प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्णिया, बिहार में लगभग ₹40,000 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया
अब पूर्णिया देश के एविएशन मैप पर आ गया है: प्रधानमंत्री
मैंने बिहार के लोगों से वादा किया था कि राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा, कल ही केंद्र सरकार ने इसकी स्थापना के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है: प्रधानमंत्री
भारत में भारत का कानून चलेगा, घुसपैठियों की मनमानी नहीं और यह मोदी की गारंटी है: घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और देश अच्छे परिणाम भी देखेगा: प्रधानमंत्री
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15 SEP 2025 5:50PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के पूर्णिया जिले में लगभग ₹40,000 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने सभी का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि पूर्णिया माँ पूरण देवी, भक्त प्रह्लाद और महर्षि मेंही बाबा की भूमि है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस धरती ने फणीश्वरनाथ रेणु और सतीनाथ भादुड़ी जैसे साहित्यकारों को जन्म दिया है। उन्होंने आगे कहा कि यह विनोबा भावे जैसे समर्पित कर्मयोगियों की कर्मभूमि रही है और इस भूमि के प्रति उन्होंने अपनी गहरी श्रद्धा होने की बात दोहराई।
बिहार के लिए लगभग ₹40,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण तथा शिलान्यास की घोषणा करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि रेलवे, हवाई अड्डे, बिजली और पानी के क्षेत्रों से जुड़ी ये परियोजनाएँ सीमांचल की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक माध्यम बनेंगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40,000 से ज़्यादा लाभार्थियों को पक्का आवास मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इन 40,000 परिवारों के जीवन में एक नई शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि धनतेरस, दिवाली और छठ पूजा से पहले पक्के घर में गृहप्रवेश बड़े सौभाग्य से होता है। उन्होंने इन सभी परिवारों को अपनी शुभकामनाएँ और बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का यह अवसर उनके बेघर भाई-बहनों को यह भरोसा दिलाने का भी है कि एक दिन उन्हें भी पक्का घर मिलेगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 11 वर्षों के दौरान उनकी सरकार ने गरीबों के लिए 4 करोड़ से ज़्यादा पक्के घर बनाए और उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार अब 3 करोड़ नए घर बनाने की दिशा में काम कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि जब तक हर गरीब नागरिक को पक्का घर नहीं मिल जाता, मोदी न रुकेंगे, न थमेंगे। उन्होंने कहा कि पिछड़े को प्राथमिकता देना और गरीबों की सेवा करना उनके शासन का मूल उद्देश्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सर एम. विश्वेश्वरैया जी की याद में हम इंजीनियर्स डे मनाते हैं। एक विकसित भारत और एक विकसित बिहार के निर्माण में इंजीनियरों की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने देश भर के सभी इंजीनियरों को बधाई और शुभकामनाएँ दीं। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इंजीनियरों का परिश्रम और उनका कौशल आज के कार्यक्रम में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया हवाई अड्डे का टर्मिनल भवन पाँच महीने से भी कम के रिकॉर्ड समय में बनाया गया है। उन्होंने टर्मिनल के उद्घाटन की घोषणा की और पहली व्यावसायिक उड़ान को हरी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, "नए हवाई अड्डे के शुभारंभ के साथ ही, पूर्णिया अब देश के एविएशन मैप पर आ गया है।" उन्होंने कहा कि इससे पूर्णिया और सीमांचल की देश भर के प्रमुख शहरों तथा प्रमुख व्यापारिक केंद्रों के साथ सीधी कनैक्टिविटी संभव हो सकेगी।
श्री मोदी ने उत्साहपूर्वक कहा, "हमारी सरकार पूरे क्षेत्र को आधुनिक, हाई-टैक रेल सेवाओं से जोड़ रही है।" उन्होंने आज एक वंदे भारत, दो अमृत भारत और एक पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने नई अररिया-गलगलिया रेल लाइन के उद्घाटन की घोषणा की और विक्रमशिला-कटरिया रेल लाइन की आधारशिला रखी।
इस बात का उल्लेख करते हुए, कि भारत सरकार ने हाल ही में बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के मोकामा-मुंगेर सेक्शन को मंज़ूरी देकर एक और बड़ा फ़ैसला लिया है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इससे मुंगेर, जमालपुर और भागलपुर जैसे औद्योगिक केंद्रों को काफ़ी फ़ायदा होगा। उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल लाइन के दोहरीकरण को भी मंज़ूरी दे दी है।
