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Technology

ड्रोन अर्थव्यवस्था को लगे पंख

Posted On: 18 SEP 2025 15:54 PM

भारतीय ड्रोन पारिस्थितिकी के लिए जीएसटी सुधार

प्रमुख बिंदु

 

  • ड्रोन पर जीएसटी को 18/28 प्रतिशत से घटा कर एक समान 5 प्रतिशत किया गया।
  • इस सुधार ने वर्गीकरण के विवादों को खत्म किया और नीति की निश्चितता सुनिश्चित की
  • मेक इन इंडिया के अंतर्गत स्वदेश में ड्रोन निर्माण को बढ़ावा मिला।
  • कृषि, खनन, लॉजिस्टिक्स और रक्षा में ड्रोन के उपयोग का विस्तार
  • मैनुफैक्चरिंग, सॉफ्टवेयर और फील्ड ऑपरेशन में रोजगार पैदा होने की संभावना

ड्रोन कृषि, रक्षा, आपदा प्रबंधन और अवसंरचना विकास जैसे क्षेत्रों में परिवर्तन के साधन के तौर पर उभरा है। भारत सरकार इसकी संभावनाओं को पहचानते हुए राष्ट्रीय विकास की रणनीतियों में ड्रोन प्रौद्योगिकी को शामिल करने के प्रयास तेज कर रही है। नमो ड्रोन दीदी योजना जैसी पहलकदमियों का उद्देश्य कृषि सेवाओं के लिए ड्रोन प्रदान कर महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सशक्त बनाना है। इससे उत्पादकता बढ़ेगी और आजीविका के अवसर पैदा होंगे। रक्षा क्षेत्र में, भारतीय सेना का टेरियर साइबर क्वेस्ट 2025 सुरक्षा की आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए ड्रोन समेत उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर केंद्रित है। इसके अलावा, भारत सरकार नेशनल टेस्ट हाउस के जरिए किफायती प्रमाणन सेवाएं मुहैया कराते हुए स्वदेशी ड्रोन उद्योग के विकास में मदद कर मेक इन इंडिया की पहल को समर्थन दे रही है। ये सभी प्रयास मिल कर आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सशक्तीकरण के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सितंबर 3, 2025 को आयोजित 56वीं बैठक में मानव रहित विमान (ड्रोन) पर जीएसटी की दर को 18/28 प्रतिशत से काफी घटाते हुए एक समान 5 प्रतिशत कर दिया गया। इस सुधार से जीएसटी को तार्किक बनाने के पीछे लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना तथा मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की पहलकदमियों के तहत इसके स्वदेशी निर्माण को मजबूती प्रदान करना है। एक समान जीएसटी से वर्गीकरण के विवाद खत्म होंगे, नीतिगत निश्चितता मिलेगी और इस उभरते उद्योग में निवेश करने वाले व्यवसायों के लिए अनुमान लगाने योग्य माहौल पैदा होगा।

 

भारत सरकार ने ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इनका उद्देश्य भारत को 2030 तक ड्रोन का वैश्विक केंद्र बनाना है। इन कदमों में उदार ड्रोन नियम, 2021, ऑनलाइन अनुमतियों के लिए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म का गठन और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने के वास्ते ड्रोन और उसके पुर्जों से संबंधित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना शामिल है। ड्रोन शक्ति जैसी पहलकदमियों से सेवा के रूप में ड्रोन स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिलता है। डीजीसीए से मान्यताप्राप्त संस्थानों के जरिए प्रशिक्षण कार्यक्रम कुशल श्रमशक्ति का निर्माण कर रहे हैं। भारत ड्रोन महोत्सव जैसे कार्यक्रम स्वदेशी नवोन्मेषों को प्रदर्शित कर पारिस्थितिकी को मजबूती देते हैं।

 

क. एक समान 5 प्रतिशत जीएसटी दर

  • यह दर सभी ड्रोन पर लागू होगी चाहे उनमें कैमरे लगे हों या नहीं।
  • एक समान दर बराबरी सुनिश्चित करते हुए वर्गीकरण में अस्पष्टता को दूर करती है।

 

ख. नीति के लाभ

  • वर्गीकरण से संबंधित विवादों का अंत।
  • उद्योग के लिए दीर्घकालिक स्पष्टता और स्थिरता।
  • ड्रोन और उसके पुर्जों के निर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना में सहायक।

ग. विभिन्न क्षेत्रों को लाभ

  • कृषि: फसलों की निगरानी और कीटनाशकों का छिड़काव।
  • पेट्रोलियम और खनन: पाइपलाइन की जांच और संपदा निगरानी।
  • अवसंरचना: भूमि सर्वेक्षण और मानचित्र निर्माण।
  • लॉजिस्टिक्स: गंतव्य तक डिलीवरी का समाधान।
  • रक्षा और सुरक्षा: टोह और निगरानी।
  • आपातकालीन उपयोग: आपदा राहत और बचाव अभियान।

 

घ. आर्थिक और रोजगार संबंधी प्रभाव

इन क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद -

  • ड्रोन निर्माण और असेंबलिंग
  • सॉफ्टवेयर विकास और डाटा विश्लेषण
  • उपयोग और रखरखाव

 

यह सुधार वैश्विक ड्रोन पारिस्थितिकी में भारत की स्थिति मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इससे किफायत सुनिश्चित कर और नवोन्मेष को बढ़ावा देते हुए विभिन्न उद्योगों में ड्रोन को अपनाए जाने में तेजी आएगी। इससे रोजगार पैदा होंगे और यह उन्नत प्रौद्योगिकियों का वैश्विक केंद्र बनने के देश के सपने को साकार करने में मददगार होगा।

संदर्भ

नागरिक उड्डयन मंत्रालय

https://digitalsky.dgca.gov.in/home

https://www.pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1779782

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1828683

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2149706

https://www.pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2161248

https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1986162

https://static.pib.gov.in/writereaddata/specificdocs/documents/2022/jan/doc202212810701.pdf

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