कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

पटना (बिहार) में आयोजित डिजि-धन मेला के मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह जी का अभिभाषण

Posted On: 08 JAN 2017 8:13PM by PIB Delhi
मा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा विमुद्रीकरण गरीब कल्याण हेतु एक साहसिक निर्णय है। सरकार इस दृढ़ निर्णय का विश्वसनीयता के साथ सफल क्रियान्वयन कर रही है। भारत के 125 करोड़ जनमानस की ताकत ने अपने धैर्य और विश्वास के साथ सरकार के, कालेधन के खिलाफ, गरीबों के हित में साहसिक निर्णय का पूर्ण समर्थन किया है। फलस्वरूप देश में कालेधन, भृष्टाचार, आतंकवाद, जाली नोट एवं काली कमाई के द्वारा निर्मित सामानांतर अर्थव्यवस्था के खिलाफ एक महत्वपूर्ण एवं सफल अभियान को सरकार ने पूर्ण किया है। यह लड़ाई सशक्त, समरस और समर्थवान भारत के पुनर्निर्माण का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। सरकार के इस कदम से इस विश्वास को बल मिला है कि भारत की राजनीतिक परंपरा में अब केवल मात्र देशहित की बात करना देशभक्ति नहीं है अपितु देशहित के लिए राजनीति से ऊपर उठकर समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के पक्ष में निर्णय लेकर दृढता एवं विश्वसनीयता के साथ कार्य करना देशभक्ति है।
देशहित का यह कार्य भारत के गरीबों के आर्थिक समायोजन, पारदर्शी शासन एवं समतामूलक समाज की स्थापना के लिए बड़ा पड़ाव है। विमुद्रीकरण की यह प्रक्रिया टैक्स नहीं देने वालों के काले धन का गरीबों और कमजोरों में वितरण है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि 125 करोड़ की आबादी में 2015-16 में 3.7 करोड़ लोगों ने रिटर्न फाइल किया जिसमें 1 करोड़ लोग 2.50 लाख के नीचे थे जिसमें टैक्स नहीं देना पड़ता है। शेष 2.7 करोड़ में 1.95 करोड़ लोगों ने 5 लाख के नीचे का रिटर्न दिया, 52 लाख लोगों ने 5 से 10 लाख के बीच तथा सिर्फ 24 लाख लोगों ने 10 लाख के ऊपर का रिटर्न दिया।
देश के ईमानदार नागरिकों को सम्यक आजीविका, एक मजबूत अर्थव्यवस्था एवं पारदर्शी शासन देने के लिए प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के अभियान की यह पहली कड़ी है।
 
विमुद्रीकरण के इस पवित्र अभियान में एक ओर देश का जनमानस जहाँ उत्साह एवं सकारात्मक ऊर्जा के साथ, देश को लम्बे कष्ट से मुक्ति दिलाने के लिए थोड़ी तकलीफ सहकर भी पुननिर्माण के संकल्प के लिए खड़ा था। वहीं दूसरी ओर विमुद्रीकरण के 50 दिन के दौर में ना तो आमजन का धैर्य टूटा, ना ही बाजार के आपूर्ति में बाधा आई और ना ही सार्वजनिक जीवन में किसी प्रकार की क्षति हुई। देश में रबी की बुवाई भी पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष ज्यादा हुई। मैं आज देश की महान जनता का अभिनंदन करता हूँ।
 
 
 
