शिक्षा मंत्रालय
आईआईटी रुड़की ने घातक एंटीबायोटिक प्रतिरोध से लड़ने के लिए दवा की खोज की
- यौगिक 3बी दवा-प्रतिरोधी क्लेबसिएला न्यूमोनिया के विरुद्ध एंटीबायोटिक क्रियाशीलता को पुनर्स्थापित करता है।
- यह खोज मेरोपेनम संयोजन चिकित्सा का उपयोग करके विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ)-प्राथमिकता वाले रोगजनक के विरुद्ध आशा की किरण जगाती है।
- जर्नल ऑफ मेडिसिनल केमिस्ट्री में प्रकाशित, यह अध्ययन एंटीबायोटिक उपचार को दे सकता है नया रूप
Posted On:
10 AUG 2025 10:05AM by PIB Dehradun
आईआईटी रुड़की ने एंटीबायोटिक प्रतिरोध के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। संस्थान के शोधकर्ताओं ने एक नई दवा, कंपाउंड 3बी, विकसित की है जो घातक दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक की प्रभावशीलता को बहाल कर सकती है।
जैव विज्ञान एंव जैव अभियांत्रिकी विभाग की प्रोफेसर रंजना पठानिया के नेतृत्व में, आईआईटी रुड़की की टीम - जिसमें डॉ. मंगल सिंह और परवेज़ बख्त शामिल हैं - ने नॉर्वेजियन सहयोगियों प्रोफेसर एनेट बायर और यूआईटी ट्रोम्सो की उनकी टीम के साथ मिलकर एक नया अणु तैयार किया है, जो एंटीबायोटिक मेरोपेनम के साथ मिलकर केपीसी-2 उत्पादक क्लेबसिएला न्यूमोनिया के कारण होने वाले संक्रमण का इलाज करता है। क्लेबसिएला न्यूमोनिया एक सुपरबग है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के शीर्ष प्राथमिकता वाले खतरों में सूचीबद्ध किया गया है।
आईआईटी रुड़की के जैव विज्ञान एंव जैव अभियांत्रिकी विभाग की प्रमुख अन्वेषक प्रोफेसर रंजना पठानिया ने कहा, "यह सफलता दुनिया की सबसे जरूरी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक, रोगाणुरोधी प्रतिरोध के लिए एक आशाजनक समाधान प्रदान करती है। हमारा यौगिक प्रतिरोध तंत्र को बेअसर करता है और प्रीक्लिनिकल मॉडल में मजबूत चिकित्सीय परिणाम दिखाता है।"
यह नया खोजा गया अणु β-लैक्टामेज़ अवरोधक दवाओं के एक वर्ग से संबंधित है जो जीवाणु एंजाइमों को जीवन रक्षक एंटीबायोटिक दवाओं को विघटित करने से रोकता है। यौगिक 3b अत्यधिक विशिष्ट है, मानव कोशिकाओं के लिए सुरक्षित है, और प्रतिरोधी जीवाणुओं को मारने के लिए मेरोपेनम के साथ सहक्रियात्मक रूप से कार्य करता है। प्रयोगशाला और पशु परीक्षणों ने फेफड़ों में जीवाणु संक्रमण को उल्लेखनीय रूप से कम किया है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के. के. पंत ने कहा, "यह नवाचार वैश्विक चुनौतियों के लिए प्रभावशाली वैज्ञानिक समाधान विकसित करने की आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बढ़ते एंटीबायोटिक प्रतिरोध के मद्देनजर, इस तरह के शोध प्रभावी और सुलभ उपचारों के लिए महत्वपूर्ण आशा प्रदान करते हैं।"

यह शोध प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ मेडिसिनल केमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है और उम्मीद है कि यह सुपरबग्स पर लक्षित भविष्य की दवा विकास गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह खोज रोगाणुरोधी प्रतिरोध के विरुद्ध चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। यौगिक 3बी में मौजूदा एंटीबायोटिक दवाओं की क्षमता को पुनः स्थापित करने की प्रबल क्षमता दिखाई देने के साथ, आईआईटी रुड़की द्वारा किया गया यह कार्य जन स्वास्थ्य की सुरक्षा में अंतःविषय अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। चूँकि एंटीबायोटिक प्रतिरोध वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के लिए एक ख़तरा है, ऐसे में इस तरह के नवाचार प्रभावी उपचारों के लिए नई आशा जगाते हैं और अग्रणी जैव चिकित्सा अनुसंधान में भारत के योगदान को सुदृढ़ करते हैं।
🚨 हेल्थ ब्रेकथ्रू!@IITRoorkee के वैज्ञानिकों ने खोजा कंपाउंड 3B — जो दवा-प्रतिरोधी क्लेबसिएला न्यूमोनिया को मात देकर एंटीबायोटिक की ताकत वापस लाता है 💊🦠#AntibioticResistance के खिलाफ नई उम्मीद 🌍@DDnews_dehradun @airnews_ddn pic.twitter.com/SzlrhNrb9G
— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) August 10, 2025
(Release ID: 2154798)
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