• Skip to Content
  • Sitemap
  • Advance Search
Economy

बागान श्रमिकों के अधिकारों को विस्तृपत करती नई श्रम संहिता

प्रविष्टि तिथि: 07 DEC 2025 10:35 AM

मुख्य बिन्‍दु

  • नई श्रम संहिताएँ समरूप मानक स्थापित करती हैं, जो बागान श्रमिकों की सुरक्षा को मजबूत करती हैं और इस क्षेत्र में अनुपालन को सरल बनाती हैं
  • पुराने ढाँचे से नई श्रम संहिताओं की ओर बदलाव बागान क्षेत्र के खंडित प्रावधानों को व्यापक सुधारों से प्रतिस्थापित करता है
  • मजबूत कल्याण नियमों,  सुरक्षित कार्यस्थल और विस्‍तृत सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों के माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवारों की सुख-सुविधाओं में सुधार
  • महिलाएँ, प्रवासी और मौसमी श्रमिक एक समावेशी और आधुनिक सुरक्षा ढाँचे के तहत अधिक सुलभता, स्थिरता और अवसर प्राप्त करते हैं

 

परिचय

बागान श्रमिक भारत की श्रम शक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो कृषि उत्पादन, निर्यात आय और ग्रामीण आजीविका में समर्थन देते हैं। दशकों तक उनके काम करने की स्थितियाँ, आवास, कल्याण और चिकित्सा सुविधाएँ बाग़ान श्रमिक अधिनियम 1951 द्वारा निर्धारित की गईं, जिसने इस क्षेत्र में श्रमिक संरक्षण की नींव रखी। हालांकि उस समय के लिए इसने महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान की, लेकिन कवरेज के मामले में यह ढाँचा सीमित ही रहा, सामाजिक सुरक्षा प्रावधान पूरी तरह से समेकित नहीं थे और मौसमी तथा प्रवासी श्रमिकों के लिए समर्थन बहुत कम था।

नई श्रम संहिताओं, विशेष रूप से वेतन संहिता 2019 (डब्‍ल्‍यूसी), व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्यदशाएं संहिता 2020 (ओएसएच एवं डब्‍ल्‍यूसी) और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 (एसएस) के लागू होने के साथ ही बागान श्रमिकों को प्रबंधित करने वाला ढाँचा नया, विस्तृत और सुदृढ़ हो गया है। इन संहिताओं में मौजूदा प्रासंगिक सुरक्षा उपायों को तो बरकरार रखा ही गया है, साथ ही उन्हें और अधिक विस्‍तृत भी किया गया है, जिससे उन्हें आधुनिक श्रम आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सके और बागान श्रम को एकीकृत राष्ट्रीय संरक्षण प्रणाली के अंतर्गत लाया जा सके। ये संहिताएँ बागान श्रमिकों को स्वास्थ्य, सुरक्षा, कल्याण, सामाजिक सुरक्षा और लाभों की पोर्टेबिलिटी को कवर करने वाली एक व्यापक और समरूप प्रणाली में सम्मिलित करती हैं।

बागान श्रम के लिए बदलता परिदृश्य

बाग़ान श्रम अधिनियम 1951 के तहत संरक्षण

बाग़ान श्रम अधिनियम, 1951 ने बागानों में चिकित्सा देखभाल, आवास, कैंटीन, क्रेच तथा काम के घंटे/अवकाश जैसे संरक्षणों को विनियमित करने के लिए पहला व्यापक ढाँचा स्थापित किया। हालांकि समय के साथ-साथ इसकी कमियाँ स्पष्ट होती गईं: सीमित कवरेज,  खंडित सामाजिक सुरक्षा प्रणाली और मौसमी व प्रवासी श्रमिकों के लिए न्यूनतम समर्थन। अधिनियम में निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान शामिल थे:

  • कानूनी प्रभाव क्षेत्र: यह अधिनियम केवल उन बागानों पर लागू होता था जिनमें 15 या उससे अधिक श्रमिक हों या जिनका क्षेत्रफल 5 हेक्टेयर और उससे अधिक हो।
  • सुविधाएँ एवं कल्याण संबंधी प्रावधान: नियोक्ताओं को बागानों में चिकित्सीय सहायता, पेयजल, स्वच्छता और आवास उपलब्ध कराना आवश्यक था; कल्याण सुविधाओं में 150 या उससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों के लिए कैंटीन, 50 या उससे अधिक महिला श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों के लिए क्रेच तथा शिक्षा के लिए समर्थन शामिल था।
  • काम के घंटे, अवकाश एवं सामाजिक सुरक्षा: दैनिक/साप्ताहिक काम के घंटे नियत थे, जिनमें ओवरटाइम एवं वेतन सहित वार्षिक अवकाश के प्रावधान शामिल थे। सामाजिक सुरक्षा केवल ग्रेच्युटी (5 वर्ष के बाद) तक सीमित थी और मातृत्व अवकाश एक अलग अधिनियम के अंतर्गत आता था। इसके अतिरिक्त कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) और भविष्य निधि (पीएफ़) के प्रावधान सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं थे।   

