Energy & Environment
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
स्वच्छ ऊर्जा के जरिए जीवन को सशक्त बनाने के नौ वर्ष
Posted On: 30 APR 2025 10:44AM
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के नौ साल पूरे होने का जश्न

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( पीएमयूवाई ) 1 मई 2025 को शानदार नौ वर्ष पूरे करेगी, जो सबके लिए खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन सुनिश्चित करने की दिशा में देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मई 2016 में शुरू की गई पीएमयूवाई का उद्देश्य गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना और लकड़ी तथा गोबर के उपलों जैसे पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन की जगह स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्थिरता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था।
इन नौ वर्षों में, इस योजना से देश भर में लाखों लोगों का जीवन बदल गया है। 01.03.2025 तक, पूरे भारत में 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन हैं। एलपीजी के निरंतर उपयोग को दर्शाते हुए, 01.04.2022 तक जारी किए गए 8.99 करोड़ कनेक्शनों में से 8.34 करोड़ लाभार्थियों ने अप्रैल 2022 और मार्च 2024 के बीच पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान कम से कम एक बार रिफिल का लाभ उठाया है।
उज्ज्वला 2.0 – पहुंच का विस्तार
सरकार ने बाकी गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ देने के लिए अगस्त 2021 में उज्ज्वला 2.0 योजना का शुभारम्भ किया। इसका लक्ष्य 1 करोड़ अतिरिक्त पीएमयूवाई कनेक्शन जारी करना था, जिसे जनवरी 2022 में हासिल कर लिया गया। इस सफलता के बाद, उज्ज्वला 2.0 के तहत अतिरिक्त 60 लाख एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए, जिससे दिसंबर 2022 तक कुल 1.60 करोड़ कनेक्शन हो गए।
इसके अलावा, सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 की अवधि के लिए 75 लाख अतिरिक्त कनेक्शन जारी करने को मंजूरी दी, जिसे जुलाई 2024 में सफलतापूर्वक हासिल कर लिया गया।
उज्ज्वला 2.0 के तहत, प्रवासी परिवारों के लिए विशेष प्रावधान किया गया था, जिससे उन्हें पते के प्रमाण और राशन कार्ड की आवश्यकता के बजाय स्व-घोषणा के माध्यम से एक नया एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने की अनुमति मिली ।

1 मार्च 2025 तक, भारत में सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की कुल संख्या 32.94 करोड़ है, जिसमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के 10.33 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं।

एलपीजी वितरक नेटवर्क का विस्तार
तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) लगातार नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप शुरू कर रही हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। पीएमयूवाई योजना के शुभारंभ के बाद से, ओएमसी ने 1 अप्रैल 2016 से 31 अक्टूबर 2024 की अवधि के दौरान देश भर में 7959 डिस्ट्रीब्यूटरशिप शुरू की हैं, जिनमें से 7373 डिस्ट्रीब्यूटरशिप (93 प्रतिशत) ग्रामीण इलाकों में हैं। कुल मिलाकर, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरों की कुल संख्या 1 अप्रैल 2014 को 13896 से बढ़कर 1 अप्रैल 2024 को 25481 हो गई, जो 83 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी अवधि के दौरान, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत डिस्ट्रीब्यूटरों की संख्या 6724 से बढ़कर 17560 हो गई, जो 161 प्रतिशत की शानदार वृद्धि है।

