खान मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा – 2017 : खान मंत्रालय
प्रविष्टि तिथि:
04 JAN 2018 6:49PM by PIB Delhi
खनिज नीलामी नियमों में संशोधन –
2015 में खान और खनिज विकास तथा नियमन अधिनियम, 1957 संशोधित किया गया। संशोधन के पश्चात खान मंत्रालय ने नीलामी प्रक्रिया के संदर्भ में खनिज नीलामी नियम, 2015 दिनांक 20 मई, 2015 को अधिसूचित किया।
देश के खनिज प्रशासन के इतिहास में पहली बार प्रमुख खनिजों (कोयला, पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के अलावा) की नीलामी में छूट की व्यवस्था की गई। 33 ब्लॉक सफलता पूर्वक आवंटित किए गए। नीलामी किए गए खनिजों का मूल्य 169000 करोड़ रुपये है। राजस्व में राज्यों का हिस्सा 128000 करोड़ रुपये है। नीलामी प्रक्रिया से 99000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हुई। हालांकि इस अवधि में नीलामी के 60 प्रयास असफल रहे।
राज्य सरकारों के साथ मिलकर खान मंत्रालय प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण कर रहा है। इस बात पर सहमति बनी कि खनिज नीलामी नियमों की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से संशोधित किया जाना चाहिए और सफल बोली लगाने वालों पर नियंत्रण भी बना रहना चाहिए। तद्नुसार, खनिज नीलामी नियमों को 30 नवम्बर, 2017 को संशोधित किया गया।
हवाई-भूभौतिकीय सर्वेक्षण
भूगर्भीय संभावित क्षेत्र के लिए बहु-संवेदी हवाई-भूभौतिकीय सर्वेक्षण का उद्घाटन 7 अप्रैल, 2017 को किया गया। पूरे विश्व में संसाधनों की खोज के लिए हवाई-भूभौतिकीय सर्वेक्षण को सबसे कुशल, व्यापक और कम लागत वाला माना जाता है। 2 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित 4 ब्लाकों में यह परियोजना लागू की गई। हवाई माध्यम से एक ही बार में पूरी की जाने वाली यह विश्व की सबसे बड़ी परियोजना है।
राष्ट्रीय खनिज नीति 2008 की समीक्षा के लिए समिति
रिट याचिका (सिविल) संख्या 114 (2014) में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2 अगस्त, 2017 को दिए गए निर्णय के आलोक में राष्ट्रीय खनिज नीति, 2008 की समीक्षा के लिए अपर सचिव (खान) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया।
खानों की स्टार रेटिंग
सतत विकास फ्रेमवर्क के तहत खान मंत्रालय ने खानों की स्टार रेटिंग की पद्धति विकसित की है।
खान मंत्रालय ने सतत विकास फ्रेमवर्क के तहत खान गतिविधियों के लिए समावेशी विकास सिद्धांत अपनाया है। उससे वर्तमान और भविष्य के सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरण हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा।
2 स्तरों वाली पद्धति विकसित की गई है। इसके तहत खान संचालकों को स्वमूल्यांकन टैम्प्लेट में सूचनाएं देनी होंगी और भारत खान ब्यूरो इसकी वैधता की जांच करेगा।
स्टार रेटिंग के लिए मूल्यांकन टैम्प्लेट (प्रमुख खनिजों के लिए) को दिनांक 23 मई, 2016 को अधिसूचित किया गया।
खनन पट्टे के प्रदर्शन के आधार पर 1 से 5 स्टार रेटिंग की व्यवस्था की गई है। ऊंची रेटिंग वाले खान संचालकों को सतत खनन अभ्यासों को शीघ्र अपनाना होगा।
4 स्टार प्राप्त करने के लिए एमसीडीआर में स्टार रेटिंग को वैधानिक प्रावधान के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके लिए समय सीमा 2 वर्ष है।
उपायों के मूल्यांकन के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली विकसित की गई है। इसे 18 अगस्त, 2016 को लांच किया गया। खान क्षेत्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
कम महत्वपूर्ण खनिजों की स्टार रेटिंग के लिए भी टैम्प्लेट तैयार किया जा रहा है।
खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस)
खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) एक सेटेलाइट आधारित निगरानी व्यवस्था है, जिससे रिमोट संवेदी खोज तकनीक के जरिये अवैध खनन को रोका जा सकता है।
खान मंत्रालय और भारतीय खान ब्यूरो ने एमएसएस विकसित किया है। इस विकसित करने में भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग संस्थान, ज्योइन्फोरमेटिक्स, गांधी नगर तथा इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सहायता प्रदान की है।
प्रणाली इस आधारभूत तथ्य पर कार्य करता है कि अधिकांश खनन क्षेत्रों में निरंतरता देखी गई है। इनकी उपलब्धता केवल पट्टे वाले क्षेत्रों तक सीमित नहीं है बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी इसके उपलब्ध होने की पूरी संभावना रहती है। वर्तमान के खनन क्षेत्रों के आसपास 500 मीटर क्षेत्र में एमएसएस निगरानी करता है। यदि कोई विसंगति पाई जाती है तो इसे ट्रिगर के रूप में चिन्हित (फ्लैग ऑफ) किया जाता है।
