पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
वर्षांत् समीक्षा-2017 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
Posted On:
28 DEC 2017 7:38PM by PIB Delhi
- अन्वेषण और उत्पादन
- एचईएलपी : अपस्ट्रीम सैक्टर में हाइड्रोकार्बन रकबे का आबंटन करने के लिए नई हाइड्रो-कार्बन अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (एचईएलपी) को 30 मार्च, 2016 को अधिसूचित किया गया था। नीति को 01 जुलाई, 2017 से प्रभावी बनाकर औपचारिक रूप से जारी कर दिया गया। मुक्त रकबा लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) एचईएलपी का प्रमुख घटक है, जिसे 30 जून, 2017 को अधिसूचित किया गया था।
- डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड पॉलिसी : केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड पॉलिसी के अंतर्गत 69 सीमांत क्षेत्रों का प्रस्ताव दिया था। इनमें से 67 डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड को 46 संविदा क्षेत्रों के साथ मिलाकर उनका प्रस्ताव तैयार किया गया था। डीएसएफ बोली दौर-1 की सफलता के आधार पर डीजीएच ने ओएनजीसी और ओआईएल के 60 क्षेत्रों की पहचान की थी। यह नामांकन नियमों के तहत किया गया था और पीएससी कानूनों के तहत सभी ब्लॉकों को समाप्त कर दिया गया था।
- भारत के गाद संबंधी गैर-मूल्यांकित क्षेत्रों का सर्वेक्षण : अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों के लिए भूकंपीय आंकड़ों के संबंध में सरकार ने भारत के सभी गाद वाले क्षेत्रों के लिए 2-डी भूकंपीय सर्वेक्षण की परियोजना तैयार की थी। परियोजना की अनुमानित लागत 2932.99 करोड़ रूपये है। परियोजना 2019-20 तक पूरी हो जाएगी। 31 अक्टूबर, 2017 तक 10,54 एलकेएम का 2-डी भूकंपीय सर्वेक्षण किया जा चुका है। इनमें से ओएनजीसी ने 1902.68 एलकेएम का सर्वेक्षण किया और ओआईएल ने 697.86 एलकेएम का सर्वेक्षण किया।
- राष्ट्रीय आंकड़ा संग्रहण (एनडीआर) : डीजीएच ने एनडीआर की स्थापना की, ताकि व्यापारिक अन्वेषण, अनुसंधान, विकास और अकादमिक उद्देश्यों के लिए अन्वेषण और उत्पादन आंकड़े उपलब्ध हों।
- प्राकृतिक गैस :
- राष्ट्रीय गैस ग्रिड (प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा) : गैस आधारित अर्थव्यवस्था और ऊर्जा बॉस्केट में गैस का हिस्सा 15 प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने 15 हजार किलोमीटर अतिरिक्त गैस पाइप लाइन नेटवर्क के विकास का मंसूबा बनाया है। इस समय देश में प्राकृतिक गैस ग्रिड पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिण-पूर्वी गैस बाजार को जोड़ता है। ये क्षेत्र प्रमुख गैस संसाधन वाले क्षेत्र हैं। देश के पूर्वी हिस्से को स्वच्छ ऊर्जा देने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर 5,176 करोड़ रूपये के पूंजी अनुदान को मंजूरी दी है। यह धनराशि 12,940 करोड़ रूपये की अनुमानित पूंजी का 40 प्रतिशत है।
- शहरी गैस वितरण (सीजीडी) तंत्र : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 27 मार्च, 2015 को आयोजित ऊर्जा संगम, 2015 में उल्लेख किया था कि अगले चार वर्षों के दौरान शहरों में प्रदूषण में कमी लाने के लिए पाइप लाइन गैस कनेक्शन को 28 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया जाएगा। इस समय 31 सीजीडी कंपनियां 21 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के 81 स्थानों में सीजीडी तंत्र का विकास कर रही हैं। ये कंपनियां पीएनजी के रूप में स्वच्छ रसोई गैस के लगभग 40 लाख कनेक्शन प्रदान कर रही हैं। सरकार का मंसूबा है कि गैस उपलब्धता और पाइप लाइन कनेक्शन के आधार पर देशभर में सीजीडी तंत्र का दायरा बढ़ाया जाए।