उपभोग रुझान
वैश्विक स्तर पर, पीएमयूवाई अपनी तरह का सबसे बड़ा कार्यक्रम है जिसके तहत 10.33 करोड़ से ज़्यादा गरीब परिवारों को सिर्फ़ 35 रुपये प्रति किलोग्राम की प्रभावी कीमत पर घरेलू एलपीजी उपलब्ध है। 01.01.2025 तक पड़ोसी देशों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की प्रभावी कीमत इस प्रकार है:
देश
|
घरेलू एलपीजी (रु./14.2 किग्रा.सिलेंडर)
|
भारत
|
503.00*
|
पाकिस्तान
|
1094.83
|
श्रीलंका
|
1231.53
|
नेपाल
|
1206.65
|
स्रोत: पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी)
*दिल्ली में पीएमयूवाई लाभार्थियों के लिए प्रभावी लागत, गैर-पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए प्रभावी कीमत 803 रुपये है
पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए घरेलू एलपीजी की पहुंच और सामर्थ्य में सुधार के लिए सरकार के उठाए गए विभिन्न कदमों के परिणामस्वरूप, पीएमयूवाई लाभार्थियों की प्रति व्यक्ति खपत (प्रति वर्ष लिए गए 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडरों की संख्या के संदर्भ में) में बढ़ोतरी हुई है। विभिन्न उपायों के कारण, पीएमयूवाई लाभार्थियों के बीच वार्षिक प्रति व्यक्ति एलपीजी खपत में लगातार वृद्धि देखी गई है:
- वित्त वर्ष 2019-20: 3.01 सिलेंडर
- वित्त वर्ष 2023-24: 3.95 सिलेंडर
- वित्त वर्ष 2024-25 (1 मार्च 2025 तक): 4.43 सिलेंडर
ग्रामीण परिवारों पर पीएमयूवाई का प्रभाव
विभिन्न स्वतंत्र अध्ययनों और रिपोर्टों ने ग्रामीण परिवारों, विशेषकर महिलाओं और दूरदराज के क्षेत्रों के परिवारों पर पीएमयूवाई के महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला है।
मुख्य लाभ:
- स्वास्थ्य सुधार: पारंपरिक ईंधन छोड़कर एल.पी.जी. अपनाने से घर के अंदर वायु प्रदूषण में कमी आई है, जिससे श्वसन स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों में।
- कम हुआ परिश्रम: पारंपरिक ईंधन इकट्ठा करने में लगने वाले समय और प्रयास को एलपीजी ने कम कर दिया है। इससे महिलाओं को अपने खाली समय का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक उत्पादकता बढ़ाने में करने की सुविधा मिली है।
- पर्यावरण संरक्षण: लकड़ी और बायोमास पर निर्भरता कम होने से वनों की कटाई में कमी आई है और इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिली है।
- बेहतर पोषण: एलपीजी के उपयोग से खाना पकाना आसान होने से परिवारों को विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन तैयार करने में मदद मिली है, जिससे समग्र स्वास्थ्य बेहतर हुआ है।
पीएमयू के तहत अधिकतम कनेक्शन वाले शीर्ष राज्य
पीएमयूवाई के क्रियान्वयन में अवरोही क्रम में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान सबसे आगे हैं। इन राज्यों ने अपने नागरिकों को स्वच्छ और किफायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे योजना की समग्र सफलता में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
राज्यवार लाभार्थियों के सम्पूर्ण आंकड़ों के लिए यहां क्लिक करें।

योजना की वैश्विक मान्यता
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने उज्ज्वला योजना की सराहना करते हुए इसे पर्यावरण और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने में एक "बड़ी उपलब्धि" बताया है।
" वर्ष 2020 तक पूरे भारत में एलपीजी उपलब्ध कराना एक बड़ी उपलब्धि है। यह ऊर्जा का मुद्दा नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक मुद्दा है।"
-फतिह बिरोल, आईईए कार्यकारी निदेशक
|
पीएमयूवाई को 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में भी प्रशंसा मिली थी।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दुनिया भर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान के आसपास मंडरा रहा है, फिर भी कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इससे निपटने के लिए कदम उठाए हैं।
" हालांकि नवीनतम डेटा से पता चलता है कि दुनिया के अधिकांश हिस्सों में परिवेशी वायु प्रदूषण का स्तर अब भी खतरनाक रूप से ऊंचा है, लेकिन वे कुछ सकारात्मक प्रगति भी दिखाते हैं। देश कणिका तत्वों से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने और उसे कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं। उदाहरण के लिए, केवल दो वर्षों में, भारत की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली लगभग 37 मिलियन महिलाओं को निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं, ताकि उन्हें स्वच्छ घरेलू ऊर्जा अपनाने में सहायता मिल सके।"
- डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट
|
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए विशेष रूप से क्रांतिकारी बदलाव लाया है। स्वच्छ एलपीजी ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देकर, इस योजना ने स्वास्थ्य में सुधार किया है, सुरक्षा को बढ़ाया है, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है और महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाया है, जिससे समग्र कल्याण में योगदान मिला है।
संदर्भ:
पीडीएफ देखने के लिए यहां क्लिक करें।
*****
एमजी/केसी/एके/
(Backgrounder ID: 154363)
Visitor Counter : 11