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नई एकीकृत मोबाइल एप ‘रेल सारथी’ का शुभारंभ हुआ
भारतीय रेल ने दिव्यांगजनों के लिए एसी-3 में 2 सीटों का कोटा निर्धारित किया। यह शयनयान श्रेणी में आरक्षित 4 सीटों के अतिरिक्त है।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने यात्री व माल ढुलाई से संबंधित निम्नलिखित पहलों का उद्घाटन किया।
1) दो स्तरों वाले छोटे कंटेनरों के लिए माल भाड़े की नई संरचना
2) टिस्को, इंडिया सीमेंट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट्स के साथ दीर्घकालिक टैरिफ अनुबंध के तहत सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर
3) जबलपुर में एस्केलेटर और कोच गाइडेंस सिस्टम की व्यवस्था
4) दिव्यांगजनों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं
5) रेल पर्यटन को बढ़ावा देना- विदेशी पर्यटकों के लिए आरक्षण की नई नीति
6) यात्रियों के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ
इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे बेहतर नागरिक सुविधाओँ पर विशेष ध्यान दे रही है और जबलपुर में स्वचालित सीढ़ियों (एस्केलेटर) का शुभारंभ इस दिशा में एक और कदम है। एकीकृत ऐप रेल सारथी उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधाजनक होगा, क्योंकि सभी सोशल मीडिया चैनल एक ही मंच पर हैं। दिवयांगजन के लिए एसी-3 कोच में निम्न बर्थ तथा उनकी देखभाल करने वाले के लिए एसी-3 कोच में मध्यम बर्थ की व्यवस्था की गई है। इससे इनकी यात्रा सुविधाजनक हो जाएगी।भारतीय रेल द्वारा प्रारम्भ किये गये मिशन रेट्रोफिटमेंट दिव्यांगजनों की यात्रा की देखभाल करेगा जिससे उनकी यात्रा और भी आराम दायक होगी। रेलवे के सर्वाधिक प्रमुख ग्राहकों के साथ लंबी अवधि के समझौते रेलवे और ग्राहकों दोनों के लिए ही उपयोगी सिद्ध होंगे। यह ग्राहकों और रेलवे दोनों के लिए एक जीत की स्थिति है। भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई दर की संरचना में सुधार किया है और इसे ग्राहकों के अनुकूल बनाया गया है ताकि माल ढुलाई की मात्रा में वृद्धि की जा सके। दो स्तरों वाले छोटे कंटेनरों लिए माल भाड़े की नई संरचना से रेलवे और ग्राहकों दोनों को ही लाभ होगा। भारतीय रेलवे अपने माल भाड़े के ग्राहकों के साथ अपने रिश्ते को बनाए रखने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शुभारंभ की गई विभिन्न पहलों की प्रमुख विशेषताएं:
लंबी अवधि के शुल्क सूची अनुबंध (एलटीटीसी)
रेल मंत्री ने 2016-17 के बजट भाषण में यह घोषणा की थी कि भारतीय रेल अपने प्रमुख ग्राहकों के साथ लंबी अवधि के शुल्क सूची अनुबंध (एलटीटीसी) पर हस्ताक्षर करेगा। इसके अंतर्गत भारतीय रेल अपने ग्राहकों के साथ पूर्व निर्धारित मूल्य वृद्धि सिद्धांत का उपयोग करते हुए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता विकसित करेगा।
प्रमुख ग्राहकों के साथ ‘संवाद’ के तहत आपसी बातचीत के आधार पर एलटीटीसी को अंतिम रूप दिया गया।
एलटीटीसी के तहत, भारतीय रेल को लंबी अवधि के माल भाड़े राजस्व प्राप्ति का आश्वासन मिलता है। यह पूर्व निर्धारित मूल्य वृद्धि सिद्धांत पर आधारित होता है। इसके तहत ग्राहक निम्नतम गारंटी सकल फ्रेट राजस्व रेवेन्यू (एमजीजीएफआर) का आश्वासन देता है तथा राजस्व में प्रत्येक वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में पांच प्रतिशत की वृद्धि करता है।
माल भाड़े की छूट से ग्राहकों को लाभ होगा।
माल भाड़े की छूट सकल माल भाड़ा राजस्व की वृद्धि के साथ-साथ माल भाड़े की सकल मात्रा से जुड़ा हुआ है।
राजस्व वृद्धि के तहत छूट की दर 1.5 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक है तथा माल भाड़े की कुल मात्रा के तहत यह छूट 0.5 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक है।