महिला श्रमिक एवं प्रवासी/मौसमी श्रमिक: महिलाओं को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे के बीच काम करने की अनुमति नहीं थी, और प्रवासी/मौसमी श्रमिकों के लिए लाभों की पोर्टेबिलिटी उपलब्ध नहीं थी।
प्रशिक्षण एवं सुरक्षा मानक: रसायनों के प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण या सुरक्षा उपायों के लिए कोई विशिष्ट कानूनी प्रावधान नहीं थे।

विस्तृत कानूनी दायरे के अंतर्गत कवरेज और मान्यता

नई श्रम संहिताओं के साथ बागान श्रमिकों के संरक्षण संबंधी नियम सीमित तथा खंडित सुरक्षा उपायों से आगे बढ़कर एक समेकित, विस्‍तृत और कल्याण-आधारित प्रणाली में विकसित हो गए हैं। कवरेज का विस्तार करके, इसमें उन सभी बागानों को सम्मिलित किया गया है जिनमें 10 या अधिक श्रमिक कार्यरत हों या जिनका क्षेत्रफल 5 हेक्टेयर या उससे अधिक हो।

इससे बागान श्रमिक एक एकीकृत श्रम पारिस्थितिकी तंत्र में आ जाते हैं जहाँ वेतन, सुरक्षा, कार्य दशाएं, लाभ और सामाजिक सुरक्षा जैसे सभी प्रमुख पहलू एक साथ संचालित किए जाते हैं।

श्रम संहिताएँ श्रमिक और उनके परिवार की सुख-सुविधाएं सुदृढ़ कर रही हैं

संहिताएँ स्वास्थ्य और कल्याण के मजबूत मानक प्रस्तुत करती हैं, जो सीधे तौर पर बागान श्रमिकों और उनके परिवारों के जीवन की स्थितियों में सुधार लाती हैं। ये प्रावधान उनकी सुख-सुविधाओं को बढ़ाते हैं और श्रमिकों के लिए अधिक स्वस्थ तथा संतुलित वातावरण तैयार करते हैं।

  • अनिवार्य ईएसआईसी कवरेज: बागान श्रमिकों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) की कवरेज विस्‍तृत की गई है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि श्रमिकों और उनके परिवारों को चिकित्सा सुविधाएँ या तो नियोक्ता द्वारा या ईएसआईसी के माध्यम से प्राप्त हो सकें।
  • आवास मानकों में सुधार: नियोक्ता को श्रमिक एवं उसके परिवार के लिए पानी, रसोईघर और शौचालय सुविधाओं सहित आवास उपलब्ध कराना अनिवार्य है, चाहे सीधे या सरकारी/नगर निकाय योजनाओं के माध्यम से।
    • परिवारों के लिए कल्याण सुविधाएँ: 100 या उससे अधिक श्रमिकों (जिनमें अनुबंधित श्रमिक भी शामिल हैं) वाले बागानों में कैंटीन की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य है।
    • जहाँ 50 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, वहाँ क्रेच सुविधा उपलब्‍ध कराना अनिवार्य है, जिसे सामूहिक क्रेच सुविधाओं या साझा संसाधनों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सकता है।
    • जहाँ श्रमिकों के 6 से 12 वर्ष के आयु वर्ग के 25 या उससे अधिक बच्चे हों, वहाँ शैक्षणिक सुविधाएँ उपलब्ध कराना अनिवार्य है।

नियोक्‍ता को ये कल्‍याण सुविधाएं सीधे या सरकारी/नगर निकाय योजनाओं के माध्यम से उपलब्‍ध करवानी होंगी।

समन्वित, सुरक्षित और अधिक विनियमित कार्यस्थल

श्रम संहिताएँ बागानों में एक सुरक्षित, अधिक नियमित और श्रमिक-अनुकूल वातावरण पैदा करती हैं।

  • काम के घंटे एवं अवकाश: मानक काम के घंटे, ओवरटाइम का वेतन, विश्राम अंतराल और वेतन सहित अवकाश अब सभी उद्योगों के समान ही लागू होंगे।
  • सुरक्षा एवं प्रशिक्षण आवश्यकताएँ: व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशाएं संहिता के अंतर्गत, नियोक्ताओं को दुर्घटनाओं/प्रदूषण को रोकने के लिए सुरक्षा उपकरण प्रदान करवाना अनिवार्य है, साथ ही रसायनों के सुरक्षित प्रबंधन, भंडारण और उपयोग पर अनिवार्य प्रशिक्षण भी देना होगा, और दुर्घटनाओं एवं प्रदूषण से बचने के लिए सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराने होंगे।