कालेधन के खिलाफ सुशासन के बढ़ते कदम
मोदी सरकार आने के तुरंत बाद मा. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कैबिनेट ने पहला निर्णय जहां कालेधन के खिलाफ एसआईटी के गठन का निर्णय लिया वहीं स्वैच्छिक आयकर योजना, जनधन योजना, ब्लैकमनी एक्ट, Bankruptcy insolvency लॉ, डीआरटी संशोधित लॉ, Sarfaesi लॉ, बेनामी संपत्ति एक्ट जैसे कानूनों को पास करके कालेधन के खिलाफ इस लड़ाई को लड़ने के लिए व्यवस्थागत एवं कानूनी प्रावधानों को सुसंगत बनाने के लिए कदम उठाये गये हैं। आधार कानून के द्वारा गरीबों को उनका हक देने की सुनिश्चितता सरकार द्वारा की गई है। देश में जीएसटी कानून के भविष्य में कुशल उपयोग के लिए, कालेधन की सामानांतर अर्थव्यवस्था को समाप्त करने के लिए विमुद्रीकरण आवश्यक था। आज देश में बैंको के पास देने के लिए पहले से ज्यादा पैसा है और ब्याज दरें नीचे गिर रही हैं।
1.        मध्यम छोटे एवं लघु व्यापारियों के लिए ऋण प्रवाह में वृद्धि होगी क्‍योंकि इतनी अधिक मात्रा में नकद जमा होने के बाद बैंक आसानी से उधार दे सकेंगे। इससे आर्थिक कार्यकलापों रोजगार सृजन में तेजी आएगी।
2.        पिछले कुछ वर्षों से पूंजी के अधिक प्रवाह के कारण रियल स्टेट के मूल्यों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही थी। अधिक मात्रा में नगद जमा होने के कारण बैकों को ब्याज दर घटाने का अवसर मिलेगा, जिससे सामान्यत: ऋण की मांग और विशेष रूप से आवास ऋण में वृद्धि होगी। इससे आवास की मांगों में भी वृद्धि होगी तथा रियल स्टेट के मूल्यों में कमी होगी।
  1. विमुद्रीकरण से बैंकों के पास उपलब्‍ध जमा राशि में वृद्धि होगी और तरलता में वृद्धि होगी जिससे मुद्रा स्‍फीति में कमी आएगी।
अब अनौपचारिक और औपचारिक दोनों अर्थव्यवस्थायें ठीक तरीके से आपस में जुड़ जायेंगी जिससे राज्यों और केन्द्र को अधिक आय होगी और हम एक साफ बढ़ी हुई जीडीपी (GDP) की तरफ बढ़ेंगे।
1.     देश में 100 करोड़ से ज्यादा फोन हैं जिसमें से 30-40 करोड़ स्मार्टफोन हैं एवं करीब 50 करोड़ इंटरनेट के उपभोक्ता हैं। अगर इनका सही से इस्तेमाल किया जाए तो क्रेडिट कार्ड की जरूरत नहीं है।
2.     147 करोड़ बैंक अकाउंट में से 117 करोड़ सेविंग अकाउंट एवं 25 करोड़ जनधन अकाउंट हैं।
3.     कुल आधार कार्ड 107 करोड़
4.     बैंक अकाउंट जो आधार कार्ड से जुड़े हैं - 40 करोड़
5.     75 करोड़ से ज्यादा डेबिट कार्ड भारत की डिजिटल कारोबारी व्यवस्था के विकास हेतु एक सक्षम प्लेटफार्म है।
6.     देश भर में 20 करोड़ लोगों के पास रूपे कार्ड है जिसका इस्तेमाल वर्तमान में 40 प्रतिशत बढ़ा है।
 
केन्द्र सरकार द्वारा कैशलैस ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए यूपीआई, यूएसएसडी, एईपीएस एवं रूपे-कार्ड के प्रयोग को बढ़ाना स्वागत योग्य है। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार मुक्त भारत की ओर की दिशा में एक बड़ा कदम है।
 
डिजिटल अर्थव्यवस्था नये भारत की ताकत
डिजिटल इंडिया को आगे ले जाने में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बहुत सक्रिय भूमिका निभायी है। आधार आधारित सेवाओं के द्वारा सुशासन की स्थापना कर, हम डिजिटल माध्यमों से जन सशक्तिकरण का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। आधार आधारित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से पिछले दो वित्तीय वर्षों में सरकार को लगभग 36,000 करोड़ रूपये की बचत हुई है, जिसमें से लगभग 21,672 करोड़ रूपयों की बचत सिर्फ गैस सब्सिडी को सीधा बैंक खातों में प्रदान करने से हुई है।
देश में मनरेगा, निर्धन छात्रों की छात्रवृत्ति, वंचित वर्गों को सब्सिडी, एससी/एसटी एवं ओबीसी को दिये जाने वाली लाभकारी योजना में सरकार द्वारा डिजिटल प्रयोग से गरीबों के लाभ में बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो रही है।  कर देने वालों के आंकड़े पर यह स्पष्ट मत है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के माध्यम से जहां एक ओर देश की करों की चोरी को रोका जायेगा वहीं औद्योगिक विवाद अधिनियम, न्यूनतम वेतन अधिनियम, बोनस का भुगतान अधिनियम, कारखाना अधिनियम, संविदा मजदूर अधिनियम तथा इस प्रकार के अन्य कानूनों से गरीबों के हित में अनुपालना हो सकेगी।
सरकार के द्वारा वर्तमान में जो वेतन अधिनियम का संशोधन प्रस्ताव लाया गया है वह देश के मजदूरों एवं कर्मचारियों के हित में सही समय पर लिया जाने वाला व्यवस्थानुकूल परिवर्तन है।
सरकार के डिजिटल व्यवस्था के इस कदम से जहां ईमानदार मध्यमवर्गीय करदाता, छोटा व्यापारी, छोटे कामगार, छोटे प्रोफेशनल जो अभी तक कालाबाजारी के आगे मूकदर्शक बने हुए थे, उन्हें सरकार के इस निर्णय से ताकत मिली है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा नवर्ष के प्रारंभ में देश के सर्वसमाज के लिए जो BHIM एप को समर्पित किया है, वह बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा निर्मित भारतीय संविधान के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के संकल्पों को पूरा करने में सार्थक सिद्ध होगा। न इंटरनेट की जरूरत-न स्मार्टफोन की जरूरत-भीम एप भरेगा अमीर-गरीब के बीच का गैप।
 
