कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

मुख्य सूचना आयुक्त श्री बिमल जुल्का ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को कोविड महामारी के दौरान सीआईसी की कार्यप्रणाली के विषय में जानकारी दी


आरटीआई निपटान दर न सिर्फ महामारी से अप्रभावित रही है बल्कि सामान्य दिनों से भी अधिक रही है: डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 13 AUG 2020 7:18PM by PIB Delhi

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विपक्ष और कुछ वरिष्ठ कांग्रेस एवं अन्य नेताओं की अप्रमाणित टिप्पणियों कि कोविड महामारी के दौरान सरकार ने केन्द्रीय सूचना आयोग सहित विभिन्न आयोगों को निष्क्रिय छोड़ दिया है पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए विपक्ष के इन बयानों का पूरी तरह से खंडन किया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसके विपरीत, आरटीआई निपटान दर पर महामारी और कुछ निश्चित समयावधि का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, बल्कि इस अवधि के दौरन, निपटान दर सामान्य से अधिक रही है।


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भारत के मुख्य सूचना आयुक्त बिमल जुल्का के साथ केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के कामकाज की समीक्षा के पश्चात, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि महामारी के दौरान आयोग का कार्य एक दिन के लिए भी बाधित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सही मायनों में इसका श्रेय आयोग और उसके अधिकारियों को जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 15 मई को महामारी की मध्य स्थिति में भी, केंद्रीय सूचना आयोग ने वर्चुअल माध्यम से नव गठित केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर क्षेत्र से आरटीआई की सुनवाई और उन्हें निपटाने का कार्य प्रारंभ किया।

आयोग द्वारा संकलित आंकड़ों का हवाला देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों के घरेलू कंप्यूटरों के लिए ई-ऑफिस का विस्तार किया गया और मामलों के निपटान के लिए तकनीकी माध्यमों का प्रचुरता से उपयोग किया गया। उन्होंने कहा महामारी के दौरान हर महीने निपटाए जाने वाले मामलों की संख्या पिछले वर्ष के इसी महीने के बराबर रही और एक शानदार उदाहरण यह भी है कि केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा जून 2019 में निपटाए गए 1297 मामलों की तुलना में इस वर्ष जून 2020 में आरटीआई मामलों की संख्या 1785 थी अर्थात कोविड माहामारी की बाधाओं के बावजूद इस समयावधि में मामलों के निपटाने का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में महत्वपूर्ण रूप से अधिक रहा।

श्री जुल्का ने डॉ. जितेंद्र सिंह को जानकारी दी कि लॉकडाउन और आंशिक लॉकडाउन के दौरान सीआईसी सुनवाई की सुविधा के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग, रिटर्न जमा करने की सुविधा, वेबसाइट पर उप रजिस्ट्रारों के संपर्क विवरण अपलोड करना, आवश्यकतानुसार ई-पोस्ट के माध्यम से नोटिस जारी करना, ऑनलाइन पंजीकरण और नए मामलों की उसी दिन जांच करना आदि शामिल हैं।

सूचना आयुक्त ने मंत्री महोदय को जानकारी देते हुए बताया कि इन सबके अलावा आयोग ने प्रभावी तरीके से अपनी संवादात्मक और पहुँच गतिविधियों को भी जारी रखा है। उन्होंने कहा कि इसमें नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और भारत में राष्ट्रीय सूचना आयोगों के संघ (एनएफआईसीआई) के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्तालाप शामिल है।

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