बागान श्रमिक कार्य की स्पष्ट और अधिक पूर्वानुमेय समय-सारिणी से लाभान्वित होते हैं, जिससे कार्य और जीवन में संतुलन बेहतर होता है। इसके साथ ही, बेहतर सुरक्षा मानक और बेहतर प्रशिक्षण समर्थन के चलते समग्र कार्यस्थल कल्याण और सुरक्षा अधिक स्थिर हो गई है।

विस्‍तृत सामाजिक सुरक्षा एवं पोर्टेबिलिटी

  • एकीकृत सामाजिक सुरक्षा कवरेज: सामाजिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत, सामाजिक सुरक्षा लाभों का विस्तार किया गया है, जिनमें भविष्य निधि (पीएफ) और पेंशन/वृद्धावस्था सुरक्षा शामिल हैं। ग्रेच्युटी सेवा के पाँच वर्ष के बाद देय है, या निश्चित अवधि वाले रोजगार के मामले में एक वर्ष के बाद।
  • प्रवासी एवं मौसमी श्रमिकों के लिए पोर्टेबिलिटी: प्रवासी और मौसमी श्रमिकों के लिए लाभों की पोर्टेबिलिटी आधार-लिंक्ड पंजीकरण के माध्यम से सक्षम की गई है। आधार आधारित डिजिटल पंजीकरण यह सुनिश्चित करता है कि पीएफ, ईएसआई और ग्रेच्युटी एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य और एक नियोक्‍ता से दूसरे नियोक्‍ता तक ले जाए जा सकें (पोर्ट किए जा सकें)।


नए प्रावधान बागान श्रमिकों के लिए दीर्घकालीन वित्तीय सुरक्षा और अधिक स्थिरता सुनिश्चित करते हैं। अधिकारों की निरंतरता यह भी सुनिश्चित करती है कि प्रवासी और मौसमी श्रमिक जहां भी काम करेंवहां अपने लाभों का उपयोग कर सकें।

महिला श्रमिकों के लिए अधिक सुलभता, सुरक्षा और समानता

श्रम संहिताएँ बागान कार्यों में महिलाओं के लिए अवसर और समर्थन प्रणाली को महत्वपूर्ण रूप से सुदृढ़ करती हैं, क्योंकि ये कार्य और पारिवारिक जीवन के प्रत्येक चरण में महिलाओं की आवश्यकताओं को मान्यता देती हैं।

  • काम के विस्‍तृत अवसर: महिलाओं को, उनकी सहमति से, रात में, सुबह 6 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद काम करने की अनुमति है, बशर्ते कि नियोक्ता द्वारा पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए गए हों।
  • सहायक अवसंरचना: महिला कामगारों के लिए क्रेच और मातृत्व संरक्षण सुनिश्चित हैं। मातृत्व लाभों में 26 सप्ताह का अवकाश और स्तनपान अवकाश शामिल हैं।

अब महिलाओं को काम के अवसरों के एक व्यापक तथा सुरक्षित दायरे तक बेहतर पहुँच प्राप्त है। मातृत्व और बच्‍चों की देखभाल के लिए बढ़ाया गया समर्थन महिलाओं को कार्य और परिवार के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है, जिससे आजीविका में स्थिरता सुनिश्चित होती है।

निष्‍कर्ष

नई श्रम संहिताएँ उन लोगों की बेहतरी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होंगी, जिन्होंने राष्ट्र के खेत-खलिहानों को संभाला हुआ है। बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षित कार्यस्थल, बेहतर आवास और समावेशी संरक्षण के साथ, ये संहिताएँ परिवारों, महिलाओं और प्रवासियों के लिए अवसर और सुरक्षा लाती हैं, और एक अधिक समान श्रमिक वर्ग का निर्माण करती हैं।

ये परिवर्तन बागान श्रमिकों के लिए एक अधिक सुरक्षित और आत्म-विश्वास से भरे सफ़र की शुरुआत का संकेत देते हैं, जहाँ बेहतर संरक्षण केवल सुरक्षा ही नहीं बल्कि आने वाले वर्षों के लिए प्रगति और संभावनाओं का अहसास भी लाता है।

See in PDF

***

पीके/केसी/पीके

(तथ्य सामग्री आईडी: 150544) आगंतुक पटल : 63


Provide suggestions / comments
इस विश्लेषक को इन भाषाओं में पढ़ें : English , Bengali , Kannada , Manipuri , Odia
Link mygov.in
National Portal Of India
STQC Certificate