पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय

सागरमाला-एक वाइब्रेंट गुजरात की ओर अग्रसर

Posted On: 10 JAN 2017 7:03PM by PIB Delhi
जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने आज वाइब्रेंट गुजरात अंतर्राष्ट्रीय निवेशक सम्मेलन– 2017 के अवसर पर जहाजरानी मंत्रालय की अत्याधुनिक प्रदर्शनी सागरमाला का उद्घाटन किया। गुजरात सरकार के द्वारा आयोजित इस वैश्विक सम्मेलन के आठवें सत्र का केंद्र बिंदु “सतत आर्थिक और सामाजिक विकास” है।
 
भारत में समुद्री विकास के मामले में गुजरात अग्रणी है। सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत, करीब 85 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ बंदरगाह आधुनिकीकरण और नवीन बंदरगाह विकास, बंदरगाह संपर्क विस्तार, बंदरगाह के नेतृत्व में औद्योगिक विकास और तटीय सामुदायिक विकास के चार स्तंभों में 40 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की जा चुकी है।
 
बंदरगाह आधुनिकीकरण के तहत भविष्य में माल की मात्रा में वृद्धि को पूरा करने के लिए मौजूदा बंदरगाहों विशेष रूप से कांडला में क्षमता संवर्धन के लिए परियोजनाओं की पहचान की जा चुकी है। इनमें कार्गो संचालन प्रक्रिया का मशीनीकरण, बहुउद्देश्य गोदी का विकास और बैराज और तटीय घाटों की स्थापना शामिल है।
 
बंदरगाह संपर्क के अंतर्गत दूर-दराज के इलाकों से बंदरगाह संपर्क बढ़ाने और बंदरगाहों से निकासी आदि को सुसाध्य बनाने के लिए बंदरगाह संपर्क परियोजनाओं की पहचान की जा चुकी है। इसके तहत बंदरगाह-रेल संपर्क परियोजनाओं में पश्चिमी डीएफसी से हजिरा, पिपवा और मुंद्रा शामिल हैं जिनमें ओल्ड बेदी पोर्ट के लिए ब्रॉड गेज रेल संपर्क और कांडला पोर्ट के लिए आंतरिक संपर्क परियोजनाएं शामिल हैं।
 
इसके अलावा भावनगर से सोसिया तक वैकल्पिक निर्माण जैसी बंदरगाह-सड़क संपर्क परियोजनाएं और अलंग शिप रिसाइकिलिंग यार्ड और अन्य आंतरिक बंदरगाह सड़क संपर्क परियोजनाएं शामिल हैं।
 
माल-भाड़ा एक्सप्रेसवे के अंतर्गत अहमदाबाद के सर्खेज को मुंद्रा और पिपवाव से जोड़ना शामिल है। इसमें सलाया मथुरा पाइप लाइन का विस्तार भी है।
 
बंदरगाह के नेतृत्व में औद्योगिकीकरण के तहत राज्य में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने और निर्यात उन्मुख विनिर्माण को सुविधाजनक बनाने के लिए सात परियोजनाओं की पहचान की गई है। इसके अलावा कांडला में तटीय आर्थिक इकाई का विकास करना भी शामिल है।
 
तटीय सामुदायिक विकास के अंतर्गत राज्य में सतत सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाओं की पहचान कर ली गई है। इनमें गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी का विकास, कैंबे की खाड़ी में गोहा और दाहेज के बीच पैक्स नौकासेवाएं, अलंग में शिप रिसाइकिलिंग गतिविधियों से जुड़े श्रमिकों के कौशल विकास और क्षमता संवर्धन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पोरबंदर बंदरगाह पर समुद्र के द्वारा यात्रियों / कार्गो के लिए समर्पित तटीय गोदी का विकास शामिल है।
 
जहाजरानी मंत्रालय के द्वारा की गई पहल सागरमाला भारत में बंदरगाह के नेतृत्व में विकास को प्रोत्साहन देने की सामरिक योजना में से एक है। इसका उद्देश्य भारत की 7500 किलोमीटर लम्बी तटीय रेखा से जुड़े प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर 14500 किलोमीटर के संभावित नौगम्य जलमार्ग और रणनीतिक स्थलों का लाभ उठाना। सागरमाला तटीय अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ाने के अलावा रसद लागत को कम करने, कार्गो आवाजाही के लिए संतुलित प्रारूप को अपनाने, विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ व्यापार को आसान बनाने की सुविधा प्रदान करेगी।            
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वीके/एसएस/सीएस-89


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