जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय

‘भारत जल सप्ताह – 2017’ का शुभारंभ, 285 नई सिंचाई परियोजनाओं पर काम अगले साल तक शुरू हो जाएगा : गडकरी

Posted On: 10 OCT 2017 3:55PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज नई दिल्ली में भारत जल सप्ताह – 2017 का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन और राजमार्ग व शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत 27 परियोजनाएं इस साल तक पूरी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ 88 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए अगले साल तक 285 नई सिंचाई परियोजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा। श्री गडकरी ने कहा कि बूंद-बूंद सिंचाई या ड्रिप सिंचाई और पाइपलाइन के जरिए सिंचाई सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में होंगी क्‍योंकि इससे बड़ी मात्रा में पानी की बचत होगी और इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण में निहित लागत भी घट जाएगी। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि जल, बिजली, परिवहन और संचार विकास के चार सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर घर में सुरक्षित पेयजल और हर खेत में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की इच्‍छुक है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के हालिया उद्घाटन का उल्लेख किया, जो 4 करोड़ से भी अधिक लोगों को पानी मुहैया कराएगी और 8 लाख हेक्टेयर भी से अधिक भूमि को सिंचाई सुविधा सुलभ कराने में मदद करेगी।

श्री गडकरी ने कहा कि बाढ़ और सूखे से लोगों को बचाने के लिए नदियों को आपस में जोड़ना अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्होंने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने के लिए 30 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है जिनमें से तीन परियोजनाओं यथा केन-बेतवा, पार-तापी-नर्मदा और दमन गंगा-पिंजल परियोजनाओं पर काम तीन माह के भीतर शुरू हो जाएगा। मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार नदियों को आपस में जोड़ने के लिए एक बड़ा कोष बनाने की संभावनाएं तलाश रही है। श्री गडकरी ने कहा कि शोधित अपशिष्ट जल के उपयोग के लिए नए तरीके ढूंढ़ने होंगे। श्री गडकरी ने कहा कि उन्होंने एनटीपीसी के बिजली संयंत्रों में पुनरावर्तित (रिसाइकिल्‍ड) पानी का उपयोग करने की संभावना तलाशने के लिए विद्युत मंत्री से अनुरोध किया है। उन्होंने नदी के 70 फीसदी पानी का उपयोग करने के लिए अभिनव तरीकों की खोज करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया जो समुद्र में चला जाता है। पंचेश्वर परियोजना का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय में सचिव जल्द ही लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नेपाल का दौरा करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि परियोजना पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। श्री गडकरी ने यह भी उम्‍मीद व्यक्त की कि ‘भारत जल सप्ताह’ के दौरान होने वाले विचार-विमर्श और चर्चाओं से कुछ अच्छे सुझाव सामने आएंगे।

केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक देश के हर घर में सुरक्षित पेयजल और प्रत्येक खेत में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गंभीरतापूर्वक काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि भूजल का स्तर खतरनाक रूप से नीचे जा रहा है। हमने भूजल का दुरुपयोग किया है एवं इसे बर्बाद किया है। हमें पानी, नदियों एवं भूजल का सम्मान करना होगा और देश में बहने वाली नदियों को अवि‍रल एवं निर्मल बनाना होगा।’

भारत जल सप्ताह - 2017 के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जल और ऊर्जा दो महत्वपूर्ण संसाधन हैं जिनका समुचित संरक्षण और इष्टतम उपयोग राष्ट्र के समेकित विकास के लिए अत्‍यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश के 112 जिलों में 20 प्रतिशत से भी कम सिंचाई कवरेज है। उन्होंने यह भी कहा कि पानी की कमी और बाढ़ प्रबंधन की चुनौतियों का सामना करने के लिए समयबद्ध उपायों की जरूरत है। मंत्री महोदया ने कहा कि सरकार ने भूजल के टिकाऊ प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार योजना का प्रस्ताव किया है जो विश्व बैंक से सहायता प्राप्‍त 6,000 करोड़ रुपये की योजना है।

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने ‘आईडब्ल्यूडब्ल्यू -2017’ में भाग ले रहे सभी प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया और आशा व्‍यक्‍त की कि पानी और ऊर्जा के बुनियादी मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित सत्र नीति निर्माताओं और राष्ट्र के लिए अत्‍यंत लाभदायक साबित होंगे।

 

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वीके/आरआरएस/एसएस – 5002


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