- यातायात क्षेत्र में सीएनजी/एलएनजी को प्रोत्साहन : सरकार पर्यावरण अनुकूल यातायात ईंधन के तौर पर सीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए देश में सीजीडी के तंत्र का विस्तार किया जा रहा है। देश में सीएनजी सेवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं, ताकि घरेलू गैस की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। साथ ही यातायात क्षेत्र में सीएनजी की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
- परिशोधन क्षेत्र को सक्षम बनाना : देश में 23 परिशोधन संयंत्र काम कर रहे हैं, जिनमें से 18 सार्वजनिक क्षेत्र, 3 निजी क्षेत्र और दो संयुक्त उपक्रम के हैं। इनकी कुल परिशोधन क्षमता 247.566 एमएमटीपीए है। इस कुल परिशोधन क्षमता में से सार्वजनिक क्षेत्र की क्षमता 142.066 एमएमटी, संयुक्त उपक्रमों की 17.3 एमएमटी और निजी क्षेत्र की 88.2 एमएमटी है। देश न सिर्फ घरेलू खपत के लिए परिशोधन क्षमता में आत्म निर्भर है, बल्कि वह पर्याप्त मात्रा में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी करता है।
- विपणन
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना : यह योजना पांच करोड़ बीपीएल महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए शुरू की गई थी। यह कार्य वित्त वर्ष 2016-17 से शुरू होकर तीन वर्ष के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। 04 दिसम्बर, 2017 को 3.2 करोड़ से अधिक बीपीएल महिलाओं को नये एलपीजी कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इनमें से 30.5 प्रतिशत और 13.3 प्रतिशत कनेक्शन क्रमश: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों को दिये गये हैं।
- पहल : 13 नवम्बर, 2017 को 19.12 करोड़ से अधिक उपभोक्ता पहल योजना में शामिल हो चुके हैं। पहल को सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। अब तक 58,243 करोड़ रूपये उपभोक्ताओं के बैंक खातों में जारी किये जा चुके हैं। पहल के कारण बेनामी खातों, एक से अधिक खातों और निष्क्रिय खातों की पहचान करने में मदद मिली है। वित्त वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के दौरान पहल को लागू करने के कारण सब्सिडी के रूप में बचाई गई अनुमानित धनराशि लगभग 29,446 करोड़ रूपये है।
- पीडीएस कैरोसिन योजना (डीबीटीके) में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण : पीडीएस- एसकेओ वितरण प्रणाली के आबंटन और वितरण में सुधार, बेहतर सब्सिडी प्रबंधन और सब्सिडी पर दिये जाने वाले कैरोसिन के बेजा वितरण को रोकने के लिए इस योजना को लागू किया गया था। डीबीटीके को झारखंड के सभी जिलों और छत्तीसगढ़ के चार जिलों में लागू किया गया है। अन्य राज्यों ने भी योजना में शामिल होने का अनुरोध किया है। इसके अलावा राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है कि वे सभी घरों को एलपीजी के दायरे में लाकर ‘कैरोसिन मुक्त’ हो जाएं। अब तक दिल्ली, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, दादर और नगर हवेली एवं पुद्दुचेरी जैसे केन्द्र शासित प्रदेश और हरियाणा, आंध्र प्रदेश और पंजाब ‘कैरोसिन मुक्त’ हो चुके हैं।