एमएसएस एक पारदर्शी और पूर्वाग्रह मुक्त प्रणाली है। यह तेजी से प्रतिक्रिया देती है और अनुपूरक कार्यों के संदर्भ में इसकी क्षमता प्रभावशाली है। अवैध खनन की रोकथाम के लिए ‘आकाश में एक नेत्र’ के प्रयास बहुत सफल रहे हैं।
एमएसएस के लिए एक मोबाइल एप्प 24 जनवरी, 2017 को गांधी नगर में लांच किया गया। इस एप्प के माध्यम से नागरिक अवैध खनन की सूचना साझा कर सकते हैं।
राज्य सरकारों के 296 ट्रिगरों (3994.87 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र) के निरीक्षण के पश्चात 48 अवैध खनन का पता लगाया गया।
भारत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई)
वार्षिक कार्यक्रम 2017-18 के अंतर्गत जीएसआई ने 6927.5 वर्ग किलोमीटर का विशिष्ट थीमैटिक मैपिंग (1:25000 माप) का कार्य (नवम्बर, 2017 तक) पूरा किया है। लक्ष्य 14000 वर्ग किलोमीटर था।
वार्षिक कार्यक्रम 2017-18 के अंतर्गत जीएसआई ने 57264 वर्ग किलोमीटर का राष्ट्रीय ज्योकैमिकल मैपिंग (1:50000 माप) का कार्य (नवम्बर, 2017 तक) पूरा किया है। लक्ष्य 137000 वर्ग किलोमीटर था।
वार्षिक कार्यक्रम 2017-18 के अंतर्गत जीएसआई ने 45947 वर्ग किलोमीटर का राष्ट्रीय ज्योकैमिकल मैपिंग (1:50000 माप) का कार्य (नवम्बर, 2017 तक) पूरा किया है। लक्ष्य 100000 वर्ग किलोमीटर था।
राष्ट्रीय कार्यक्रम 2017-18 के तहत जीएसआई ने 25000 किलोमीटर के लक्ष्य के अंतर्गत 2693 लाइन किलोमीटर का हेलीबोर्न सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया है।
वार्षिक कार्यक्रम 2017-18 के अंतर्गत जीएसआई ने 3741 वर्ग किलोमीटर का विशेष आर्थिक क्षेत्र में प्राथमिक समुद्री खनिज खोज का कार्य (नवम्बर, 2017 तक) पूरा किया है। लक्ष्य 30000 वर्ग किलोमीटर था।
2017-18 के दौरान जीएसआई ने राष्ट्रीय भूस्खलन संवेदन मैपिंग के 37 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके तहत जीएसआई ने 45000 वर्ग किलोमीटर लक्ष्य के अंतर्गत 25776 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का मैपिंग किया (नवम्बर, 2017 तक)।
जीएसआई ने खनिज खोज रिपोर्ट का डिजिटलीकरण किया है और इन रिपोर्टों (संख्या 6090) को ओसीबीआईएस पोर्टल पर अपलोड किया है।
वर्ष 2017 के दौरान जीएसआई ने प्राकृतिक खनिज संसाधनों में वृद्धि की सूचना भारतीय खान ब्यूरो को दी है, जो इस प्रकार है : तांबा – 24.94 मिलियन टन, लौहा – 206.23 मिलियन टन, बाक्साइड – 4.5 मिलियन टन, चूना पत्थर – 1238.61 मिलियन टन, प्लेटिनम संवर्ग के तत्व – 0.402 मिलियन टन, सोना – 1.67 मिलियन टन, पोटास – 9.66 मिलियन टन, एंडलूसाईट – 45.87 मिलियन टन और कोयला – 1822.44 मिलियन टन।
भारत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण प्रशिक्षण संस्थान (जीएसआईटीआई) और आईआईटी हैदराबाद ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत 1 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र में जीएसआईटीआई शैक्षिक और अनुसंधान कार्यक्रमों के संदर्भ में पीएचडी की डिग्री देगा।
जीएसआई ने सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित एक प्रणाली लागू किया है। इसका नाम ऑनलाइन कोर बिजनेस इंट्रीग्रेटेड सिस्टम (ओसीबीआईएस) है। यह सभी मिशनों और सहायक प्रणालियों का डाटा प्रबंधन करेगा। ओसीबीआईएस जीएसआई की सूचना प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ाएगा। इसके माध्यम से जीएसआई बाहरी हितधारकों, खान मंत्रालय, राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर के पृथ्वी विज्ञान संगठन/ विभाग, उद्योग जगत और नागरिकों की सूचनाएं आदान-प्रदान करने में सक्षम होगा।
राष्ट्रीय एलमुनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को)
प्रदर्शन के मुख्य बिंदु
वर्ष 2016-17 के दौरान बाक्साइड खानों और एलुमिना रिफाइनरी का उत्पादन अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर रहा। बाक्साइड परिवहन 68.25 लाख एमटी (क्षमता का 100 प्रतिशत) रहा, जबकि एलुमिना हाइड्रेड का उत्पादन 21 लाख एमटी (क्षमता का 100 प्रतिशत) दर्ज किया गया।
स्वच्छ आईकोनिक सिटी
नाल्को ने पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के सौंदर्यकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया है। श्री जगन्नाथ मंदिर में रौशनी का कार्य पूरा कर लिया गया है। वीआईपी रोड़ स्थित दोनों दीवारों में जगन्नाथ संस्कृति पर आधारित पेंटिंग लगाए गए हैं। पुरी स्थित गांधी पार्क के पुनरूद्धार और सौंदर्यकरण का कार्य भी किया जा रहा है।
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वीके/एएम/जेके/सीएस - 6194
(रिलीज़ आईडी: 1515578)
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