Social Welfare
एशियन यूथ गेम्स 2025
भारत के युवा खिलाडि़यों का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
Posted On:
26 NOV 2025 10:50AM

एशियन यूथ गेम्स की उत्पत्ति और विकास
एशियन यूथ गेम्स (एवाईजी), जिसे ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (ओसीए) के तत्वावधान में बनाया गया है, एशिया की अगली पीढ़ी की खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और बड़े आयोजनों तक पहुँचने के लिए तैयार करता है। सिंगापुर की 2010 समर यूथ ओलंपिक्स की मेजबानी के महत्वाकांक्षी प्रयास से जन्मे इस आयोजन की कल्पना मात्र एक खेल प्रतियोगिता के रूप में नहीं, बल्कि युवा विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और खेल उत्कृष्टता के लिए एक व्यापक मंच के रूप में की गई थी।
2008 में, ओसीए के कार्यकारी बोर्ड ने सर्वसम्मति से सिंगापुर को पहले संस्करण की मेजबानी की मंजूरी दी, और 6 अप्रैल 2008[1] को सभी 45 सदस्य देशों ने इस निर्णय का समर्थन किया। इससे इस बहु-खेल आयोजन की शुरुआत हुई, जिसका लक्ष्य विशेष रूप से 14 से 18 वर्ष[2] के आयु वर्ग के खिलाड़ी हैं।
भारत के लिए एशियन यूथ गेम्स मात्र एक महाद्वीपीय खेल प्रतियोगिता से कहीं अधिक हैं — यह युवा प्रतिभाओं को निखारने और भविष्य के ओलंपिक चैंपियनों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने की हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।
एशियन यूथ गेम्स में भारत की प्रगति का सफ़र
एशियन यूथ गेम्स के तीन संस्करणों में भारत की यात्रा व्यवस्थित सुधारों की, बेहतर सहयोगी ढांचे की, और जमीनी स्तर पर खेल विकास में सरकार की पहलों के परिवर्तनकारी प्रभाव की एक प्रभावशाली कहानी प्रस्तुत करती है।
एशियन यूथ गेम्स: सिंगापुर 2009 (29 जून – 7 जुलाई 2009)
सिंगापुर में आयोजित प्रथम संस्करण एशिया भर के युवा खिलाड़ियों को एक साथ लेकर लाया, जिसे युवाओं, खेल और सीखने के उत्सव के रूप में वर्णित किया गया। ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के अनुसार, इन खेलों में 9 खेलों की 90 से अधिक स्पर्धाओं में कुल 1,321 खिलाड़ियों ने भाग लिया।[3]
सिंगापुर में हुए एशियन यूथ गेम्स में भारत ने अपनी पहली बार की प्रतिभागिता में कुल 11 पदक जीते — पाँच स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य। इस प्रदर्शन ने भारत को तालिका में 11वां स्थान दिलाया, जो युवा खेल मंच पर देश की उपस्थिति स्थापित करने वाला एक सम्मानजनक प्रदर्शन था।
एशियन यूथ गेम्स: नानजिंग, चीन 2013 (16 अगस्त – 24 अगस्त 2013)
नानजिंग, चीन में आयोजित दूसरे संस्करण ने इस आयोजन के दायरे और पैमाने में महत्वपूर्ण विस्तार दर्शाया। इन खेलों में 16 खेलों में 2,314 खिलाड़ियों ने भाग लिया और 122 स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा की।
[4]
दूसरे एशियन यूथ गेम्स में भारत ने कई खेल विधाओं में संतुलित प्रदर्शन करते हुए मजबूत छाप छोड़ी। भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 14 पदक जीते — तीन स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य, और पूरी तालिका में 10वां स्थान हासिल किया।
2013 के खेलों ने भारत के बढ़ते और लगातार बढ़ते विविध प्रतिभा आधार को उजागर किया, क्योंकि युवा खिलाड़ी नई विधाओं में उतरे और एशियाई मंच पर अधिक प्रतिस्पर्धात्मक प्रदर्शन किया।
एशियन यूथ गेम्स: मनामा, बहरीन 2025 (22 अक्टूबर – 31 अक्टूबर 2025)
एक दशक से अधिक समय बाद, एशियन यूथ गेम्स शानदार अंदाज़ में वापस लौटे। इस आयोजन में 45 एशियाई देशों के 4,000 से अधिक युवा खिलाड़ियों ने भाग लिया और 26 खेलों में स्पर्धा की।
भारत ने एशियन यूथ गेम्स 2025 में एक कीर्तिमान स्थापित करते हुए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और कुल 48 पदक — 13 स्वर्ण, 18 रजत और 17 कांस्य — जीतकर तालिका में छठा स्थान हासिल किया।
229 खिलाड़ियों (107 पुरुष और 122 महिला) के भारतीय दल ने, 90 अधिकारियों के सहयोग से, युवा खेलों में देश की बढ़ती समावेशिता को प्रदर्शित किया।
भारत ने एशियन यूथ गेम्स 2025 में कई खेल विधाओं में असाधारण प्रदर्शन किया।
भारत ने बीच रेसलिंग में तीन स्वर्ण और दो रजत जीतकर पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया, जबकि कुश्ती ने पदकों की संख्या में कुल तीन स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक जोड़े।
स्वर्ण पदकों के लिहाज़ से बॉक्सिंग भारत के लिए सबसे सफल खेल रहा, जिसमें इसने चार स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता।
कबड्डी में लड़कों और लड़कियों, दोनों की टीमों ने पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए स्वर्ण पदक जीते। इन खेलों में इस खेल की यह पहली उपस्थिति थी।
कुल मिलाकर, भारत का 48 पदकों का प्रदर्शन 2009 की तुलना में चार गुना से अधिक और 2013 की तुलना में तीन गुना से अधिक रहा, जिससे एशिया की शीर्ष खेल शक्तियों में देश की स्थिति और मजबूत हुई तथा मनामा 2025 भारत की युवा खेल यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय बना।