- एलपीजी दायरा : वर्ष 2016-17 के दौरान 3.31 करोड़ से अधिक नये एलपीजी कनेक्शन दिये गये। इसी तरह 2017-18 (18 दिसम्बर, 2017 तक) के दौरान 2.15 करोड़ से अधिक नये एलपीजी कनेक्शन दिये गये। 01 नवम्बर, 2017 को राष्ट्रीय एलपीजी कवरेज 11 जनवरी, 2015 के 60.6 प्रतिशत से बढ़कर 78.3 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
एलपीजी दायरे को और बढ़ाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में 6,149 नई एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने का विज्ञापन दिया गया, जिसकी चयन प्रक्रिया चल रही है। 19 दिसम्बर, 2017 को 2,468 स्थानों का ड्रॉ किया गया है।
- कैरोसिन और एलपीजी पर सब्सिडी : 01 दिसम्बर, 2017 को तेल वितरण कंपनियों को पीडीएस कैरोसिन के प्रत्येक लीटर पर 12.44 रूपये का घाटा हो रहा है। सरकार डीबीटीएल के तहत प्रत्येक सिलेंडर पर 252 रूपये की नकद क्षतिपूर्ति दे रही है।
- तेल विपणन कंपनियों के खुदरा बिक्री केन्द्रों का ऑटोमेशन : ईंधन की गुणवत्ता और सही मात्रा सुनिश्चित करने तथा जाली लेन-देन को रोकने के लक्ष्य के तहत मंत्रालय ने 100 किलोलीटर प्रति माह से अधिक बेचने वाले खुदरा बिक्री केन्द्रों का ऑटोमेशन शुरू किया। 15 नवम्बर, 2017 को 100 किलोलीटर प्रति माह बेचने वाले मौजूदा 31,155 खुदरा बिक्री केन्द्रों में से 21,152 खुदरा बिक्री केन्द्रों का ऑटोमेशन किया जा चुका है।
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन : खुदरा बिक्री केन्द्रों से बड़े पैमाने पर डिजिटल भुगतान शुरू हो गया है। 28 नवम्बर, 2017 को देश के 49,204 (90 प्रतिशत) पेट्रोल पंपों में 82,132 पीओएस टर्मिनल और 81,070 ई-वॉलेट सुविधाएं दी जा रही हैं। ये ब्रिकी केन्द्र 95 प्रतिशत से अधिक ईंधन की ब्रिकी करते हैं।
- ऑटो-ईंधन विजन
- ऑटो-ईंधन विजन एवं नीति – देश में बीएस-4 और बीएस-6 ईंधन की शुरूआत : सरकार ने चरणबद्ध तरीके से 01 अप्रैल, 2017 से पूरे देश में बीएस-4 ऑटो-ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी है। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि बीएस-4 से सीधे बीएस-6 वर्ग का ईंधन लागू किया जाएगा, जो पूरे देश में 01 अप्रैल, 2020 से कार्यान्वित किया जाएगा। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। बहरहाल, दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-6 को 01 अप्रैल, 2018 से लागू कर दिया जाए।
- ईबीपी कार्यक्रम : इथेनोल की उपलब्धता सुधारने के लिए सरकार ने 2017-18 के संदर्भ में इथेनोल आपूर्ति के लिए कीमतों की समीक्षा की है और उसे 40.85 रूपये प्रति लीटर निर्धारित किया है। वर्ष 2015-16 के दौरान तेल विपणन कंपनियों ने 30 नवम्बर, 2016 तक 111 करोड़ लीटर इथेनोल की खरीद की, जो एक रिकॉर्ड है। वर्ष 2016-17 के लिए तेल विपणन कंपनियों ने 278 करोड़ लीटर इथेनोल के लिए संविदा जारी की, जिसमें से 14 नवम्बर, 2017 तक 62.32 करोड़ लीटर इथेनोल प्राप्त किया गया।
- बॉयो-डीजल कार्यक्रम : सरकार ने 29 जून, 2017 की अधिसूचना के जरिये बॉयो-डीजल (बी-100) की सीधी बिक्री का रास्ता खोल दिया है। इसे हाईस्पीड डीजल के साथ मिलाया जाएगा, जो भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुरूप होगा।