एलटीटीसी के तहत अनुबंध न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिए होगा।
पात्रता:
मौजूदा ग्राहक जिन्होंने पिछले वर्ष (पिछले 12 महीनों में) न्यूनतम 1 मिलियन टन के माल भाड़े की पेशकश की थी, वह एलटीटीसी के लिए पात्र है।
नए ग्राहकों को अनुबंध की अवधि के दौरान कम से कम 3 मिलियन टन माल भाड़े की प्रतिबद्धता प्रदान करनी है और पहले वर्ष यह कम से कम 1 मिलियन टन के बराबर का माल भाड़ा होना चाहिए।
अनुबंध पर ज़ोनल रेलवे तथा ग्राहको के द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। यदि माल ढुलाई
कई टर्मिनलों से संबंधित है तो जिस टर्मिनल पर सबसे ज्यादा माल ढुलाई होगी वहां का ज़ोनल रेलवे अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगा।
आज, तीन एलटीटीसी अनुबंधो पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं:
- दक्षिण पूर्वी रेलवे के साथ टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)
- दक्षिण मध्य रेलवे के साथ मैसर्स इंडिया सीमेंट
- दक्षिण मध्य रेलवे के साथ मैसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट
लगभग 10 प्रस्ताव विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे के पास आए हैं और उम्मीद है कि इन्हें अगले 2 से 3 महीनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
दो स्तरों वाले छोटे कंटेनरों के लिए माल भाड़े की नई संरचना
रेल मंत्रालय ने 2016-17 के रेल बजट में यह घोषणा की थी कि माल अदायगी का नया प्रारूप प्रस्तुत किया जाएगा तथा माल ढुलाई के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं की संख्या में वृद्धि की जाएगी ताकि सड़क मार्ग से होने वाली माल ढुलाई से प्रतिस्पर्धा की जा सके।
इसके तहत तथा माल ढुलाई के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं की संख्या में वृद्धि की गई तथा 45 वस्तुओं को सूची से बाहर किया गया और इसे एफएके की दरों से जोड़ा गया। इसकी दर सूची में आने वाली वस्तुओं की दर 30 प्रतिशत कम है।
- जिन वस्तुओं को सूची से मुक्त किया गया और संभावना है कि इन वस्तुओं की माल ढुलाई में वृद्धि होगी, इनमें प्रमुख हैं- ईंट और पत्थर, साफ सफाई से संबंधित वस्तुएं, पत्थर के खम्भे, पॉलिश की हुई ग्रेनाइट के स्लैब, श्वेत सीमेंट, अभ्रक, सीमेंट ब्लॉक, सीमेंट प्लास्टर, फ्लाई ऐश, रासायनिक खाद, मिट्टी और रेत, आटा और दाल, लोहा और इस्पात, केबल तार, फिश प्लेट्स, इनगॉट्स, सभी प्रकार की पाइपें, पहिये, लौह एवं इस्पात पाइप की कतरनें, धातु और इस्पात के सभी प्रकार के स्क्रैप, नमक, साबुन, चीनी और कई अन्य।
- इसके अतिरिक्त, 50 अन्य वस्तुओं को भी रेलवे के माल ढुलाई के अंतर्गत वस्तुओँ की सूची में जोड़ा जा रहा है।
- दो स्तरों वाले छोटे कंटेनर की ऊंचाई 6 फीट 4 इंच है। ये विद्युतीकृत मार्ग के तारों के नीचे से भी जा सकेंगी।
- इस प्रकार डीएसडीसी उन मार्गों पर भी चलेगा जहां एक स्तर वाले आईएसओ कंटेनर जा सकते हैं।
- डीएसडीसी के लिए अपार संभावनाएं हैं क्योंकि यह भारतीय रेल के सभी मार्गों पर बिजली की तारों के नीचे से जा सकती है।
- माननीय रेल मंत्री की उपस्थिति में दो स्तरों वाले छोटे कंटेनर का परीक्षण परिचालन किया गया। इसका सफल परिचालन जामनगर-लुधियाना मार्ग पर 2 मार्च 2017 को हुआ।
- डीएसडीसी के परिचालन के लिए जामनगर – वापी रेल खंड की पहचान की गई है।
- आज, दो स्तरों वाले छोटे कंटेनर के लिए नई टैरिफ नीति जारी की जा रही है।
- एक स्तर वाले पारंपरिक कंटेनर जहां 26.50 टन की माल ढुलाई कर सकते हैं वहीं एक डीएसडीसी 50 टन की माल ढुलाई करने में सक्षम है। इसका अर्थ है 89 प्रतिशत की वृद्धि।
- एक स्तर वाले पारंपरिक कंटेनर की तुलना में एक डीएसडीसी 50 प्रतिशत से अधिक राजस्व पैदा कर सकता है।
