Social Welfare
आवास, जीवन और आजीविका का सशक्तिकरण
Posted On: 19 SEP 2025 12:48 AM
सबके लिए किफायती आवास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जीएसटी में तर्कसंगत सुधार
- सीमेंट पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया। इससे उस लागत में कमी आएगी जो संरचना बनाने पर व्यय का 15-20 प्रतिशत और समग्र निर्माण खर्च का 11 प्रतिशत है।
- पार्टिकल बोर्ड पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत किया गया। इससे सूक्ष्म, छोटे और मझोले उपक्रम (एमएसएमई) संचालित समूहों को लाभ होगा और पर्यावरण के अनुकूल जूट आधारित आवासन समाधानों को बढ़ावा मिलेगा।
- संगमरगर और ग्रेनाइट ब्लॉक पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत किया गया। इससे फर्श बनाने और फिनिशिंग के काम की लागत घटेगी और पत्थर उत्पादक राज्यों में लाखों रोजगार मजबूत होंगे।
- ईंट निर्माण के कार्य और रेत-चूना ईंटों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत किया गया। इससे छोटे मकानों के निर्माण का खर्च घटेगा और एमएसएमई संचालित ईंट भट्ठों को सहूलियत होगी।
- मल जल परिशोधन सेवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत किया गया। इससे सामान्य मल जल परिशोधन संयंत्रों को अपनाए जाने, पर्यावरण के अनुकूल रोजगारों और संवहनीय कचरा प्रबंधन को बल मिलेगा।
भारत सरकार ने प्रमुख निर्माण सामग्रियों और सेवाओं पर जीएसटी दरों में उल्लेखनीय कटौती की घोषणा की है। इन उपायों से आवासन में किफायत बढ़ने, अवसंरचना खर्च घटने, एमएसएमई को मजबूती मिलने और रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। ये सुधार सबके लिए आवास के राष्ट्रीय मिशन के पूरी तरह अनुरूप हैं। इनके परिणामस्वरूप लागत में कमी आने से स्मार्ट सिटी, मेट्रो और अन्य शहरी और ग्रामीण अवसंरचना विकास परियोजनाओं जैसी महत्वपूर्ण पहलकदमियों में मदद मिलेगी। इसके अलावा इनसे निर्माण क्षेत्र में अधिक निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए सरकार की पहल
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भारत सरकार दो प्रमुख योजनाओं के जरिए सबके लिए आवास के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। इनमें से प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) - शहरी को 2015 में शुरू किया गया। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर तबकों (ईडब्ल्यूएस), कम और मध्यम आय वर्गों तथा झुग्गी वासियों को पक्के मकान मुहैया कराए जाते हैं। वर्ष 2016 में शुरू की गई पीएमएवाई - ग्रामीण के अंतर्गत गांवों में बेघर परिवारों तथा कच्चा या जर्जर मकानों में रहने वालों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के मकान उपलब्ध कराए जाते हैं। दोनों योजनाओं को स्वच्छ भारत मिशन, सौभाग्य और उज्जवला योजना जैसी पहलकदमियों के साथ तालमेल से लागू किया जा रहा है ताकि लाभार्थियों को शौचालय, बिजली और साफसुथरे रसोई ईंधन की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा सके। इस समेकित दृष्टिकोण से किफायती आवास को बढ़ावा मिलने के साथ ही जीवन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार आता है।

सी सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
मेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
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सीमेंट निर्माण के सबसे बड़े लागत खर्चों में से एक है। संरचना बनाने पर व्यय का 15-20 प्रतिशत और समग्र निर्माण खर्च का 11 प्रतिशत हिस्सा सीमेंट का ही होता है।
- जीएसटी में इस कटौती से संपूर्ण निर्माण व्यय में काफी कमी आएगी और आवासन तथा अवसंरचना परियोजनाएं ज्यादा किफायती हो जाएंगी।
- सीमेंट के मूल्यों में कमी का सीधा फायदा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) तथा अन्य सार्वजनिक अवसंरचना परियोजनाओं को मिलेगा।
- सीमेंट उद्योग खनन, माल ढुलाई, मैनुफैक्चरिंग और वितरण में काफी रोजगार पैदा करता है। कीमतों में गिरावट के परिणामस्वरूप मांग बढ़ने से सीमेंट संयंत्रों, सहायक उद्योगों और माल ढुलाई के तंत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
- सीमेंट की कीमतें घटने से आवासन और अवसंरचना परियोजनाओं पर सार्वजनिक व्यय की कुशलता में सुधार आएगा।
सी पार्टिकल बोर्ड: सीमेंट बॉन्डेड, जूट, इत्यादि (जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत)
मेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
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पार्टिकल बोर्ड आवासन तथा पूर्व निर्मित ढांचों और फर्नीचर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
- कम जीएसटी से उनकी प्रतिस्पर्धिता बढ़ेगी तथा शहरी और ग्रामीण आवासन परियोजनाओं को अंतिम रूप से तैयार करने के खर्च में गिरावट आएगी।
