उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

राज्य / केंद्र शासित प्रदेश आत्म-निर्भर भारत योजना के तहत आवंटित मुफ्त खाद्यान्नों में से शेष रह गए खाद्यान्नों और साबूत चने के वितरण का काम 31 अगस्त, 2020 तक पूरा कर सकते हैं


मंत्रालय जनवरी, 2021 तक सभी शेष राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना में शामिल करने की कोशिश कर रहा है : श्री राम विलास पासवान

Posted On: 09 JUL 2020 6:54PM by PIB Delhi

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने आज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आत्म-निर्भर भारत अभियान की प्रगति के बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया को जानकारी दी। श्री पासवान ने नवंबर, 2020 तक पांच और महीनों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों और जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए दो सबसे बड़ी खाद्यान्न वितरण योजना-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और आत्म-निर्भर भारत अभियान (एएनबीए) की शुरुआत की ताकि कोविड-19 महामारी के समय कोई भी इंसान भूखा न सोए। श्री पासवान ने मीडिया को कैबिनेट के उस फैसले के बारे में भी जानकारी दी जिसमें आत्म-निर्भर भारत अभियान के लाभार्थियों के लिए आवंटित खाद्यान्नों के शेष रह जाने स्थिति में 31 अगस्त, 2020 तक उनके वितरण के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। श्री पासवान ने कहा कि इन दोनों योजनाओं के क्रियान्वयन से देश में कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान से संकट का सामना कर रहे गरीबों और जरूरतमंदों की मुश्किलें कम हो जाएंगी।

 

प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न वितरण: (आत्म-निर्भर भारत पैकेज)

 

श्री रामविलास पासवान ने 31 अगस्त, 2020 तक एएनबीए मुफ्त खाद्यान्न के वितरण के विस्तार के बारे में बात करते हुए कहा कि यह योजना 15 मई, 2020 को शुरू की गई थी और वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया में कुछ समय लग गया था, इसलिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पहले से ही उठा लिए गए 6.39 एलएमटी खाद्यान्नों में से शेष रह गए खाद्यानों के वितरण के लिए 31 अगस्त,2020 तक का और समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत आवंटित खाद्यान्नों और साबूत चने में से शेष रह गए खाद्यानों के वितरण का काम अब राज्य / केंद्र शासित प्रदेश 31 अगस्त, 2020 तक पूरा कर सकते हैं।

 

आत्म-निर्भर भारत पैकेज के तहत, प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न और प्रति परिवार 1 किलोग्राम मुफ्त साबूत चना उन प्रवासी मजदूरों, कहीं फंसे रह गए और जरूरतमंद परिवारों को वितरित किया गया है, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीसी कार्ड के तहत नहीं आते हैं।

 

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने वितरण के लिए 6.39 एलएमटी खाद्यान्न ले लिया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने मई में 2.24 करोड़ और जून, 2020 में 2.25 करोड़ लाभार्थियों को 2,32,433 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किए हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 33,620 मीट्रिक टन साबुत चने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अब तक कुल 32,968 मीट्रिक टन चने का उठाव किया है जिसमें से 10,645 मीट्रिक टन चना वितरित किया जा चुका है।

 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना - 1:

 

खाद्य अनाज (चावल / गेहूं)

 

श्री पासवान ने बताया कि राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 116.02 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव किया गया है। अप्रैल, 2020 के महीने में, 37.43 एलएमटी (94%) खाद्यान्न 74.14 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया, मई, 2020 में कुल 37.41 एलएमटी (94%) खाद्यान्न 73.75 करोड़ लाभार्थियों को और जून,2020 के महीने में 64.42 करोड़ लाभार्थियों को 32.44 एलएमटी (82%) खाद्यान्न वितरित किया गया है।

 

दलहन

श्री पासवान ने दलहन के संबंध में बताया कि अब तकराज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को 5.83 एलएमटी दलहन भेजा जा चुका है जिनमें से 5.72 एलएमटी दलहन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंच चुके हैं और 4.66 एलएमटी दालों का वितरण किया जा चुका है।