एशियन यूथ गेम्स 2025: महिला-पुरुष समानता और प्रतिभागिता
इस वर्ष के एशियन यूथ गेम्स में भारत की प्रतिभागिता का एक उल्लेखनीय पहलू टीम के भीतर मजबूत लैंगिक संतुलन रहा। 229 खिलाड़ियों में से 122 महिला और 107 पुरुष थे, जो एक प्रमुख बहु-खेल अंतरराष्ट्रीय आयोजन में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक होने का महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह देश में युवा महिला खिलाड़ियों की बढ़ती भागीदारी और सशक्तिकरण को दर्शाता है।
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श्रेणी
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स्वर्ण
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रजत
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कांस्य
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कुल
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कुल पदकों का %
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लड़कियां
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9
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11
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6
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26
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54.17%
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लड़के
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4
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7
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8
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19
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39.58%
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मिश्रित
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0
|
0
|
3
|
3
|
6.25%
|
महिला खिलाड़ियों ने भारत के कुल पदकों में आधे से अधिक का और स्वर्ण पदकों में उससे भी अधिक (69.23%) का योगदान दिया। यह उल्लेखनीय रुझान भारत की महिला खिलाडि़यों की बढ़ती मजबूती को दर्शाता है, जिसे जमीनी स्तर पर निरंतर अवसरों और संरचित सहयोग से विकसित किया गया है।
टिप्पणी: 77 पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में से 46 महिला और 31 पुरुष थे।
आधिकारिक मान्यता और समर्थन
भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन को इस वर्ष उच्चतम स्तरों से व्यापक सराहना मिली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दल को बधाई देते हुए कहा:
“हमारे युवा खिलाड़ियों ने एशियन यूथ गेम्स 2025 में अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ इतिहास रच दिया है, और कुल 48 पदक जीतकर शानदार उपलब्धि हासिल की है। दल को बधाई। उनका उत्साह, संकल्प और कड़ी मेहनत स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएँ।”[5]
उनके प्रदर्शन की सराहना करते हुए, भारतीय ओलंपिक संघ ने भी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए बड़ी नकद पुरस्कार राशि की घोषणा की है:
- स्वर्ण पदक विजेता – प्रत्येक को 5 लाख रुपये
- रजत पदक विजेता – प्रत्येक को 3 लाख रुपये
- कांस्य पदक विजेता – प्रत्येक को 2 लाख रुपये
- चौथे स्थान पर रहने वाले – प्रत्येक को 50 हजार रुपये
- पदक विजेता खिलाड़ियों के प्रशिक्षक – प्रत्येक को 1 लाख रुपये
- लड़कों और लड़कियों की कबड्डी टीमों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्रत्येक को 10 लाख रुपये।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने कहा:
“भारतीय ओलंपिक संघ को तीसरे एशियन यूथ गेम्स में हमारे युवा खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर अत्यंत गर्व है। उनकी उपलब्धियाँ भारतीय खेल का भविष्य और हमारे युवाओं में छिपी संभावनाओं को दर्शाती हैं। आईओए इस उभरती प्रतिभा को पोषित और विकसित करने के लिए हर संभव समर्थन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”[6]
निष्कर्ष
भारत ने 2025 एशियन यूथ गेम्स में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 48 पदक जीते, जो 2009 और 2013 की कुल संख्या से कहीं अधिक है। यह केवल सांख्यिकीय वृद्धि नहीं है—यह युवा खेल अवसंरचना, प्रशिक्षण गुणवत्ता, खिलाड़ियों के समर्थन तंत्र और प्रतिस्पर्धात्मक मानसिकता में व्यवस्थित परिवर्तन को दर्शाता है।
अगले एशियन यूथ गेम्स 2029 में उज़्बेकिस्तान में होने तय हुए हैं। भारत की प्रगति से पता चलता है कि निरंतर सुधार केवल संभव ही नहीं बल्कि संभावित भी है। युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण के कार्यक्रमों जैसे खेलो इंडिया और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टीओपीएस) विकास और राष्ट्रीय खेल महासंघों की भागीदारी के माध्यम से स्थापित आधार ने सतत् उत्कृष्टता के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया है।
एशियन यूथ गेम्स 2025
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पीके/केसी
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