रेल मंत्रालय
रेल मंत्री ने आमदनी, यात्री संख्या, रणनीतिक महत्व के आधार पर रेलवे स्टेशनों को फिर से श्रेणीबद्ध करने का निर्देश दिया
रेल मंत्रालय ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों की श्रेणियों को व्यापक रूप से संशोधित किया है
स्टेशन श्रेणीकरण की नई योजना में यात्री संख्या की अधिकता के कारण छोटे स्टेशनों पर यात्रियों की बेहतर संतुष्टि के लिए उच्च स्तर की यात्री सुविधाएं
Posted On:
28 DEC 2017 5:41PM by PIB Delhi
रेल मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय में विभिन्न रेलवे स्टेशनों की श्रेणियों में व्यापक संशोधन किया है ताकि इसे व्यावहारिक और युक्तिसंगत बनाया जा सके। ऐसा रेल तथा कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा यात्री संख्या और रणनीतिक महत्व के आधार पर रेलवे स्टेशनों को फिर से श्रेणीबद्ध करने के निर्देश के बाद किया गया है, ताकि स्टेशनों पर अधिक कारगर और केन्द्रित तरीके से यात्रियों सेवाओं और यात्रियों सुविधाओं की योजना बनाई जा सके। इससे यात्रियों को स्टेशनों पर बेहतर यात्रा सुविधाएं मिलेगी।
स्टेशनों का श्रेणीकरण पहले केवल वार्षिक यात्री आय के आधार पर किया जाता था। स्टेशन सात श्रेणियों- ए1, ए, बी, सी, डी, ई तथा एफ थीं। अब स्टेशनों का श्रेणीकरण मानकों में एक स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या को शामिल किया गया है। स्टेशनों को प्रकार के आधार पर अलग-अलग करके तीन ग्रुपों यानी गैर-उपनगरीय (एनएस), उप-नगरीय (एस) तथा हाल्ट (एच) में रखा गया है। इन ग्रुपों को एनएचएसजी1-6, एसजी1-3 तथा एचजी1-3 रेंज ग्रेडों में रखा गया है।
पुराने मानक में अत्याधिक यात्री वाले स्टेशनों (बड़ी संख्या में यात्रियों तथा एमएसटी पासधारकों) को उच्च श्रेणी के स्टेशन में कवर नहीं किया जाता था जिसके कारण यह स्टेशन निचले स्तर की सुविधाओं के लिए पात्र होते थे। नए मानक के अनुसार स्टेशनों पर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या को बराबर महत्व दिया गया है और स्टेशनों के श्रेणीकरण में एक मानक माना गया है। इसलिए कल्याण, पनवेल, तांबरम, थाणे को उच्च श्रेणी में स्थान मिला है और ऐसे स्टेशन उच्च स्तर की यात्री सुविधाओं के लिए पात्र हो गए हैं।
रेलवे स्टेशनों के श्रेणीकरण की नई योजना के अंतर्गत स्टेशनों को तीन समूहों- गैर-उपनगरीय, उप-नगरीय तथा हाल्ट में बांटा गया है। इससे आगे इन समूहों को 1-6 रेंज ग्रेड में रखा गया है। इस प्रकार निम्नलिखित श्रेणियां बनाई गई है।
स्टेशनों की श्रेणी
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आय के मानक (रुपये में)
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स्टेशन से बाहर निकलने वाले यात्रियों से व्यवहार का मानक
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- गैर-उपनगरीय
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एनएसजी 1
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500 करोड़ से अधिक
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20 मिलियन से अधिक
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एनएसजी 2
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100 से 500 करोड़
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10 से 20 मिलियन
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एनएसजी 3
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20 से 100 करोड़
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05 से 10 मिलियन
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एनएसजी 4
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10 से 20 करोड़
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02 से 05 मिलियन
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एनएसजी 5
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01 से 10 करोड़
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01 से 02 मिलियन
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एनएसजी 6
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01 करोड़ तक
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01 मिलियन तक
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(I) 5976 का योग
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- उपनगरीय
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एसजी 1
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25 करोड़ से अधिक
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30 मिलियन से अधिक
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एसजी 2
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10 से 25 करोड़
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10 से 30 मिलियन
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एसजी 3
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10 करोड़ तक
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10 मिलियन तक
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(II) 484 का योग
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- हाल्ट
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एचजी 1
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50 लाख से अधिक
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03 लाख से अधिक
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एचजी 2
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05 से 50 लाख
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01 से 03 लाख
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एचजी 3
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05 लाख तक
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01 लाख तक
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(III) 2153 का योग
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स्टेशनों की कुल संख्या (I+II+III) 8613
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वर्तमान में 5976 गैर-उपनगरीय रेलवे स्टेशन, 484 उपनगरीय रेलवे स्टेशन तथा 2153 हाल्ट हैं। इस तरह स्टेशनों की कुल संख्या 8613 है। स्टेशनों का यह श्रेणीकरण 2017-18 से 2022-23 की अवधि के लिए किया गया है।
महाप्रबंधक किसी स्टेशन को एनएसजी-4 श्रेणी में रख सकते है यदि यह स्थान पर्यटन महत्व का है या महत्वपूर्ण जंक्शन स्टेशन है।
इसके अतिरिक्त रेल मंत्रालय ने सभी महाप्रबंधकों को बिना किसी सीमा के सुरक्षा संबंधी कार्यों को बारी से पहले स्वीकृत करने की सभी शक्तियां दी हैं। यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के लिए श्रेणियों के बगैर ही सभी स्टेशनों पर निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएगीः
- फुट ओवर ब्रिज
- ऊंचा प्लेटफॉर्म
- व्हीलचेयर लाने- ले जाने के लिए ट्रॉली मार्ग
स्टेशनों और यात्री संबंधों में सुधार के लिए निचली श्रेणी के स्टेशनों को निम्नलिखित अधिक सुविधाएं दी जाएगीः
· प्रतीक्षालय
· प्लेटफॉर्म शेल्टर
· लिफ्ट
· एक्सेलेटर
· डिजिटल चार्ट डिस्प्ले
· रोशनी
· ट्रेन/कोच संकेतक बोर्ड
नए मानक में छोटे स्टेशनों को ऊंचे दर्जे की सुविधाएं मिलेगी जिससे यात्री संतुष्टि बढ़ेगी।
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वीके/ऐजी/डीके – 6127
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