श्री मोदी ने कहा कि देश के विकास के लिए बिहार का विकास ज़रूरी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बिहार की प्रगति के लिए पूर्णिया और सीमांचल क्षेत्र का विकास बेहद ज़रूरी है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पिछली सरकारों के कुशासन के कारण इस क्षेत्र को काफ़ी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब इस स्थिति को बदल रही है। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यह क्षेत्र अब विकास के केंद्र में है।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए, कि बिहार को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों पर काम चल रहा है, प्रधानमंत्री ने बताया कि भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट के थर्मल पॉवर प्रोजैक्ट का शिलान्यास किया गया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि केंद्र और राज्य में उनकी सरकारें किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्री मोदी ने कोसी-मेची इंट्रा-स्टेट रिवर लिंक प्रोजैक्ट के पहले चरण के शिलान्यास की भी घोषणा की, जिससे पूर्वी कोसी मुख्य नहर का विस्तार होगा। इस विस्तार से लाखों हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी और बाढ़ की चुनौती से निपटने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि मखाना की खेती बिहार के किसानों की आय का एक स्रोत रही है, लेकिन पिछली सरकारों ने इस फसल और इसके किसानों, दोनों की उपेक्षा की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह वर्तमान सरकार ही है जिसने मखाने को वह प्राथमिकता दी है जिसका वह हकदार है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैंने बिहार के लोगों से राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन का वादा किया था। उन्होंने घोषणा की कि केंद्र सरकार ने कल ही इसकी स्थापना की अधिसूचना जारी कर दी है।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह बोर्ड मखाना किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने और इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने के लिए निरंतर काम करेगा। उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने मखाना क्षेत्र के विकास के लिए लगभग ₹475 करोड़ की योजना को मंज़ूरी दी है।
बिहार के विकास और प्रगति की वर्तमान गति को कुछ लोगों के लिए चिंताजनक बताते हुए, श्री मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने दशकों तक बिहार का शोषण किया और इसकी धरती के साथ विश्वासघात किया, वे यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि बिहार अब नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बिहार में हर क्षेत्र में हज़ारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएँ चल रही हैं। उन्होंने राजगीर में हॉकी एशिया कप की मेज़बानी, औंटा-सिमरिया पुल के ऐतिहासिक निर्माण और अफ्रीका को बिहार में निर्मित रेल इंजनों के निर्यात जैसी प्रमुख उपलब्धियों का ज़िक्र किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विपक्षी नेताओं के लिए ये उपलब्धियाँ हजम कर पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जब भी बिहार आगे बढ़ता है, विपक्षी दल राज्य का अपमान करने लगते हैं। उन्होंने हाल ही में एक विपक्षी दल द्वारा सोशल मीडिया पर बिहार की तुलना बीड़ी से करने की घटना का ज़िक्र किया, जो गहरी अवमानना को दर्शाता है। उन्होंने इन दलों पर घोटालों और भ्रष्टाचार के ज़रिए बिहार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने और अब, जब राज्य विकास कर रहा है तो इसे फिर से बदनाम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसी मानसिकता वाले लोग बिहार के कल्याण के लिए कभी काम नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जो लोग केवल अपने खजाने भरने में लगे रहते हैं, वे गरीबों के घरों की चिंता नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया था कि सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्येक ₹1 में से ₹0.85 भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते थे। उन्होंने सवाल किया कि क्या विपक्ष के शासन में पैसा कभी सीधे गरीबों के खाते में पहुँचता था। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोविड-19 महामारी के बाद से, प्रत्येक गरीब नागरिक को मुफ्त राशन मिल रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या विपक्षी सरकारों के तहत कभी ऐसे लाभ प्रदान किए गए थे। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत, अब प्रत्येक गरीब व्यक्ति को ₹5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग अस्पताल नहीं बना पाए, क्या वे कभी ऐसे स्वास्थ्य सेवा लाभ प्रदान कर सकते थे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विपक्षी दल न केवल बिहार की गरिमा, बल्कि उसकी पहचान के लिए भी खतरा हैं। उन्होंने अवैध घुसपैठियों के कारण सीमांचल और पूर्वी भारत में उभर रहे गंभीर जनसांख्यिकीय संकट पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने चिंता व्यक्त की कि बिहार, बंगाल और असम के लोग अपनी बहनों और बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने इस मुद्दे के समाधान के लिए लाल किले से की गई जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा को याद किया। प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन और उसके तंत्र की आलोचना करते हुए कहा कि वे घुसपैठियों का बचाव कर रहे हैं और वोट बैंक की राजनीति के लिए उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि ये समूह बिहार और राष्ट्र के संसाधनों और सुरक्षा, दोनों को खतरे में डालने को तैयार