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जीएसटी सुधारों से भारत की हरित परिवर्तन यात्रा को गति मिली
Posted On: 16 SEP 2025 13:01 PM
नेट जीरो 2070 के अनुरूप सुलभ स्थिरता

परिचय
भारत की स्थिरता और जलवायु कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता को हाल ही में जीएसटी युक्तिकरण के माध्यम से और मजबूत किया गया है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं, बायोडिग्रेडेबल उत्पादों और हरित परिवहन पर कर दरों को रणनीतिक रूप से कम किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ये सुधार स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाने, पर्यावरण-अनुकूल विनिर्माण को प्रोत्साहित करने, अपशिष्ट उपचार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सतत गतिशीलता समाधानों को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। विकसित भारत 2047 और लाइफ आंदोलन जैसी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप ये बदलाव भारत की नेट जीरो 2070 महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करते हैं तथा उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों के लिए हरित विकल्पों को अधिक किफायती और सुलभ बनाकर पेरिस समझौते के प्रति इसके पालन को मजबूत करते हैं।
भारत ने नवंबर 2021 में यूएनएफसीसीसी के 26वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज में 2070 तक नेट जीरो हासिल करने का अपना लक्ष्य घोषित किया। यह रणनीति चार स्तंभों पर टिकी है: भारत का न्यूनतम ऐतिहासिक उत्सर्जन, बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताएं, निम्न-कार्बन विकास की खोज और जलवायु मजबूती का निर्माण।

नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु रणनीति
सौर और पवन उपकरण [जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया]
- सौर कुकर
- बायो-गैस संयंत्र
- सौर ऊर्जा आधारित उपकरण
- सौर ऊर्जा जनरेटर
- पवन चक्कियां, पवन संचालित विद्युत जनरेटर (डब्ल्यूओईजी)
- अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र/उपकरण
- सौर लालटेन/सौर लैंप
- समुद्री लहरें/ज्वारीय लहरें ऊर्जा उपकरण/संयंत्र
- फोटो वोल्टिक सैल, चाहे वे मॉड्यूल में असेम्बल किए गए हों या पैनल में बनाए गए हों।[1]
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 24,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना चला रहा है। इसका उद्देश्य उच्च दक्षता वाले सौर पैनलों का उत्पादन करने के लिए भारत में बड़े पैमाने पर कारखानों का निर्माण करना है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।[2]
- जीएसटी में कमी से सौर पैनलों, पीवी सेल, विंड टर्बाइन और संबंधित उपकरणों की पूंजीगत लागत सीधे कम हो जाएगी।
- ये कमी सौर और पवन परियोजनाओं की व्यवहार्यता बढएगी, जिससे अंतिम उपभोक्ताओं के लिए शुल्क कम होगा।
- जीएसटी दरों में कटौती पीएलआई योजनाओं के तहत भारत के सौर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण इकोसिस्टम का समर्थन करके घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगी, जिससे घरेलू उत्पाद आयात के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे।
- यह सौर पंपों को अधिक किफायती बनाएगा जिससे सिंचाई लागत कम होगी और किसानों को सहायता मिलेगी।
भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 42 गुना से अधिक बढ़कर 2014 में 2.82 गीगावॉट से 31 जुलाई, 2025 तक 119.54 गीगावॉट हो गई है। भारत ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से आर्थिक विकास को उत्तरोत्तर अलग करना जारी रखा है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उत्सर्जन तीव्रता 2005 और 2020 के बीच 36 प्रतिशत कम हो गई है।
उत्सर्जन तीव्रता की गणना किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) द्वारा कुल ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को विभाजित करके की जाती है।
अपशिष्ट प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण
अपशिष्ट उपचार (सीईटीपी) [जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया]
कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया।
- सीईटीपी पर करों को कम करने से उद्योगों को केंद्रीकृत अपशिष्ट उपचार विधियों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण मुक्त वातावरण होगा और औद्योगिक क्षेत्रों में सतत विकास का समर्थन होगा।
- इससे नगर निगमों को कचरे के प्रबंधन के लिए स्वच्छ ऊर्जा समाधान लागू करने में सहायता मिलेगी।
- जीएसटी में कटौती से अपशिष्ट पृथक्करण, संयंत्र संचालन और रखरखाव जैसे क्षेत्रों में हरित रोजगार पैदा होंगे।
4 अगस्त, 2025 तक, पूरे भारत में कुल 222 सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र (सीईटीपी) काम कर रहे थे, जिनमें से 53 सीईटीपी को विभिन्न राज्यों में स्थित शून्य तरल निर्वहन (जेडएलडी) प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
प्लास्टिक के विकल्प और बायोडिग्रेडेबल सामग्री
बायोडिग्रेडेबल बैग पर जीएसटी में कमी (18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत जीएसटी)
- बायोडिग्रेडेबल बैग पर जीएसटी कम करने से वे अधिक किफायती हो जाते हैं, जिससे उपभोक्ताओं और खुदरा विक्रेताओं को एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक से दूर रहने के लिए प्रोत्साहन मिलता है और इस तरह प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है।
- यह प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 के प्रति भारत के पालन का समर्थन करता है और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध को मजबूत करता है।
- यह अनुसंधान और विकास में निवेश को बढ़ावा देगा तथा बायो-पॉलिमर, स्टार्च-आधारित और कंपोस्टेबल सामग्री के विस्तार को बढ़ावा देगा।
- बायोडिग्रेडेबल बैग को तेजी से अपनाने से नदियों, मिट्टी और समुद्री वातावरण में प्लास्टिक रिसाव कम हो जाएगा।
- चूंकि कई बायोडिग्रेडेबल बैग उत्पादक छोटे और मध्यम उद्यम या स्टार्टअप हैं, इसलिए कम जीएसटी उनके बाजार में प्रवेश को सुगमता प्रदान करता है और मांग बढ़ाता है।
हरित गतिशीलता और सतत परिवहन