- यह एक अनोखा मामला है, जहां 15 प्रतिशत से अधिक की छूट दिये जाने के बाद भी भारतीय रेल और ग्राहक दोनों को ही 25 प्रतिशत से ज्यादा का लाभ प्राप्त होगा। इसलिए डीएसडीसी के लिए यह नई माल ढुलाई दर की संरचना प्रस्तुत की गई है।
भारतीय रेलवे के लिए एकीकृत रेल मोबाइल ऐप (आईएमए) ‘रेल सारथी’ का संक्षिप्त विवरण
प्रस्तावना
वर्तमान में रेल यात्रा के दौरान डिब्बे में सफाई सहित यात्रियों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय रेल की कई मोबाइल सुविधाएं हैं। अधिकतर ऐप केवल एक सेवा के लिए हैं। अलग-अलग सेवाओं के लिए उपयोगकर्ता को प्रत्येक सेवा सुविधा को सर्च कर विभिन्न एप्लीकेशन डाउनलोड करने पड़ते हैं। बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने के लिए एकीकृत एप्लीकेशन की आवश्यकता है ताकि एकल खिड़की पर सभी सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
उपरोक्त विचार के अनुरुप रेल मंत्री ने अपने बजट भाषण-2016-17 में एक ऐप के अंतर्गत मौजूदा सभी टिकटिंग डिजिटल सुविधाओं को एकीकृत करने की घोषणा की। इसे नीचे उद्धृत किया गया है।
“मोबाईल ऐप्स
वर्तमान में हमारे पास टिकटिंग, शिकायत निवारण और अन्य समस्याओं के लिए अलग-अलग डिजिटल सुविधाएं हैं। हमारा विचार ऐसी सुविधाओं को दो मोबाइल ऐप्स में एकीकृत करने का है; पहला टिकट संबंधी सभी समस्याओं और दूसरा हमारी सेवाओं से संबंधित शिकायतों के निवारण और सुझावों की रसीद के लिए।”
इस परियोजना को मंजूरी दे दी गई है और इसे कुल 7 करोड़ रूपये की लागत से उत्तरी रेलवे की मद संख्या 199 में वर्ष 2016-17 के लिए पिंक बुक में शामिल किया गया है।
निम्नलिखित 8 स्वतंत्र मोबाइल एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर ऩए एकीकृत मोबाइल ऐप ‘रेल सारथी’ - भारतीय रेल का आधिकारिक ऐप (रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र) में उपलब्ध होंगे।
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ऐप का नाम
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उद्देश्य
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प्लेटफॉर्म
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आईआरसीटीसी की सुविधाएं
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आईआरसीटीसी रेल सम्पर्क
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ई-टिकट बुकिंग के लिए
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केवल एन्ड्रॉयड
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आईआरसीटीसी एयर
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हवाई यात्रा की टिकट बुकिंग के लिए
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केवल एन्ड्रॉयड
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आईआरसीटीसी पर्यटन
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पर्यटन/पैकेज बुकिंग
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केवल एन्ड्रॉयड
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आईआरसीटीसी यात्रा के दौरान भोजन
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रेल यात्रियों के लिए भोजन की बुकिंग
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एन्ड्रॉयड और आईओएस
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सीआरआईएस की सुविधाएं
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यूटीएस
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अनारक्षित टिकटिंग
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एन्ड्रॉयड
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सीओएमएस
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शिकायत प्रबंधन