- लिंगोसेल्युलोसेस रूट के जरिये दूसरी पीढ़ी का इथेनोल : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां देश के 11 राज्यों में बारह 2जी इथेनोल संयंत्र लगा रही हैं। तेल विपणन कंपनियों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं (पांच समझौते)/राज्य सरकार (एक समझौता) के साथ छह समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। ये संयंत्र पांच स्थानों पर लगाये जाएंगे। पहले जैव-ईंधन शोधन संयंत्र की आधारशिला हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भटिंडा, पंजाब में रखी।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग : सरकार की ‘ऐक्ट-ईस्ट’ नीति के मद्देनजर पड़ोसी देशों के साथ हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में कई समझौते किये गये हैं। इनके तहत बांग्लादेश और नेपाल जैसे हमारे पड़ोसी देशों के साथ विभिन्न पाइप लाइनों का निर्माण किया जा रहा है, जो हमारे गैस ग्रिडों से जुड़ेंगी। नेपाल, भूटान और मॉरिशस के साथ हमारा विशाल हाइड्रोकार्बन व्यापार होता है। भारत ने म्यांमार को पेट्रोलियम उत्पादों का पहला परीक्षण कार्गो भेजा। हम एक अंतर्राष्ट्रीय जेवी कंपनी के जरिये श्रीलंका के साथ एक एलएनजी टर्मिनल स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
- प्रमुख कार्यक्रम
- स्टार्टअप इंडिया : केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की तेल और गैस कंपनियों ने तीन वर्ष के लिए 320 करोड़ रूपये की स्टार्टअप निधि स्थापित की है। इन्होंने अपनी स्टार्टअप वेबसाइट शुरू कर दी है और नवाचार चुनौतियां जारी की हैं। पहले चरण में 29 स्टार्टअप फर्मों को चुना गया है।
- कौशल विकास : स्किल इंडिया पहल के तहत कौशल विकास कार्यक्रमों के आधार पर प्रमाणन के लिए प्रशिक्षण योजना के मद्देनजर हाइड्रोकार्बन क्षेत्र कौशल परिषद की स्थापना की गई है। इसका लक्ष्य 2022 तक लगभग 7.3 लाख लोगों को प्रशिक्षित करना है।
- मेक इन इंडिया : सरकार ने 12 अप्रैल्, 2017 को सभी तेल और गैस सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में परचेज प्रीफ्रेंस प्रदान करने की नीति तैयार की है, ताकि वस्तु और सेवाओं में स्थानीय घटकों की बढ़ोतरी हो।
- व्यापार करने में आसानी : तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए पीटीआर नियमों में ढील देने पर विचार करने का निर्णय किया गया है। इसका उद्देश्य जन सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि को छोड़कर गुणवत्ता और तकनीकी पक्षों के संबंध में पीटीआर नियमों में ढील दिये जाने का प्रावधन है। यह सभी स्टार्टअप कंपनियों के लिए हैं।
- अप्रेंटिस व्यक्तियों का समायोजन : सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को निर्देश दिया गया है कि वे दिसम्बर, 2017 तक अपनी कुल श्रम शक्ति के मद्देनजर 10 प्रतिशत तक अप्रेंटिस व्यक्तियों के समायोजन के लिए कार्ययोजना तैयार करें।
- स्वच्छ भारत
- स्वच्छ भारत मिशन : स्वच्छ शौचालयों की उपलब्धता से संबंधित संशोधित प्रावधानों को ‘प्रमुख अनियमितता’ के तहत वर्गीकृत किया गया है और तेल विपणन कंपनियों ने जुर्माना प्रावधानों को भी तर्कसंगत रूप से संशोधित किया है। 15 नवम्बर, 2017 को पूरे देश में तेल विपणन कंपनियों के 55,413 खुदरा बिक्री केन्द्र हैं, जिनमें से 54,411 खुदरा बिक्री केन्द्रों में शौचालय सुविधा उपलब्ध है। इनमें से 30,886 खुदरा बिक्री केन्द्रों में पुरूषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। तेल विपणन कंपनियां पूरा प्रयास कर रही हैं कि सभी खुदरा बिक्री केन्द्रों में महिलाओं और पुरूषों को अलग-अलग शौचालय सुविधाएं प्राप्त हों।
वीके/एकेपी/जीआरएस- 6125
(Release ID: 1514556)
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