रक्षा मंत्रालय

एल एंड टी यार्ड 55000 (फ्लोटिंग डॉक - एफडीएन 2) का जलावतरण

Posted On: 20 JUN 2017 2:24PM by PIB Delhi
Press Release photo

वाइस एडमिरल डीएम देशपांडे, एवीएसएम, वीएसएम, युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण के नियंत्रक, की पत्नी श्रीमती अंजली देशपांडे ने आज (20 जून 2017) चेन्नई के नजदीक काट्पल्ली में लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के शिपयार्ड पर आयोजित एक प्रभावशाली समारोह में भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी निर्मित फ्लोटिंग डॉक (एफडीएन -2) का शुभारंभ किया।

वाइस एडमिरल बी कन्नन (सेवानिवृत्त), पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एल एंड टी के पोत निर्माण विभाग के प्रमुख, के औपचारिक स्वागत के बाद समारोह में मुख्य अतिथि वाइस एडमिरल डीएम देशपांडे, एवीएसएम, वीएसएम, युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक ने अपने विचार रखे। इसके बाद परंपराओं के अनुसार, श्रीमती अंजली देशपांडे ने फ्लोटिंग डॉक पर 'कुमकुम' लगाया। उन्होंने डॉक को शुभकामना दिया तथा युद्धपोत का जलावतरण भी किया।

इस अवसर पर बोलते हुए वाइस एडमिरल डी एम देशपांडे ने एफडीएन -2 के डिजाइन और निर्माण में एल एंड टी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह बताया कि स्वदेशी बना हुआ इस फ्लोटिंग डॉक से 'मेक इन इंडिया' दृष्टि को साकार कर भारत में उपलब्ध क्षमताओं का प्रमाण को और बल मिलता है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए एल एंड टी की पूरी टीम का स्वागत करते हुए बधाई भी दिया। 

फ़्लोटिंग डॉक एक स्वदेशी डिजाइन और निर्मित प्लेटफार्म है, जिसमें कला मशीनरी और नियंत्रण प्रणाली लगा है जिसके द्वारा 8000 टोंस विस्थापन के युद्धपोतों को डॉक करने की क्षमता है। इसमें उन्नत ऑटोमेटेड ब्लास्ट कंट्रोल सिस्टम के साथ उच्च क्षमता वाला ब्वास्ट पंप भी है। इस डॉक में एफडीएन -2 के साथ नई प्रौद्योगिकी है जो खराब मौसम की स्थिति में मरम्मत और अन्य गतिविधियों को सुविधाजनक बनाता है।

फ्लोटिंग डॉक (एफडीएन -2), यार्ड 55000, भारत में डिजाइन और एल एंड टी शिपयार्ड, काट्पल्ली में निर्मित है जो पोत निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता में एक मील का पत्थर है।

  

 

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वीके/पीकेपी/एसएस–1788                            


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