 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना -2:

 

कोविड महमारी के चलते जारी संकट और गरीबों तथा जरूरतमंदों को निरंतर मदद जारी रखने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पीएमजीकेएवाई को अगले पांच महीनों तक यानी नवंबर, 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है। श्री रामविलास पासवान ने बताया कि पीएमजीकेएवाई के लिए सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और एफसीआई को आवंटन आदेश 8 जुलाई, 2020 को पहले ही जारी किया जा चुका है। इसके तहत जुलाई-नवंबर के दौरान सभी 80.43 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों (9.26  करोड़ एएवाई और चंडीगढ़, पुदुचेरी और दादरा एवं नागर हवेली में डीबीटी कैश ट्रांसफर के तहत आने वालों सहित 71.17 करोड़ पीएचएच व्यक्तियों) को अतिरिक्त 5 किलोग्राम खाद्यान्न (चावल / गेहूं) / प्रति व्यक्ति / माह दिया जाएगा। कुल 81 करोड़ लाभार्थियों के बीच 203 एलएमटी खाद्यान्न वितरित किया जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि जुलाई से नवंबर 2020 तक 5 महीने की अवधि के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए पीएमजीकेएवाई-2 के तहत कुल 201.1 एलएमटी खाद्यान्न आवंटित किया गया है। इसमें 91.14 एलएमटी गेहूं और 109.94 एलएमटी चावल शामिल हैं। इस योजना के तहत वितरण के लिए चार राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को गेहूं आवंटित कर दिया गया है और 15 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को चावल आवंटित कर दिया गया है।

 

कुल खाद्यान्न भंडार:

 

08.07.2020 को जारी भारतीय खाद्य निगम की रिपोर्ट के अनुसार,एफसीआई के पास वर्तमान में 267.29 एलएमटी चावल और 545.22 एलएमटी गेहूं है। इसलिए, कुल 812.51 एलएमटी खाद्य अनाज स्टॉक उपलब्ध है (गेहूं और धान की वह खरीद छोड़कर जो अभी तक गोदाम तक नहीं पहुंचे हैं)। एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत एक महीने के लिए लगभग 55 एलएमटी खाद्यान्न की आवश्यकता होती है।

 

लॉकडाउन के बाद से लगभग 139.97 एलएमटी खाद्यान्नों को उठाया गया है और 4999 रेल रेकों के माध्यम से उनका परिवहन किया गया है। 1 जुलाई, 2020 से, 7.78 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव किया गया और 278 रेल रेक के माध्यम से ले जाया गया। रेल मार्ग के अलावा, सड़कों और जलमार्गों के माध्यम से भी खाद्यान्नों का परिवहन किया गया। 1 जुलाई, 2020 से कुल 11.09 एलएमटी खाद्यान्न का परिवहन किया गया है और 1 जुलाई, 2020 से पूर्वोत्तर राज्यों में 0.28  एलएमटी खाद्यान्न पहुंचाया गया है।

 

खाद्य अनाज की खरीद:

 

08.07.2020 तक, कुल 389.45 एलएमटी गेहूं (आरएमएस 2020-21) और 748.55 एलएमटी चावल (केएमएस 2019-20) की खरीद की गई।

 

वन नेशन वन राशन कार्ड:

 

श्री पासवान ने कहा कि मंत्रालय जनवरी 2021 तक सभी शेष राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को ओएनओआरसी में शामिल करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कई राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों ने धीमी नेटवर्क कनेक्टिविटी से संबंधित चुनौतियों के बारे में कहा था। श्री पासवान ने इस संबंध में बताया कि उन्होंने यह मुद्दा दूर संचार विभाग (डीओटी) के समक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि एक साल की अवधि के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को मुफ्त नेट कनेक्शन प्रदान करने का प्रस्ताव है।

 

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