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एन्ड्रॉयड
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कोच मित्र
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मेरे डिब्बे को साफ करें
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एन्ड्रॉयड
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एनडीईएस
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यात्री जानकारी प्रणाली
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एन्ड्रॉयड
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कार्यक्षेत्र
यह एकीकृत मोबाइल ऐप (आईएमए) भारतीय रेल के यात्रियों/उपभोक्ताओं की निम्नलिखित सेवाओं को एकीकृत करता है।
- टिकटिंग – वर्तमान में आरक्षित टिकट के लिए ‘आईआरसीटीसी रेल सम्पर्क’ ऐप पर और वर्तमान में अनारक्षित टिकट के लिए ‘अटसोनमोबाइल’ ऐप पर।
- जानकारी – सीट उपलब्धता, पीएनआर की जानकारी, किराए की जानकारी
- संबंधित सेवाएं – रेल यात्रा के दौरान भोजन का अनुरोध करने के लिए ‘आईआरसीटीसी यात्रा के दौरान भोजन’, वास्तविक समय के आधार पर रेल पर नजर रखने के लिए ‘एऩटीएएस’, ‘आईआरसीटीसी पर्यटन’ के जरिये भ्रमण यात्रा की बुकिंग।
- रेल यात्रा के दौरान सफाई और 138, 182-‘कोच मित्र’ से जोड़ना
- प्रतिक्रिया-सीओएमएस
- टिकटिंग -
इसमें यात्री सेवाओं के दोनों आरक्षित और अनारक्षित वर्ग शामिल हैं।
- आरक्षित टिकटिंग
आरक्षित यात्री वर्ग के लिए सीआरआईएस ने एन्ड्रॉयड स्मार्ट फोन के लिए ‘आईआरसीटीसी रेल सम्पर्क’ नाम से आईआरसीटीसी के लिए एक ऐप तैयार किया है। इस ऐप में मौजूदा उपयोगकर्ताओं के लिए एक चरण की लॉग इन सुविधा है। नए उपभोक्ता ऐप से या वेबसाइट www.irctc.co.in पर पंजीकरण कर सकते हैं। इस ऐप में यात्रियों के लिए आरक्षित सीट के वास्ते बुकिंग, रेलगाड़ी की खोज, टिकट की उपलब्धता जांचने और अपने टिकट रद्द करने की सुविधा है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 1 लाख टिकट बुक की जाती हैं और इससे लगभग 9.65 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त होता है।
- अनारक्षित टिकटिंग
यात्रा और सिजनल टिकट दोनों के लिए कागजरहित अनारक्षित टिकट की बुकिंग के वास्ते उपनगरीय खंडों और उत्तरी रेलवे (एऩडीएलएस-पलवल और एनडीएलएस-गाजियाबाद) के गैर उपनगरीय खंडों में भारतीय रेल का ऐप ‘अटसोनमोबाइल’ है। पंजीकरण कराने पर शून्य मूल्य पर एक आर-वॉलेट बनाया जाता है और ऐप तथा वेबसाइट के जरिये या यूटीएस काउंटर पर इसे रिचार्ज करवाया जा सकता है। ऐप और वेबसाइट उपकरण अनुकूल हैं। हाल ही में एक विकल्प दिया गया है, जिसमें ऐप के जरिये टिकट बुक किया जा सकता है और 8 क्षेत्रीय रेलवे के यात्रा शुरू होने वाले स्टेशन पर एटीवीएम के जरिये टिकट का प्रिंट भी लिया जा सकता है। वर्तमान में इस ऐप की सुविधा 828 स्टेशनों पर उपलब्ध है। टिकट क्रेडिट या डेबिट कार्ड/नेट बैंकिंग तरीकों का उपयोग कर आर-वॉलेट, पेटीएम, मोबिकविक जैसे विभिन्न भुगतान विकल्पों के जरिये बुक किये जा सकते हैं। वर्तमान में 92 हजार यात्रियों को कवर कर प्रतिदिन लगभग 14,400 टिकट बुक किए जाते हैं और लगभग 6.8 लाख का राजस्व प्राप्त किया जा रहा है।
- पूछताछ : इस ऐप में निम्नलिखित पूछताछ सुविधाएं उपलब्ध हैं –
- सीट की उपलब्धता : अपनी यात्रा की योजना बनाने के लिए यात्री वेब-लिंक के जरिये सीट/ बर्थ की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
- किराये की पूछताछ : यात्री वेब-लिंक के जरिये गाड़ी, स्रोत, गंतव्य, दर्जा, रियायत के संबंध में अपनी यात्रा के किराये के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
- गाड़ी की समय सारणी (एनटीईएस) : सीआरआईएस द्वारा विकसित इस ऐप के जरिये यात्रियों को गाड़ी परिचालन की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त होती है।