हैं। पूर्णिया की धरती से बोलते हुए, उन्होंने घोषणा की कि हर घुसपैठिए को बाहर निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घुसपैठ को रोकना उनकी सरकार की दृढ़ ज़िम्मेदारी है। सीधी चुनौती देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि घुसपैठियों का बचाव करने वाले नेता सामने आएं। उन्होंने कहा कि वे घुसपैठियों को बचाने की कितनी भी कोशिश कर लें, सरकार उन्हें बाहर निकालने के संकल्प के साथ काम करती रहेगी। उन्होंने घुसपैठियों की ढाल बनने वालों को चेतावनी दी कि भारत में भारत का कानून चलेगा, अवैध घुसपैठियों की मनमानी नहीं। उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि यह उनकी गारंटी है: घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और देश इसके अच्छे परिणाम देखेगा। श्री मोदी ने घुसपैठ के समर्थन में दुष्प्रचार करने के लिए विपक्षी गठबंधन की आलोचना की और घोषणा की कि बिहार और भारत की जनता उन्हें कड़ा और निर्णायक जवाब देने की तैयारी कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में पिछले दो दशकों से विपक्ष सत्ता से बाहर है और उन्होंने इस बदलाव के पीछे बिहार की महिलाओं, इसकी माताओं और बहनों को प्रेरक शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के शासनकाल में, हत्या, बलात्कार और जबरन वसूली जैसे बड़े पैमाने पर होने वाले अपराधों की मुख्य शिकार महिलाएँ ही थीं। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र और राज्य में हमारी सरकारों के तहत, यही महिलाएँ अब "लखपति दीदी" और "ड्रोन दीदी" के रूप में उभर रही हैं और स्वयं-सेवी समूहों के माध्यम से एक परिवर्तनकारी क्रांति का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जीविका दीदी अभियान की अभूतपूर्व सफलता की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि महिलाओं के लिए लगभग ₹500 करोड़ का सामुदायिक निवेश कोष जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि यह राशि क्लस्टर-स्तरीय संघों तक पहुँचेगी, जो गाँवों में स्वयं-सेवी समूहों को सशक्त बनाएंगे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह पहल महिलाओं को अपनी क्षमताओं और आर्थिक शक्ति को बढ़ाने के नए अवसर प्रदान करेगी।
श्री मोदी ने कहा कि विपक्ष के लिए, अपने परिवारों का कल्याण हमेशा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है, और उन्होंने कभी भी जनता के परिवारों की परवाह नहीं की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनके लिए प्रत्येक नागरिक उनके परिवार का हिस्सा है। इसलिए उन्हें लोगों के खर्चों और उनकी बचत की चिंता है। दिवाली और छठ सहित कई त्योहारों के नज़दीक आने के साथ, प्रधानमंत्री ने गरीब और मध्यम वर्ग के लिए सरकार की ओर से एक बड़ी सौगात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज 15 सितंबर है और ठीक एक सप्ताह बाद नवरात्रि शुरू हो जाएगी। उस दिन, 22 सितंबर को, पूरे देश में जीएसटी कम कर दिया जाएगा। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अधिकांश दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी में उल्लेखनीय कमी की गई है। उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि जीएसटी में कमी से रसोई के खर्चों में काफी कमी आएगी। टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, घी और विभिन्न खाद्य उत्पाद अधिक किफायती हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा में इस्तेमाल होने वाली स्टेशनरी की लागत भी कम हो जाएगी। इस त्योहारी सीज़न में, बच्चों के लिए नए कपड़े और जूते खरीदना आसान होगा, क्योंकि ये भी सस्ते होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई सरकार वास्तव में गरीबों की परवाह करती है, तो वह ऐसे प्रभावशाली उपाय करती है।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पूर्णिया के सपूतों द्वारा अंग्रेजों को भारत की ताकत का प्रदर्शन करवाए जाने का स्मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार फिर, ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से, राष्ट्र ने अपने विरोधियों को वही ताकत दिखाई है। श्री मोदी ने इस ऑपरेशन के रणनीतिक क्रियान्वयन में पूर्णिया के एक वीर सपूत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि चाहे राष्ट्रीय सुरक्षा हो या राष्ट्रीय विकास, बिहार देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अंत में आग्रह किया कि बिहार के विकास अभियान की गति पूरी ताकत से जारी रहनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल, श्री आरिफ मोहम्मद खान; बिहार के मुख्यमंत्री, श्री नीतीश कुमार; केंद्रीय मंत्री, श्री राममोहन नायडू; श्री राजीव रंजन सिंह, श्री जीतन राम मांजी, श्री गिरिराज सिंह, श्री चिराग पासवान, श्री नित्यानंद राय, श्री राम नाथ ठाकुर, डॉ. राज भूषण चौधरी, श्री सतीश चंद्र दुबे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने बिहार में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ किया। यह बोर्ड उत्पादन और नई प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देगा, फसलोत्तर प्रबंधन को मज़बूत करेगा, मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देगा तथा मखाना के बाज़ार, निर्यात और ब्रांड विकास को सुगम बनाएगा, जिससे बिहार और देश के मखाना किसानों को लाभ होगा।
