटर, तुरंत बनने वाला नूडल्स, पास्ता, मैकरोनी, स्पेगेटी, लजानिया, रैवियोली, ग्नोची आदि।
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12%
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5%
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नारियल पानी, पूर्व-पैक और लेबल वाला
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12%
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5%
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पीने का पानी (20 लीटर की बोतल)
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12%
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5%
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सॉस और मसाले जैसे करी पेस्ट, मेयोनीज, मिश्रित मसाले
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12%
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5%
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सभी सामान, जिनमें रिफाइंड चीनी, स्वाद या रंग मिलाए गए हों, शुगर क्यूब्स; चीनी में उबली हुई मिठाइयां
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12%
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5%
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ब्राजीली मेवे (सूखे)
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12%
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5%
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अन्य मेवे (सूखे) जैसे बादाम, हेजलनट्स या फिल्बर्ट्स, चेस्टनट, पिस्ता, मैकाडामिया नट्स, कोला नट्स, पाइन नट्स
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12%
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5%
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खजूर, अंजीर, अनानास, एवोकाडो, अमरूद, आम (कटे हुए, सूखे आमों को छोड़कर)
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12%
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5%
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भुनी हुई चिकोरी और अन्य भुनी हुई कॉफी के विकल्प (अर्क/सार/सांद्र)
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12%
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5%
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मक्खन, घी और अन्य डेयरी वसा
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12%
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5%
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संरक्षित और प्रसंस्कृत मांस/ मछली, जैसे सॉसेज, तैयार/ संरक्षित मांस, मछली, क्रस्टेशियन
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12%
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5%
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गाढ़ा दूध, पनीर
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12%
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5%
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जैम, जेली, मुरब्बा, प्यूरी, नट्स पेस्ट
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12%
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5%
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संरक्षित सब्ज़ियाँ और अचार
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12%
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5%
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फलों और सब्जियों के रस/ पेय जैसे फलों के गूदे का रस, मेवे का रस, सब्जियों का रस
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12%
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5%
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दूध, सोया दूध युक्त पेय पदार्थ
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12%
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5%
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आइसक्रीम और खाने योग्य बर्फ
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18%
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5%
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पौधे-आधारित दूध पेय
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18%
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5%
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सूप और शोरबा और इसकी तैयारी
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18%
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5%
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चाय और कॉफी (अर्क/सार/सांद्र)
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18%
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5%
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चॉकलेट और कोको उत्पाद (मक्खन, पाउडर)
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18%
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5%
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वनस्पति रस और अर्क
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18%
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5%
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चीनी मिष्ठान्न; पेस्ट्री, केक, बिस्कुट और अन्य बेकरी उत्पाद
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18%
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5%
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खाद्य पदार्थों पर जीएसटी को 5% या शून्य करने से न केवल उपभोक्ताओं को बल्कि फूड प्रोसेसिंग मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक हितधारक - किसानों और सहकारी समितियों से लेकर एमएसएमई, खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों तक को लाभ होगा:
- डेयरी और स्नैक्स उत्पादों पर घरेलू खर्च कम होगा।
- भारत के फूड प्रोसेसिंग उद्योगों, दुग्ध सहकारी समितियों और निजी डेयरियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे एमएसएमई और क्षेत्रीय ब्रांडों को सहयोग मिलेगा।
- बड़े कन्फेक्शनरी संयंत्रों के साथ-साथ छोटे पैमाने के उत्पादकों को भी सहयोग मिलेगा।
- इनपुट लागत कम होगी और उत्पादन की मात्रा बढ़ेगी।

पैकिंग पेपर, पैकिंग केस और क्रेट: जीएसटी घटकर 5% हुआ
- पूरे लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग पर लागत में कमी से उपभोक्ता कीमतों में सीधे कमी आएगी।
- लागत-प्रभावी पैकेजिंग समाधानों पर निर्भर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और छोटे निर्माताओं को राहत प्रदान करेगा।
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परिवहन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को मदद
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वाणिज्यिक माल वाहन (ट्रक, डिलीवरी वैन, आदि) - जीएसटी 28% से घटकर 18%
- ट्रक भारत की आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़ हैं, जो लगभग 65%-70% माल ढुलाई करते हैं।
- कम जीएसटी से ट्रकों की पूंजीगत लागत कम होगी, जिससे प्रति टन-किलोमीटर माल ढुलाई दरों में सीधे कमी आएगी।
- इसका व्यापक असर होगा, जिससे कृषि वस्तुओं, सीमेंट, स्टील, एफएमसीजी उत्पादों और ई-कॉमर्स डिलीवरी के परिवहन की लागत कम होगी।
- इससे कई क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स खर्च को कम करके महंगाई के दबाव को नियंत्रित करने में और मदद मिलेगी।
- भारत के परिवहन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा एमएसएमई ट्रक मालिकों से बना है, जिन्हें कम लागत से सीधे लाभ होगा।
- कम लॉजिस्टिक्स लागत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।
- ये सुधार पीएम गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के उद्देश्यों का सहयोग करते हैं।
इसके अतिरिक्त, मालवाहक वाहनों के थर्ड-पार्टी बीमा पर जीएसटी में कमी (आईटीसी के साथ 12% से 5% तक) इन प्रयासों को और पुष्ट करती है।
फूड प्रोसेसिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में हाल ही में किए गए जीएसटी सुधार उपभोक्ताओं के लिए खरीदने की क्षमता, उद्योग जगत के लिए पूर्वानुमान करने की योग्यता और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करते हैं। आवश्यक खाद्यान्नों, पैकेजिंग सामग्री और परिवहन वाहनों पर कर दरों में कमी करके, सरकार ने न केवल कराधान को सरल बनाया है, बल्कि फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स और इससे जुड़े उद्योगों में सतत विकास की एक मजबूत नींव भी रखी है।
संदर्भ
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
वित्त मंत्रालय
https://www.pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2163555
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1897933
https://dfpd.gov.in/pradhan-mantri-garib-kalyan-anna-yojana/hi
https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2024/jul/doc2024728356501.pdf
जीएसटी सुधारों के जरिए फूड प्रोसेसिंग और लॉजिस्टिक्स का सशक्तिकरण
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पीके/केसी/एमएम
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