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दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की गवर्नर फ्रांसिस एडमसन एसी ने डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की; अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में गहन सहयोग पर विचार-विमर्श किया


डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) से अत्यंत विकसित हो रहा है; वैश्विक औद्योगिक सहयोग का आह्वान किया

समुद्री अर्थव्यवस्था: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया

Posted On: 25 JUN 2025 6:15PM by PIB Delhi

भारत की यात्रा पर आईं दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की गवर्नर फ्रांसिस एडमसन एसी ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री तथा कार्मिक, पेंशन एवं लोक शिकायत राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और अधिक बढ़ाने पर चर्चा की।

सुश्री फ्रांसिस एडमसन डॉ. जितेन्द्र सिंह के साथ एक्सिओम-4 मिशन प्रक्षेपण की विशेष स्क्रीनिंग में भी शामिल हुईं, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण रहा। इसके मिशन पायलट, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के वैश्विक अंतरिक्ष दल में शामिल होने वाले नवीनतम भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, "यह भारत के लिए गौरवशाली और निर्णायक क्षण है, और हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि गवर्नर फ्रांसिस एडमसन इस उल्लेखनीय घटना की गवाह बनीं, जो अग्रणी प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया की बढ़ती साझेदारी को प्रतिबिंबित करती है।"

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत-ऑस्ट्रेलिया अंतरिक्ष सहयोग के विकास का उल्लेख करते हुए अक्टूबर 2012 में हस्ताक्षरित अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) को स्मरण किया और बताया कि कैसे वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी (एएसए) के गठन और उसके बाद वर्ष 2021 में हुए संशोधन समझौते से दोनों देशों के अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्लेखनीय तेजी आई।

डॉ. सिंह ने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया के निरंतर सहयोग, विशेष रूप से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन - इसरो के प्रमुख मानव अंतरिक्ष गगनयान मिशन को आगे बढ़ाने की अत्यंत सराहना करता है।

डॉ. सिंह ने क्रू मॉड्यूल रिकवरी अभियान पर चर्चा के लिए हाल में अप्रैल 2025 में भारतीय तकनीकी टीमों की कैनबरा यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न ऑस्ट्रेलियाई मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ हुई चर्चाओं से दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को नई गति मिली है।

अंतरिक्ष जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की प्रगति का उल्लेख करते हुए डॉ. सिंह ने गवर्नर फ्रांसिस एडमसन को बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और इसरो के बीच सहयोग से विकसित स्वदेशी जैव प्रौद्योगिकी किट का अब अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर परीक्षण किया जा रहा है। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला द्वारा ले जाए गए ये किट कम गुरुत्वाकर्षण में सूक्ष्म शैवाल के बढ़ने की जांच के लिए बनाये गए हैं, जो लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों में जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि अंतरिक्ष जीव विज्ञान और अंतरिक्ष चिकित्सा का संयोजन एक परिवर्तनकारी क्षेत्र के रूप में उभर रहा है और भारत ने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुदृढ़ अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के बढ़ते महत्व पर जोर दिया और भारतीय स्टार्टअप और उद्योगों के साथ साझेदारी के प्रति ऑस्ट्रेलिया की रुचि का स्वागत किया। उन्होंने सुव्यवस्थित सहयोग के सकारात्मक उदाहरण के रूप में ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी (एएसए) के अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष निवेश - इंडिया स्ट्रीम की भूमिका को सराहा।

डॉ. सिंह ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच सहयोगात्मक भावना से प्रेरित रही है और हम ऑस्ट्रेलिया को एक प्रमुख और विश्वसनीय साझेदार मानते हैं।

दोनों देशों के विशाल समुद्री संसाधनों को देखते हुए, दोनों पक्षों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया सामुद्रिक सहयोग के विस्तारित ढांचे स्थापित करने पर भी विचार-विमर्श किया, जिसका उद्देश्य सामुद्रिक विज्ञान में सतत अन्वेषण, संरक्षण और नवाचार है।

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की गवर्नर फ्रांसिस एडमसन एसी ने अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों की सराहना करते हुए गगनयान मिशन तथा अन्य आगामी उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के आपसी संबंध, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक सहयोग से और मज़बूत होंगे।

सुश्री फ्रांसिस एडमसन एसी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ वैज्ञानिक और रणनीतिक साझेदारी को अत्यंत महत्व देता है और अंतरिक्ष, समुद्री अनुसंधान और नवाचार में संयुक्त पहल को आगे बढ़ाना चाहता है।

इस अवसर पर भारत में आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त श्री फिलिप ग्रीन भी मौजूद थे।

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एमजी/आरपीएम/केसी/एकेवी/एसके


(Release ID: 2139691)
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