देश के कुल मखाना उत्पादन में बिहार का योगदान लगभग 90% है। मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया जैसे प्रमुख ज़िले मखाना उत्पादन के प्राथमिक केंद्र हैं क्योंकि यहाँ की अनुकूल जलवायु और उपजाऊ मिट्टी मखाना की उच्च गुणवत्ता में योगदान देती है। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से राज्य और देश में मखाना उत्पादन को व्यापक बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक मानचित्र पर इस क्षेत्र में बिहार की उपस्थिति और मज़बूत होगी।
प्रधानमंत्री ने पूर्णिया हवाई अड्डे के न्यू सिविल एन्क्लेव में अंतरिम टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्र में यात्री प्रबंधन क्षमता में वृद्धि होगी।
प्रधानमंत्री ने पूर्णिया में लगभग 40,000 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने भागलपुर के पीरपैंती में 3x800 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना का शिलान्यास किया। यह बिहार में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा - 25,000 करोड़ रुपये का - निवेश होगा। इसे अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल, कम उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकी पर डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना समर्पित बिजली प्रदान करेगी और बिहार की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करेगी।
प्रधानमंत्री ने 2680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कोसी-मेची इंट्रा-स्टेट रिवर लिंक प्रोजैक्ट के पहले चरण की आधारशिला रखी। इस परियोजना में नहर के उन्नयन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें गाद निकालना, क्षतिग्रस्त संरचनाओं का पुनर्निर्माण और सेटलमेंट बेसिन का जीर्णोद्धार शामिल है। साथ ही, इसकी जल-निकासी क्षमता को 15,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 20,000 क्यूसेक किया जाएगा। इससे पूर्वोत्तर बिहार के कई जिलों को सिंचाई विस्तार, बाढ़ नियंत्रण और कृषि लचीलापन का लाभ मिलेगा।
रेल सम्पर्क में सुधार लाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने बिहार में रेल परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया और कई रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई।
प्रधानमंत्री ने विक्रमशिला-कटारिया के बीच 2,170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेल लाइन की आधारशिला रखी, जो गंगा नदी के पार सीधा रेल संपर्क प्रदान करेगी। इससे गंगा के पार सीधा रेल संपर्क उपलब्ध होगा और क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) के बीच 4,410 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली नई रेल लाइन का उद्घाटन किया।
.प्रधानमंत्री ने अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) खंड पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, जिससे अररिया और किशनगंज जिलों के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित होगा और पूर्वोत्तर बिहार तक पहुँच में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने जोगबनी और दानापुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई, जिससे अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना जैसे जिलों को सीधा लाभ होगा। वे सहरसा और छेहरटा (अमृतसर) तथा जोगबनी और इरोड के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। ये ट्रेनें आधुनिक आंतरिक साज-सज्जा, बेहतर सुविधाएँ और तेज़ यात्रा क्षमताएँ प्रदान करेंगी, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देंगी।
प्रधानमंत्री ने पूर्णिया में सेक्स सॉर्टेड सीमेन सुविधा का भी उद्घाटन किया। यह राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत एक अत्याधुनिक वीर्य केंद्र है, जो सालाना 5 लाख सेक्स सॉर्टेड सीमेन खुराक का उत्पादन करने में सक्षम है। पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में अपनी तरह की यह पहली सुविधा, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, अक्टूबर 2024 में लॉन्च की गई थी और यह स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक का उपयोग करती है। मादा बछड़ों के जन्म की अधिक संभावना को सक्षम करके, यह तकनीक छोटे, सीमांत किसानों और भूमिहीन मजदूरों को अधिक प्रतिस्थापन बछिया प्राप्त करने, आर्थिक तनाव को कम करने और बेहतर डेयरी उत्पादकता के माध्यम से आय बढ़ाने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई (आर) के तहत 35,000 ग्रामीण लाभार्थियों और पीएमएवाई (यू) के तहत 5,920 शहरी लाभार्थियों के लिए आयोजित गृह प्रवेश समारोहों में भी भाग लिया और कुछ लाभार्थियों को चाबियाँ सौंपीं।
प्रधानमंत्री ने बिहार में डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत क्लस्टर स्तरीय संघों को लगभग 500 करोड़ रुपये के सामुदायिक निवेश कोष भी वितरित किए तथा कुछ सीएलएफ अध्यक्षों को चेक सौंपे।
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पीके/केसी/पीके
(Release ID: 2167016)
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