- पीएनआर पूछताछ : यात्री वेब-लिंक के जरिये टिकट पर अंकित पीएनआर से अपने टिकट की स्थिति (कंफर्मेशन/ आरएसी/ वेटिंग लिस्ट) के विषय में जान सकता है। उपरोक्त वेबलिंक के जरिये सीआरआईएस द्वारा विकसित भारतीय रेलवे की वेबसाइट “www.indianrail.gov.in” वेबसाइट तक पहुंचा जा सकता है।
- संबंधित सेवाएं : इसके अंतर्गत आईआरसीटीसी द्वारा निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध हैं :
- हवाई जहाज के टिकट की बुकिंग : “आईआरसीटीसी एयर” ऐप के जरिये यात्रियों को हवाई यात्रा के टिकट उपलब्ध हैं।
- गाड़ी में भोजन : “आईआरसीटीसी कैटरिंग” ऐप के जरिये यात्री गाड़ी में भोजन मंगा सकते हैं।
- टूर बुकिंग : “आईआरसीटीसी टूर” ऐप के जरिये यात्री पर्यटन के लिए टिकट बुक करा सकते हैं।
- रिटायरिंग रूम की बुकिंग : वेबसाइट www.rr.irctctourism.com के जरिये यात्री अपने लिए रिटायरिंग रूम की बुकिंग कर सकते हैं।
- गाड़ी में सफाई और 138,182 का लिंक : इस ऐप के जरिये यात्रियों को निम्नलिखित सेवाएं प्राप्त होती हैं –
- मेरे कोच की सफाई (कोच मित्र) : इस ऐप से यात्री गण अपने कोच की सफाई के लिए आग्रह कर सकते हैं।
- हेल्प लाइन नम्बर 132,182 के लिए लिंक :
- शिकायतों और सुझावों के लिए यात्री हेल्प लाइन नम्बर 138 का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सुरक्षा के लिए हेल्प लाइन नम्बर 182 का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- फीड बैक : इस विकल्प के तहत निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध हैं :
- शिकायत/सुझाव (सीओएमएस) : सीओएमएस (कंप्लेंट मैनेजमैंट सिस्टम) ऐप को सीआरआईएस ने विकसित किया है जिसके जरिये यात्रीगण भारतीय रेल की विभिन्न सेवाओं से संबंधित असुविधाओं की शिकायत दर्ज कर सकते हैं और उनके निस्तारण की स्थिति के बारे में अवगत हो सकते हैं। इस ऐप के जरिये सुधार के लिए सुझाव भी दिये जा सकते हैं।
- ट्विटर : यात्रीगण अपने ट्विटर हैंडल के जरिये लिंक द्वारा अपने सुझाव/फीडबैक दे सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि यात्री ट्विटर में पंजीकृत हों।
- मोबाइल ऐपलिकेशन का आईएमए के साथ एकीकरण –
- आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट
- मोबाइल पर यूटीएस
- आईआरसीटीसी एयर
- सीओएमएस (कंप्लेंट मैनेजमैंट सिस्टम)
- एनटीईएस
- आईआरसीटीसी टूरिज्म
- आईआरसीटीसी कैटरिंग
- क्लीन माई कोच
3 एसी डिब्बों में दिव्यांग जनों के लिए आरक्षण कोटा का निर्धारण
- वर्तमान में स्लीपर क्लास (दिव्यांग जनों के लिए नीचे की 2 बर्थ और उनके साथी के लिए बीच की बर्थ) में चार बर्थों का कोटा निर्धारित है, जो लम्बी दूरी की मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में उपलब्ध है।
- निर्णय किया गया है कि 3एसी डिब्बों में दिव्यांग जनों (दिव्यांग जनों के लिए नीचे की बर्थ और उनके साथी के लिए बीच की बर्थ) के लिए 2 बर्थों का कोटा निर्धारित किया जाए, जो लम्बी दूरी की मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में उपलब्ध हो। दिव्यांग जनों को रियायती दरों पर आरक्षण उपलब्ध होगा। बहरहाल, गरीबरथ एक्सप्रेस गाड़ियों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा, जहां दिव्यांग जनों को रियायत उपलब्ध न होने के बावजूद एसएलआरडी में चार बर्थ उपलब्ध हैं। जोनल रेलवे अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) के संबंध में या जिन बुकिंग में कोई तारीख नहीं हो, जो भी पहले होगा, उसके अनुसार इन बर्थों को तय करेगी।
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वीके/एमके/एकेपी/जेके/सीएस/डीएस/एम-3299
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