बसें (10+ व्यक्तियों के बैठने की क्षमता) [जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया]
- कम कर दर से बसों और मिनी बसों (10+सीटों वाली) की शुरुआती लागत कम होगी।
- इससे फ्लीट ऑपरेटरों, कॉरपोरेट्स, स्कूलों, टूर ऑपरेटरों और राज्य परिवहन उपक्रमों से मांग बढ़ेगी।
- निजी वाहनों से साझा/सार्वजनिक परिवहन की ओर बदलाव को और प्रोत्साहित करेगा, जिससे भीड़भाड़ और प्रदूषण होगा।
- यह बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पुरानी बसों का उपयोग कम होगा।
वाणिज्यिक माल वाहन (ट्रक, डिलीवरी-वैन, आदि) [जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया]
- ट्रक भारत की आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़ हैं, जो 65 प्रतिशत-70 प्रतिशत माल यातायात का वहन करते हैं।
- जीएसटी दरों में कटौती से बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा, जो पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देगा तथा प्रदूषण और उत्सर्जन कम होगा।
निष्कर्ष
जीएसटी युक्तिकरण नवीकरणीय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन, बायोडिग्रेडेबल उत्पादों और हरित गतिशीलता को अधिक किफायती और पहुंच के भीतर बनाकर भारत के जलवायु लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लागत में कटौती, घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और स्थायी उद्योगों का समर्थन करके ये बदलाव स्वच्छ ऊर्जा और प्रदूषण नियंत्रण समाधानों को अपनाने में तेजी लाएंगे। ऐसा करके, यह पेरिस समझौते के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं को और मजबूत करता है और एक स्वच्छ, स्वस्थ और अधिक स्थायी भविष्य की नींव रखता है।
संदर्भ:
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
जीएसटी सुधारों से भारत की हरित परिवर्तन यात्रा को गति मिली
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पीके/केसी/आईएम/एमपी
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