आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए)
मुंबई हार्बर चैनल व जेएन पोर्ट चैनल (दूसरा चरण) को गहरा और चौड़ा करना
प्रविष्टि तिथि:
22 MAR 2017 9:39PM by PIB Delhi
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति ने मुंबई हार्बर चैनल और जेएन पोर्ट चैनल (दूसरा चरण) को गहरा तथा चौड़ा करने की परियोजना के नए अनुमान को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का लागत 2,029 करोड़ रुपये होगी। इसमें सेवा कर शामिल नहीं है। इस पूरी परियोजना की लागत का वित्त पोषण जेएन पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के आंतरिक स्रोतों और जरूरत पड़ने पर बाजार से कर्ज लेकर किया जाएगा।
परियोजना के तहत मौजूदा चैनल को 370 मीटर से चौड़ाकर 450 मीटर किया जाएगा। चैनल का विस्तार 33.5 किलोमीटर से बढ़ाकर 35.5 किलोमीटर तक किया जाएगा। चैनल के ड्राफ्ट को मौजूदा 14 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर किया जाएगा। ड्रेज की जाने वाली अनुमानित मात्रा 35.03 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी। इसमें 1.73 मिलियन क्यूबिक मीटर की रॉक ड्रेजिंग शामिल है।
इस काम को वैश्विक निविदाओं को आमंत्रित कर शुरु किया जाएगा और एक बार शुरू होने के बाद दो साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
जेएनपीटी की मौजूदा कंटेनर हैंडलिंग क्षमता 5 मिलियन टीईयू (ट्वेंटी फीट इक्वावेलेंट यूनिट) है। चार टर्मिनल के शुरू हो जाने के बाद, यह क्षमता बढ़कर 9.8 मिलियन टीईयू हो जाएगी। मुख्य व्यापार मार्गों पर कंटेनर जहाजों के आकार में वृद्धि पर विचार करने पर, यह अनुमान लगाया गया कि 8,000-12,000 टीईयू आकार के जहाज जेएन पोर्ट पर आएंगे।
पूरा होने के बाद, जेएनपीटी 1.67 मिलियन टीईयू के अतिरिक्त यातायात प्रवाह को संभालने की क्षमता हासिल कर लेगा। क्षमता में वृद्धि से 12,500 टीईयू तक के बड़े जहाजों को संभालने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, आर्थिक लाभ भी होंगे, मसलन, जहाज के इंतजार करने के समय में कमी आएगी और ट्रांसशिपमेंट खाते में भी बचत होगी। उपयोगकर्ताओं को असली लाभ कम यूनिट लागत, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर में कमी से होगा। इसके अलावा जेएनपीटी पर जहाजों की भीड़ में कमी आएगी। इससे भारत के ईएक्सआईएम व्यापार की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी होगी।
पृष्ठभूमि
पिछले कुछ वर्षों के दौरान कंटेनर जहाजों का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है, क्योंकि बड़े जहाजों को संचालित करना अधिक किफायती होता है। बड़े जहाजों की ऑपरेशन लागत 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है। कंटेनर कार्गो वॉल्यूम में वृद्धि और दुनिया भर में कंटेनर ले जाने वाले जहाजों के बेड़े की क्षमता में बढ़ोतरी के कारण ही जेएन पोर्ट ने नई पीढ़ी के कंटेनर जहाजों को व्यापक बीम और गहरी ड्राफ्ट के साथ संभालने का निर्णय लिया है। नई पीढ़ी के बड़े आकार के जहाजों को नौवहन के लिए गहराई वाले चैनल की आवश्यकता होती है और तदनुसार, 14.0 से 15.0 मीटर ड्राफ्ट के साथ चैनल की गहराई और चौड़ाई की परिकल्पना की गई है, जिसमें जहाज की क्षमता 12,500 टीईयू हो।
वर्तमान में, जेएन पोर्ट ज्वारीय विंडो का लाभ उठाकर 14 मीटर ड्राफ्ट और 6,000 टीईयू क्षमता वाले जहाजों को संभाल रहा है।
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अतुल कुमार तिवारी/वी बी अरोड़ा/शाहबाज़ हसीबी/अर्जून सिंह |
(रिलीज़ आईडी: 1485499)
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