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केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों (पीएसजीआईसी) की समीक्षा पर बैठक की अध्यक्षता की


श्रीमती सीतारमण ने पीएसजीआईसी को नए और उभरते जोखिमों को ध्यान में रखते हुए नवाचारी इंश्योरेंस उत्पाद निर्माण करने का निर्देश दिया

केंद्रीय वित्त मंत्री ने सभी पीएसजीआईसी में सर्विस डिलीवरी और क्षमता में सुधार के लिए डिजिटल बदलाव की तत्काल जरूरत पर जोर दिया

Posted On: 28 MAY 2025 8:41PM by PIB Delhi

केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों (पीएसजीआईसी) की समीक्षा पर बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) श्री एम. नागराजू और पीएसजीआईसी के प्रबंध निदेशक - न्यू इंडिया इंश्योरेंस, युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (रिइंश्योरेंस), एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 

 

 

बैठक में, केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रीमियम कलेक्शन, इंश्योरेंस की पहुंच और घनत्व, और किए गए दावों का अनुपात जैसे प्रमुख संकेतकों की समीक्षा की। यह बात रेखांकित हुई कि पीएसजीआईसी की ओर से किए गए कुल प्रीमियम संग्रह में बड़ा उछाल आया है और यह 2019 में ₹80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में ₹1.06 लाख करोड़ रुपये हो गया है। कुल मिलाकर जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने प्रगति की है, और वित्त वर्ष 2024-25 में कुल प्रीमियम कलेक्शन ₹3.07 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है।

 

 

जहां सामान्य बीमा की भारत में पहुंच 2023 के वैश्विक अनुपात 4.2% के मुकाबले- बहुत कम जीडीपी का 1% है - बीमा घनत्व में तेज प्रगति हुई है, जो 2019 में $9 से बढ़कर 2023 में $25 हो गया है। वित्त मंत्री ने पीएसजीआईसी की जरूरत को रेखांकित किया और व्यापक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहुंच व घनत्व को सुधारने पर काम करने को कहा।

अधिकारियों ने स्वास्थ्य बीमा सेगमेंट के पांच साल का विश्लेषण प्रस्तुत किया, जो निजी बीमाप्रदाता, स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाप्रदाता (एसएएचआई) और पीएसजीआईसी में सतत प्रीमियम की बढ़ोतरी को दर्शाते हैं। किए गए दावों का अनुपात, जो वित्त वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान अपने उच्चतम स्तर (पीएसजीआईसी 126% पर और निजी बीमाप्रदाता 105% पर) तक पहुंच गया था, तब से घट रहा है। वित्त वर्ष 2024 तक, यह अनुपात पीएसजीआईसी के लिए 103% और निजी बीमाप्रदाता के लिए 89% और एसएएचआई के लिए 65% पर है।

पीएसजीआईसी में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिला है और वे सभी फिर से मुनाफे में आ गई हैं। ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल) और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईसीएल) ने क्रमशः वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही से मुनाफा कमाना शुरू कर दिया, जबकि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल) ने 7 साल के अंतराल के बाद वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में मुनाफा कमाया। उल्लेखनीय रूप से, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईएसीएल) ने लगातार बाजार में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है और नियमित रूप से मुनाफा कमा रही है।

समीक्षा के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री ने सेवा वितरण और दक्षता में सुधार के लिए सभी पीएसजीआईसी में डिजिटल बदलाव की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें एआई-संचालित दावा निपटान प्रणालियों को अपनाना शामिल है, विशेष रूप से मोटर की क्षति और स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के लिए, ताकि तेजी से और अधिक सटीक दावा समाधान सुनिश्चित किया जा सके।

श्रीमती सीतारमण ने कंपनियों को साइबर धोखाधड़ी सहित नए और उभरते जोखिमों के अनुरूप नवाचारी बीमा उत्पाद विकसित करने और उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों के अनुरूप अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाने का भी निर्देश दिया। मजबूत अंडरराइटिंग प्रथाओं और पोर्टफोलियो अनुकूलन के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया, साथ ही लाभप्रदता और वित्तीय स्थिरता की रक्षा के लिए वैश्विक उद्योग बेंचमार्क के साथ संयुक्त अनुपात को संरेखित करने के निर्देश दिए गए।

ग्राहक-केंद्रितता को मुख्य फोकस क्षेत्र के रूप में पहचाना गया। श्रीमती सीतारमण ने पीएसजीआईसी को ग्राहकों की शिकायतों का तुरंत समाधान करने, सोशल मीडिया पर जुड़ाव को मजबूत करने और एंड-टू-एंड डिजिटल नो योर कस्टमर (केवाईसी) प्रक्रियाओं सहित अकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम के साथ सहज एकीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ये उपाय ऑनबोर्डिंग को सरल बनाने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए हैं।

बाजार पहुंच का विस्तार करने और सेवा पहुंच को मजबूत करने के लिए, पीएसजीआईसी को बिचौलियों, फिनटेक और इंश्योरटेक फर्मों के साथ रणनीतिक सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इन साझेदारियों से पीएसजीआईसी की पूरे देश में मौजूदगी को मजबूत करने और जनसांख्यिकी में बीमा पैठ को गहरा करने की उम्मीद है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने सटीक मूल्य निर्धारण मॉडल और कुशल दावा मॉडलिंग विकसित करने के लिए उन्नत डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाने के महत्व पर भी जोर दिया, जो बेहतर जोखिम मूल्यांकन और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए आवश्यक हैं।

पीएसजीआईसी को इन निर्देशों को समयबद्ध तरीके से लागू करने का निर्देश दिया गया है। प्रगति की निगरानी करने और इच्छित परिणामों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए नियमित समीक्षा की जाएगी।

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(Release ID: 2132215)