- जूट पार्टिकल बोर्ड नवीकरणीय और स्वाभाविक तरीके से सड़नशील होते हैं। उन्हें प्रोत्साहन मिलने से भारत के जलवायु और संवहनीयता के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
- यह क्षेत्र ज्यादातर एमएसएमई संचालित है। लिहाजा, जीएसटी में कटौती से रोजगार में सुधार और कार्यशील पूंजी के दबाव में कमी के परिणामस्वरूप अर्द्धशहरी और ग्रामीण समूहों को लाभ मिलेगा।

सी संगमरमर और ग्रेनाइट ब्लॉक (जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत)
मेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
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भारत के पास प्राकृतिक पत्थरों का बड़ा क्षेत्र है। राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश इसके बड़े उत्पादक हैं।
- जीएसटी में कटौती से फर्श बनाने, टाइल लगाने और भवन के अंदरूनी हिस्से को तैयार करने का खर्च घटेगा जिसका प्रत्यक्ष लाभ मकान खरीदने वालों और अवसंरचना परियोजनाओं को होगा।
- जीएसटी घटने से स्वदेशी प्रतिस्पर्धिता बढ़ेगी और आयातित प्राकृतिक पत्थरों पर निर्भरता में कमी आएगी।
- संगमरमर और ग्रेनाइट उद्योग लाखों कामगारों को रोजगार प्रदान करता है। कर में राहत से उत्खनन, प्रसंस्करण और इनसे संबंधित गतिविधियों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगें।
सी ईंट निर्माण का कार्य (जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत)
मेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
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ईंट निर्माण के कार्य पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत किए जाने से ग्रामीण आवास के खर्चों में कमी आएगी और ईंट भट्टा चलाने वाले एमएसएमई को सहायता मिलेगी।
सी रेत-चूना ईंटें (जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत)
मेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
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ईंट आवास क्षेत्र और खास तौर से ग्रामीण तथा किफायती निर्माण के लिए सबसे अनिवार्य सामग्री है।
- रेत-चूना ईंटों पर जीएसटी घटने से इनके उत्पादन की लागत में कमी आएगी और छोटे मकानों का निर्माण सस्ता होगा।
- ईंट भट्टे ज्यादातर एमएसएमई संचालित होते हैं। जीएसटी में कटौती से उन पर अनुपालन का बोझ घटेगा, कार्यशील पूंजी की जरूरतों में कमी आएगी और मांग को बल मिलेगा।
- ईंटों की कीमतें कम होने से शहरी और ग्रामीण, दोनों ही क्षेत्रों में पक्का मकान अपनाए जाने की रफ्तार में तेजी आएगी।
- पारंपरिक लाल ईंट की तुलना में रेत-चूना ईंटों के अनेक तकनीकी फायदे हैं। इनके ज्यादा किफायती होने से आवासन परियोजनाओं में रेत-चूना ईंटों के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा।
सी मल जल परिशोधन सेवाएं (जीएसटी 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत)
सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
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सामान्य कचरा जल परिशोधन संयंत्रों (सीईटीपी) से संबंधित सेवाओं पर भी जीएसटी में कटौती की गई है।
- कम जीएसटी से उद्योग केंद्रीकृत कचरा जल परिशोधन समाधानों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे जिससे संवहनीय औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
- नगर निगमों को किफायती स्वच्छ ऊर्जा और कचरा प्रबंधन समाधानों का लाभ मिलेगा।
- इस कदम से कचरे की छंटाई तथा संयंत्रों के संचालन और रखरखाव में हरित रोजगारों के सृजन को बल मिलेगा जो पर्यावरणीय संवहनीयता में योगदान करेगा।
सी निष्कर्षमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
सीमेंट (जीएसटी 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया)
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सीमेंट, पार्टिकल बोर्ड, संगमरमर और ग्रेनाइट, ईंटों और मल जल परिशोधन सेवाओं पर जीएसटी दरों में कटौती आवासन और अवसंरचना को ज्यादा किफायती और संवहनीय बनाने की दिशा में एक समग्र कदम है। इन सुधारों से परिवारों और सार्वजनिक परियोजनाओं पर बोझ घटने के अलावा निम्नलिखित फायदे भी होंगे -
- निर्माण मूल्य श्रृंखला में एमएसएमई को मजबूती मिलेगी।
- विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होंगे।
- पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों और कचरा प्रबंधन समाधानों के जरिए संवहनीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- शहरी अवसंरचना में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
कुल मिला कर जीएसटी दरों में तर्कसंगत सुधार समावेशी विकास, शहरी अवसंरचना में सुधार और सबके लिए मकान के मिशन के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
संदर्भ
आवासन और शहरी मामले मंत्रालय
https://pmaymis.gov.in/
https://www.myscheme.gov.in/schemes/pmay-g
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पीके/केसी/एसके
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