सूचना और प्रसारण मंत्रालय

भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव-2017 में फिल्‍मकार सुप्रीयो सेन और आर.के. सोरेन ने अपनी फिल्‍मों के बारे में बातचीत की

भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव में भारतीय पैनोरमा 2017 वर्ग में चुनी गई 16 गैर-फीचर फिल्‍मों में सुप्रीयो सेन की ‘अवर ग्रैंड पेरेन्‍ट्स होम’ और आर.के.सोरेन की ‘एपिलिन’ फिल्‍में शामिल हैं।

ये फिल्‍में भारतीय पैनोरमा वर्ग के लिए इस वर्ष 154 प्रविष्टियों में से चुनी जाने वाली छह फिल्‍मों में से हैं।

‘अवर ग्रैंड पेरेन्‍ट्स होम’ भारत और बांग्लादेश के 16 युवा छात्रों के बारे में है, जो 1947 के विभाजन के शरणार्थियों की तीसरी पीढ़ी के संस्‍मरणों को पेश करते हैं। वहीं ‘एपिलिन’ संथाली भाषा की फिल्‍म है, जिसमें एपिल नाम की एक नन्‍हीं बच्‍ची की कहानी सुनाई गई है।

प्रेसवार्ता में ‘एपिलिन’ के निर्देशक आर.के. सोरेन ने कहा, ‘मैंने सत्‍यजीत रे फिल्‍म एवं टेलीविजन संस्‍थान में अध्‍ययन किया है और मैं पहली बार भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव में हिस्‍सा लेने गोवा आया हूं। एपिल एक संथाली नाम है, जिसका अर्थ ‘सितारा’ होता है। मैं जनजातीय परिवार से हूं और मेरी इच्‍छा थी कि मैं  जनजातीय भावनाओं को सशक्‍त तरीके से पेश करूं।’

 

प्रेस वार्ता में सुप्रीयो सेन ने कहा, ‘मैं लंबे समय से भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव में हिस्‍सा लेता आया हूं और मेरा इससे पुराना जुड़ाव है। मुझे यहां आने में बहुत आनंद मिलता है, क्‍योंकि हमारा स्‍वागत इसी तरह भारी उपस्थिति द्वारा होता है। गैर-फीचर फिल्‍मों के मामलों में प्राय: ऐसा नहीं होता। मैं शरणार्थी परिवार से जुड़ा हूं और विभाजन के बाद की स्थिति का मेरी फिल्‍मों से गहरा नाता है।’

उल्‍लेखनीय है कि भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव का आयोजन गोवा में 20 से 28 नवम्‍बर, 2017 तक हो रहा है।

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वीके/एकेपी/जीआरएस- 5600

 


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