खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने विश्‍व खाद्य भारत 2017 को ‘भारतीय खाद्य का कुंभ मेला’ बताया 



राष्‍ट्रपति ने डब्‍ल्‍यूएफआई 2017 के समापन सत्र में स्‍टार्ट अप और हैकेथॉन पुरस्‍कार प्रदान किये



श्रीमती बादल ने कहा डब्‍ल्‍यूएफआई 2017 एक शुरूआत है – खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 11.25 बिलियन डॉलर के 50 एमओयू पर हस्‍ताक्षर किये गये ; राज्‍यों ने भी 2.5 बिलियन डॉलर के एमओयू पर हस्‍ताक्षर किये



खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग को किसानों तथा उपभोक्‍ताओं के बीच का पुल बनना होगा : श्रीमती बादल

प्रविष्टि तिथि: 05 NOV 2017 7:20PM by PIB Delhi

विश्‍व खाद्य भारत 2017 (डब्‍ल्‍यूएफआई) को भारी सफलता मिली है। नई दिल्‍ली में आयोजित इस तीन दिवसीय सम्‍मेलन और प्रदर्शनी में 60 देशों के प्रति‍निधि और विश्‍वस्‍तरीय मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी जुटे। कार्यक्रम के समापन सत्र में शामिल हुए राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने इस बड़े कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए केन्‍द्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल और खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग राज्‍य मंत्री साध्‍वी निरंजन ज्‍योति को बधाई दी।

  एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति श्री कोविंद ने कहा,‘विश्‍व खाद्य भारत 2017 से भारत के खाद्य उद्योग और खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग में फैले असीमित अवसरों को प्रदर्शित करने में मदद मिली है।’ राष्‍ट्रपति ने डब्‍ल्‍यूएफआई को ‘भारतीय खाद्य का कुंभ मेला’ बताया। उन्‍होंने कहा कि विविध समृद्ध भारतीय व्‍यंजनों का स्‍वाद लेने के लिए एक मानव जीवन पर्याप्‍त नहीं है। हालांकि राष्‍ट्रपति ने कहा कि खाद्य केवल संस्‍कृति ही नहीं बल्कि वाणिज्‍य भी है। उन्‍होंने कहा, ‘भारत का खाद्य उपभोग वर्तमान में 370 बिलियन डॉलर का है। इसके एक दशक से भी कम समय में यानी 2025 तक एक ट्रिलियन डॉलर त‍क पहुंचने की संभावना है। भारत के संपूर्ण खाद्य मूल्‍य श्रृंखला में काफी अवसर हैं, जिनमें फसल कटाई के बाद की सुविधाएं, लॉजिस्टिक्‍स, कोल्‍ड चैन और विनिर्माण शामिल हैं। इस क्षेत्र में कारोबार की अपार संभावनाएं हैं और खाद्य उद्योग काफी रोजगार प्रदान कर सकता है।’

    राष्‍ट्रपति ने चेतावनी दी कि खाद्य वस्‍तुओं की बर्बादी को रोका जाना चाहिए। श्री कोविंद ने कहा,‘आधुनिक खाद्य प्रसंस्‍करण पर बल देने से परिवर्तन आ सकता है। इन परिवर्तनों से खाद्य क्षेत्र के हमारे कई महत्‍वपूर्ण कार्यक्रमों- मेक इन इंडिया, स्‍टार्ट अप इंडिया, कौशल भारत, डिजिटल इंडिया से जुड़ने की अपार संभावनाएं हैं और कृषि आय को दोगुना किया जा सकेगा।’

 इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने मिलावट को पहचानने के तरीकें सुझाने के लिये कॉलेज छात्रों को स्‍टार्ट अप पुरस्‍कार और हैकेथॉन पुरस्‍कार प्रदान किये।

      तीन दिवसीय महा खाद्य कार्यक्रम की मेजबान केन्‍द्रीय मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व से प्रेरित उनका मंत्रालय विश्‍व खाद्य भारत 2017 को कार्यक्रम संपन्‍न होने की बजाय एक शुरूआत के तौर पर देखता है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व खाद्य 2017 में न केवल 918 किलो पौष्टिक खिचड़ी पका कर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया गया, बल्कि तीन दिनों के दौरान 50 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर कर 11.25 बिलियन डॉलर का कारोबार किया गया।

   श्रीमती बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय भारत को विश्‍व खाद्य फैक्‍टरी के रूप में स्‍थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि डब्‍ल्‍यूएफआई के दौरान पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्‍यों ने भी 2.5 बिलियन डॉलर के एमओयू पर हस्‍ताक्षर किये। उन्‍होंने बताया, ‘खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय इन एमओयू के त्‍वरित कार्यान्‍वयन के लिए कार्य करेगा। भारत में निवेश के लिए विशेष इकाई गठित की गई है।’ मंत्री महोदय ने जानकारी दी कि जहां महाराष्‍ट्र और तेलंगाना ने अपनी खाद्य प्रसंस्‍करण नीति की घोषणा की है, वहीं खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय जल्‍द ही राष्‍ट्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण नीति को अंतिम रूप देगा।   

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वीके/एमके/वाईबी-5328


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