Economy
पर्यटन से लेकर चाय तक: जीएसटी सुधार कैसे सिक्किम की अर्थव्यवस्था में बदलाव लाएँगे
प्रविष्टि तिथि:
24 SEP 2025 16:50 PM
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प्रमुख बातें
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- आतिथ्य और वेलनेस सेवाओं पर नए जीएसटी दरें पर्यटन क्षेत्र को लाभ पहुंचाएंगी और आतिथ्य रोजगारों का समर्थन करेंगी।
- कैंसर की दवाओं पर शून्य जीएसटी और दवाओं पर कम दरें फार्मा निर्माण और निर्यात को बढ़ावा देंगी।
- तेमी चाय, डाले मिर्च जैसी विशेष वस्तुएं अधिक किफायती होंगी, जिससे घरेलू और वैश्विक बाजार तक पहुँच मजबूत होगी।
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नये जीएसटी सुधारों ने आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर कर के बोझ को घटाने में बड़ी भूमिका निभाई है। नये दर लागू होने से मांग बढ़ेगी, प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी होगी और देश में विकास और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। एक छोटे से हिमालयी राज्य सिक्किम के लिए नये जीएसटी सुधारों के लागू होने का इससे बेहतर समय कोई और नहीं हो सकता था जहां फार्मास्यूटिकल्स, पर्यटन और जैविक खाद्य उत्पादों का बड़ा कारोबार है। कर में कमी से सिक्किम में औद्योगिक विविधता से लेकर पर्यटन प्रोत्साहन और ग्रामीण आजीविका की बेहतरी जैसे वृहत्तर विकास के लक्ष्य हासिल हो सकते हैं।
घटे हुए जीएसटी दर से सिक्किम के मुख्य क्षेत्रों में खर्च घटेगा, ये ज्यादा मांग को प्रोत्साहित करेंगे और बाजार की पहुंच बढ़ायेंगे। ये सुधार स्थानीय स्तर पर आजीविका को बेहतर बनायेंगे, निर्यात को बढ़ावा देंगे और सिक्किम की आर्थिक प्रगति को समर्थन देंगे।

सिक्किम की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन उद्योग अनिवार्य है जहां होटल, होमस्टे, ट्रेवल एजेंसीज, टैक्सी ऑपरेटर. गाइड और भोजनालय से वहां स्थानीय स्तर पर आमदनी बढ़ती है और रोजगार पैदा होता है। आकलन के अनुसार वहां 7.8 लाख लोगों की आजीविका इसी से चलती है। कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान, लाचेन, लाचुंग और युमथांग घाटी जैसे पर्यटक स्थल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। भारत सरकार ने गंगटोक को “सर्वाधिक सुरक्षित पर्यटन स्थल” के रूप में मान्यता दी है।
जीएसटी सुधार लागू होने के बाद प्रति रात्रि 7500 रुपये के किराये वाले होटलों में जीएसटी की दर 5 प्रतिशत कर दी गयी है। कर की दर में कमी से जो पैसा बचेगा वह पर्यटकों की जेब में जायेगा जिससे होटलों में ठहरने को प्रोत्साहन मिलेगा और पर्यटक ज्यादा दिनों तक रूकेंगे। होटल ज्यादा भरे रहेंगे तो इससे इस क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा।

जीएसटी में कमी का बड़ा लाभ “सौंदर्य और देखभाल” सेवाओं को मिलेगा जहां जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गयी है। यह फैसला धरातल पर पर्यटन से सीधा जुड़ा हुआ कम दिखता है लेकिन सिक्किम को इसका ज्यादा फायदा मिलेगा। यह राज्य वेलनेस पर्यटन क्षेत्र के लिए बहुत प्रसिद्ध है और यहां कई प्रकार के पारंपरिक और औषिधीय चिकित्सा केन्द्र स्थित हैं। जीएसटी की दर मात्र 5 प्रतिशत हो जाने से इस तरह के पर्यटन के पैकेज सस्ते हो जायेंगे।
कर में राहत के जरिये पर्यटन को प्रोत्साहन देने से सिक्किम को अपनी अर्थव्यवस्था के विविधिकरण और ग्रामीण क्षेत्रों के उत्थान में मदद मिलेगी। पर्यटकों की संख्या ज्यादा होने से न सिर्फ राज्य में ज्यादा खपत होने से जीएसटी संग्रह बढ़ेगा बल्कि संबंधित क्षेत्रों जैसे परिवहन (वाहनों का किराया), कृषि (स्थानीय जैव उत्पाद की मांग) और हस्तशिल्प (यादगार सामान) को भी बढ़ावा मिलेगा।
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फार्मा & चिकित्सा क्षेत्र
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सिक्किम फार्मास्यूटिकल विनिर्माण के एक बड़े केन्द्र के रूप में उभरा है जहां सन फार्मा, सिप्ला, जाइडस कैडिला जैसी 50 से ज्यादा बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियां पूर्वी सिक्किम में अवस्थित हैं। इस तरह यहां फार्मास्यूटिकल क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है।
जीएसटी सुधारो में कई दवाओं और चिकित्सा उपकरणों में कर या तो घटा दिये गये हैं या खत्म कर दिये गये हैं जिससे फार्मास्यूटिकल के आपूर्ति श्रृंखला की लागत कम हुई है। विशेषकर, कैंसर की 30 दवाओं पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है (12 प्रतिशत से घटाकर) जबकि दूसरी दवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह थर्मामीटर जैसे अधिकतर चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी 5 प्रतिशत कर दी गयी है। इससे करों का बोझ 7-13 प्रतिशत कम हुआ है। लागत में इस बचत से स्वास्थ्य सेवा सामर्थ्य में सुधार होगा और दवाएं सस्ती होंगी।