 
मा. प्रधानमंत्री जी का देश को आश्वासन
8 नवंबर को मा. प्रधानमंत्री  जी की घोषणा में जहां देश को ईमानदारी के जीवन को सम्मान प्रदान किया, वहीं 31 दिसम्बर की घोषणा ने किसान, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिक, व्यापारी, महिलाओं और युवाओं को एक नया विश्वास प्रदान किया है। 50 दिनों के पूरा होने पर प्रधानमंत्री जी ने एटीएम से पैसे निकालने की सीमा ढ़ाई हजार रूपये से बढ़ाकर साढ़े चार हजार रूपये कर दी। प्रधानमंत्री जी ने सामान्य और गरीबों के लिए जो घोषणायें की हैं, वे स्वागत योग्य हैं-
1.     किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध करने के लिए नाबार्ड के कोष में 20,000 करोड़ रूपये
2.     रबी की फसल के लिए 60 दिन का बिना ब्याज का ऋण
3.     3 करोड़ किसान क्रेडिट कार्डों को रूपे डेबिट कार्ड
4.      प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण आवासों में 33 प्रतिशत की वृद्धि
5.     दलित आदिवासी, पिछड़े और महिलाओं को मुद्रा योजना में प्राथमिकता
6.     वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 साल की सावधि जमा पर 8 प्रतिशत ब्याज
7.     12 लाख के गृह निर्माण ऋण पर ब्याज में छूट
8.     संस्थागत प्रसव पर 6000 रूपये की सहायता राशि सीधे प्रसूता के खाते में
9.     छोटे और मंझोले उद्योगों के ऋणों की गारंटी 20 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत की।
राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च के बारे में प्रधानमंत्री जी का आह्वान परिवर्तनकारी है। भ्रष्टाचार और कालेधन से राजनैतिक दलों की मुक्ति भविष्य के भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है।
 
बदलेगा भारत बढ़ेगा भारत
भारत की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाना आवश्यक है। केन्द्र सरकार के विमुद्रीकरण के इस कदम से सरकारी व्यवस्था के बाहर तहखाने में कैद पैसा वापस बैंक में आया है। सरकार के द्वारा चलाये गये इस अभियान में जिस दृढ़ता से सरकार द्वारा दोहरी चालाकियों एवं भ्रष्ट लोगों से लड़ाई लड़ी। वह स्वागत योग्य है। देश के विकास का लाभ देश में हर नागरिक तक पहुंचे इसके लिए ईमानदार तरीके से देश में व्यापार का वातावरण बनाना आवश्यक है। विमुद्रीकरण और डिजिटल इकनॉमी पर उसकी नीतियों एवं उनके कुशल क्रियान्वयन से हम विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करेंगे।
सरकार के इस कदम से हम उस आधुनकि भारत को बनाने में सफल सिद्ध होगे जहां आधुनिक तकनीक, पारदर्शी शासन, सर्वजन हित, समरस समाज और सम्यक आजीविका के बेहतर तालमेल से हम सबका साथ-सबका विकास के लक्ष्य को पूरा करेंगे।
 
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