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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित मंजूरियां दी है-
- भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान सार्वजनिक निजी भागीदारी (आईआईआईटी पीपीपी) विधेयक 2017 को लागू करने के लिए मंजूरी।
- सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत 15 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों को वैधानिक दर्जा देने और उन्हें राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में घोषित करने के लिए मंजूरी।
- इन संस्थानों को उनके द्वारा संचालित शैक्षिक पाठ्यक्रमों में छात्रों को डिग्री देने में समर्थ बनाने के लिए मंजूरी।
प्रस्तावित आईआईआईटी पीपीपी विधेयक 2017 के संबंध में कोई वित्तीय निहितार्थ नहीं है।
इस विधेयक में सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत मौजूदा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों को डिग्री प्रदान करने की शक्तियों के साथ राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में घोषित किया गया है। यह उन्हें किसी विश्वविद्यालय अथवा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान की तरह बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) अथवा मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक) अथवा पीएचडी डिग्री जारी करने में समर्थ बनाएगा।
सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग अथवा पीएचडी की औपचारिक डिग्री आवंटन से छात्रों के लिए रोजगार बाजार में संभावनाएं बढ़ेंगी और इससे देश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मजबूत शोध आधार विकसित करने के लिए अधिक से अधिक छात्रों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
कुल मिलाकर इन संस्थानों से प्रशिक्षित एवं तकनीकी कुशल श्रमबल से उद्योग एवं अर्थव्यवस्था की उभरती जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। ये सभी संस्थान लिंग, जाति, धर्म, विकलांगता, निवास स्थान, सामाजिक अथवा आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर भेदभाव किए बिना सभी लोगों के लिए खुले रहेंगे। शैक्षणिक सत्र निम्ननिखित 15 संस्थानों में शुरू किए गए हैं:
आंध्र प्रदेश (चित्तूर), असम (गुवाहाटी) गुजरात (वडोदरा), हरियाणा (सोनीपत), हिमाचल प्रदेश (उना), झारखंड (रांची), कर्नाटक (धारवाड़), केरल (कोट्टायम) महाराष्ट्र (नागपुर और पुणे), मणिपुर (सेनापति), राजस्थान (कोटा), तमिलनाडु (तिरुचिरापल्ली), उत्तर प्रदेश (लखनऊ), कल्याणी (पश्चिम बंगाल)।
पृष्ठभूमि:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7.12.2010 को सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत 20 नए आईआईआईटी (आईआईआईटी पीपीपी) संस्थान स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। लेकिन उसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं था जिससे इन संस्थानों को अपने छात्रों को डिग्री देने में समर्थ बनाया जा सके। वर्ष 2013-14 में नामांकित स्नातक छात्रों का पहला बैच वर्ष 2017 में समाप्त हो जाएगा। ऐसे 15 आईआईआईटी में शैक्षिक सत्र शुरू हो चुका है।
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AKT/VBA/SH/SKC
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