सिक्किम के फार्मा उत्पादकों को निर्यात स्पर्धा और बाजार में विस्तार से बड़ा लाभ मिलेगा। यूरोप, मध्य पूर्व, नेपाल और जापान के बाजारों तक जाने वाला राज्य के निर्यात में लगभग 63 प्रतिशत हिस्सा औषधि निर्माण, जैव पदार्थों और चिकित्सा और वैज्ञानिक उपकरणों का होता है।
सिक्किम के टेमी इस्टेट की चाय की अमेरिका, जर्मनी, यूनाईटेड किंग्डम और जापान जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बड़ी मांग है। ये इस्टेट आकार में तो छोटा है और यहां 450 श्रमिक और छोटे उत्पादक हैं लेकिन ब्रैंड वैल्यू और नामची जिले की ग्रामीण आजीविका के ख्याल से इसका असर खासा महत्वपूर्ण है।
पुरानी कर व्यवस्था में पैकेजीकृत और इंस्टेंट चाय पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था। अब जीएसटी घटाकर सिर्फ 5 प्रतिशत कर दी गयी है। इससे करों की दर में 13 प्रतिशत की कमी हो गयी है और चाय के दामों में 11 प्रतिशत की कमी आ गयी है।
टेमी चाय अपने घरेलू बाजार को विस्तार देने की कोशिश में है और इसमें 5 प्रतिशत जीएसटी हो जाने से ये सस्ता होगा और इसकी पहुंच ज्यादा बाजारों तक हो पायेगी। चाय के दाम कम होने से सिक्किम के चाय की निर्यात संभावनाएं और बेहतर होंगी। श्रमिकों और लघु किसानों के लिए जीएसटी कम होने से उनका मुनाफा और बढ़ेगा।
सिक्किम विविध खाद्य प्रसंस्करण इकोसिस्टम का केन्द्र है। पेकयोंग में बेकरी, स्नैक्स और कनफेक्शनरी सामान बनते हैं जबकि सोरेंग मांसाहरी उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। मंगन में बड़ी इलायची जबकि गंगटोक में दल्ले खुरसानी मिर्च होती है जिसे जीआई टैग भी मिला हुआ है।
जीएसटी के हाल के सुधारों से प्रमुख सामान खासे सस्ते हो गये हैं। अचार, फल, सब्जी और जूस पर 12 प्रतिशत की बजाय मात्र 5 प्रतिशत जीएसटी लग रही है जबकि पेस्ट्री, केक, सूप और शोरबा पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गयी है। इससे सामानों के दामों में 6-13 प्रतिशत तक की कमी हुई है जिससे इन सामानों की खपत बढ़ेगी। इससे पीक सीजन के दौरान इन फलों को फैक्टरी तक लाने को प्रोत्साहन मिलेगा।

इस क्षेत्र में 1300 से ज्यादा उद्योग लगे हुए हैं और इन्हें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औद्योगिकीकरण योजना (पीएमएफएमई) योजना का समर्थन मिला हुआ है। ये इकाइयां आटा, चाय, फल, बेकरी सामान के प्रसंस्करण में लगी हुई हैं। इसके अलावा इनमें अचार और दल्ले खुरसानी के पेस्ट और बांस के कोंपल के अचार भी बनाये जाते हैं। इनकी मांग बढ़ेगी तो उत्पादन बढ़ेगा और रोज्गार में बढ़ोतरी होगी।
सिक्किम के प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में करों का बोझ कम करके ये जीएसटी सुधार राज्य की अर्थव्यवस्था के सर्वांगीण विकास में उत्प्रेरक का काम करेंगे।
जब ये सुधार प्रभावी होंगे तो इसका प्रभाव हर जगह देखा जा सकेगा। इससे फार्मास्यूटिकल कंपनियां ज्यादा दवाइयों की आपूर्ति कर पायेंगी, गंगटोक के होटलों में पर्यटक ज्यादा दिनों तक खुशी खुशी रूकेंगे, टेमी चाय के श्रमिक ज्यादा ऑर्डर का लुत्फ उठायेंगे और गांव की सहकारी इकाइयों में काम करने वाली महिलाएं अपना अचार उत्पाद दोगुना कर देंगी।
साथ ही नये जीएसटी सुधारों से ज्यादा सस्ते उत्पाद तैयार होने, निर्यात ज्यादा होने और रोजागार बढ़ने की उम्मीद है।
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पीके/केसी/एमकेएस
(तथ्य सामग्री आईडी: 150311)
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