गृह मंत्रालय
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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में आज ‘संविधान हत्या दिवस’ के अवसर पर आपातकाल विरोधी आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अनुभवों के संकलन ‘The Emergency Diaries - Years that Forged a Leader’ का विमोचन किया


‘The Emergency Diary: Years that Forged a Leader’ पुस्तक बताती है कि कैसे एक युवा संघ प्रचारक के रूप में मोदी जी ने भूमिगत रहकर संघर्ष किया

आपातकाल में युवा मोदी जी का संघर्ष ही PM के रूप में लोकतंत्र की जड़ें गहरी बनाने में उनकी प्रेरणा है

जिस युवा मोदी जी ने गांव-गांव घूमकर परिवारवाद स्थापित करने के लिए लगाये आपातकाल का विरोध किया, उसी व्यक्ति ने 2014 में परिवारवादी राजनीति को उखाड़ फेंका

Posted On: 25 JUN 2025 7:52PM by PIB Delhi

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में आज ‘संविधान हत्या दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में आपातकाल विरोधी आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अनुभवों के संकलन ‘The Emergency Diaries - Years that Forged a Leader’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना और प्रसारण, रेल तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, दिल्ली के उप-राज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पुस्तक विमोचन के बाद अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि इस पुस्तक में आपातकाल के दौरान एक युवा संघ प्रचारक के तौर पर नरेन्द्र मोदी जी के कार्यों का जिक्र है कि किस तरह जयप्रकाश नारायण जी और नाना जी देशमुख के नेतृत्व में 19 माह तक चले आंदोलन में भूमिगत रह कर संघर्ष किया, मीसा कानून के तहत जेल में बंद लोगों के घर गए और उनके परिजन से बात की और उनके इलाज की व्यवस्था की। गुप्त रूप से प्रकाशित होने वाले कई अखबारों को बाजारों, चौराहों, विद्यार्थियों और महिलाओं में बांटने का काम किया और गुजरात में 24-25 साल के युवा के तौर पर मोदी जी ने संघर्ष का नेतृत्व किया। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी उस वक्त भूमिगत रह कर कभी साधु, कभी सरदार जी, कभी हिप्पी, कभी अगरबत्ती बेचने वाले या कभी अखबार बेचने वाले का काम करते थे।

श्री अमित शाह ने कहा कि परिवारवाद को प्रस्थापित करने के लिए लागू की गई इमरजेंसी के समय जिस 25 साल के युवा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री के तानाशाही विचारों का विरोध किया, घर-घर, गांव-गांव और शहर-शहर घूमकर विरोध किया, उसी व्यक्ति ने 2014 में परिवारवाद को पूरे देश से जड़ से उखाड़ कर फेंक किया। उन्होंने कहा कि मीडिया की सेंसरशिप, सरकार का दमन, संघ और जनसंघ का संघर्ष, आपातकालीन पीडितों का वर्णन और तानाशाही से जनभागीदारी तक के रूप में इस किताब में पाँच अध्याय हैं।

गृह मंत्री ने देश के युवाओं से अपील की कि वह इस पुस्तक को जरूर पढ़ें ताकि उन्हें यह पता चल सके कि जिस युवा ने अपने शुरुआती दिनों में जिस प्रकार से तानाशाही के खिलाफ संघर्ष किया, वही युवा इस देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हैं।

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(Release ID: 2139685)
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