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Technology

अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी को सशक्त बनाना

Posted On: 22 OCT 2025 17:08 PM

स्वदेशी 7 एनएम प्रोसेसर के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा

 

भारत ने पिछले एक दशक में अपनी स्वदेशी सेमीकंडक्टर क्षमताओं को लगातार उन्नत किया है। घरेलू प्रोसेसर आर्किटेक्चर में प्रगति, डिजाइन प्रतिभा का विकास और शोध से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत किए जाने के कारण यह संभव हुआ है। इन प्रयासों ने वैश्विक चिप डिजाइन मामले में भारत को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के लिए एक मजबूत नींव तैयार की है।

इस प्रगति के फलस्वरूप, भारत अब 7 नैनोमीटर प्रोसेसर के विकास के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ा रहा है, जो उन्नत नोड सेमीकंडक्टर डिजाइन में इसके प्रवेश को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा 18 अक्टूबर 2025 को घोषित, यह पहल भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक निर्णायक क्षण का प्रतीक है और आत्मनिर्भर, अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

आधुनिक समय में सेमीकंडक्टर डिजाइन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को मूलभूत आधार उपलब्ध कराने के साथ-साथ डिजिटल युग को शक्ति प्रदान करता है। आधुनिक चिप्स हर सेकंड अरबों निर्देशों को प्रोसेस कर सकते हैं जो वास्तविक समय प्रसंस्करण की आवश्यकता वाले अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक है जो स्मार्टफोन में पाए जाते हैं। डिजाइन की उपयोगिता लघुकरण को अपनाने, प्रदर्शन को बढ़ाने और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, स्वास्थ्य सेवा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) सहित विभिन्न क्षेत्रों में नई तकनीकों को कारगर करने में निहित है।

कार्यान्वयन ढांचा                                                     

 

  • 7 एनएम प्रोसेसर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी मद्रास) द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो अपनी शक्ति पहल के माध्यम से भारत के प्रोसेसर डिजाइन मामले में प्रमुख संस्थान है। 2013 में शुरू किया गया, शक्ति, ओपन-सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर पर आधारित है, जो किसी को भी बिना किसी प्रतिबंध के इसे स्वतंत्र रूप से अपनाने और उपयोग करने की अनुमति देता है।

 

  • भारत वर्तमान में ओपन-सोर्स आरआईएससी-वी आर्किटेक्चर को अपना रहा है और विभिन्न प्रकार के उपकरणों के आधार पर माइक्रोप्रोसेसरों को विकसित किया जा रहा है। शक्ति परियोजना के अंतर्गत, एक मध्यम दूरी का ओपन-सोर्स प्रोसेसर विकसित किया गया है ताकि कोई भी स्टार्ट-अप काम को आगे बढ़ा सके।

 

  • यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्य करती है, जो सेमीकंडक्टर अनुसंधान एवं विकास, चिप डिजाइन और नवाचार बुनियादी ढांचे में राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करती है।

 

  • यह पहल भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अनुरूप है, जो एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर स्थापित करने और विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए एक समर्पित कार्यक्रम है।

 

  • यह ढांचा, अनुसंधान एवं विकास के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और प्रतिभा क्षमता का विस्तार करने के लिए शिक्षाविदों, उद्योग जगत और स्टार्टअप के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।

 

7nm की ओर भारत की छलांग और इसके मायने                                                                 

 

  • उच्च प्रदर्शन और ऊर्जा दक्षता के लिए डिज़ाइन किया गया 7 एनएम प्रोसेसर वित्तीय सेवाओं, संचार, रक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों में सर्वर अनुप्रयोगों को लक्षित करता है।

 

  • उच्च ट्रांजिस्टर घनत्व और बढ़ी हुई कंप्यूटिंग दक्षता के साथ सेमीकंडक्टर डिजाइन में यह एक बड़ी छलांग को दर्शाता है।

 

  • भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत यह घरेलू सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षमताओं को स्थापित करने के राष्ट्रीय प्रयासों के अनुरूप, भविष्य के निर्माण (फैब) एकीकरण के लिए देश की तत्परता को मजबूत करता है।

 

  • यह 5जी, एआई और सुपरकंप्यूटिंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों की रीढ़ है और डिजिटल इंडिया पहल के तहत ध्यान दिए जा रहे प्रमुख क्षेत्र यही हैं।

 

  • यह आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के तहत तकनीकी आत्मनिर्भरता के भारत के रणनीतिक लक्ष्य को मजबूत करता है तथा महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए आयातित चिप्स पर निर्भरता को कम करता है।

 

वैश्विक सेमीकंडक्टर परिदृश्य में भारत                                     

 

  • 76,000 करोड़ रुपए के भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के अंतर्गत, छह राज्यों में 1.6 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश वाली 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

 

  • MeitY की डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत 288 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को सहायता प्रदान की गई है।

 

  • स्वदेशी 7 एनएम प्रोसेसर डिजाइन पहल उन्नत नोड अनुसंधान एवं विकास में भारत के प्रवेश का प्रतीक है जो देश को संयुक्त राज्य अमेरिका, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी नोड्स में अनुसंधान और डिजाइन को आगे बढ़ाने वाले उभरते देशों में शामिल कराता है।

 

  • ये पहल वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखलाओं में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करती हैं और एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती  हैं।

 

भविष्य की कार्ययोजना                                                                                      

 

  • सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से सब-7 एनएम नोड्स की दिशा में निरंतर प्रगति।

 

  • देश में उन्नत चिप डिजाइन, परीक्षण और पैकेजिंग सुविधाओं की स्थापना।

 

  • इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा आईएसएम के तहत सेमीकंडक्टर पहल से बहुत बड़े निवेश को आकर्षित करने और हजारों उच्च-कौशल वाली नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।

 

  • 24 चिप डिजाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और 87 कंपनियां अब उन्नत डिजाइन उपकरणों का उपयोग करती हैं।

 

  • इस पहल का उद्देश्य विश्व के लिए भारत में चिप्स का निर्माण करना है।

 

स्वदेशी 7 एनएम प्रोसेसर पहल मात्र एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, यह एक दृढ़-संकल्प है। नवाचार, शिक्षा और उद्योग जगत को जोड़कर, भारत एक आत्मनिर्भर, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम की नींव रख रहा है। निरंतर अनुसंधान एवं विकास तथा रणनीतिक निवेश के माध्यम से, देश वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है।

 

संदर्भ:

https://www.pib.gov.in/FactsheetDetails.aspx?Id=150300

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2155456

https://cdn.digitalindiacorporation.in/wp-content/uploads/2025/09/PIB2163622.pdf

https://www.pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2150464

https://x.com/AshwiniVaishnaw/status/1979531474950095199

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