वित्त मंत्रालय 
                
                
                
                
                
                    
                    
                        राष्ट्रव्यापी वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई
                    
                    
                        
2025 1 जुलाई 2025 से 15 सितंबर 2025 तक देश के विभिन्न जिलों में 2.3 लाख से अधिक शिविर आयोजित किए गए
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 61 लाख से अधिक नए खाते खोले गए; पिछले 2.5 महीनों में तीन जन सुरक्षा योजनाओं के तहत 2.6 करोड़ से अधिक नए नामांकन हुए
                    
                
                
                    Posted On:
                16 SEP 2025 7:43PM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                1 जुलाई 2025 को शुरू किए गए तीन माह के राष्ट्रव्यापी वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान ने अपने पहले 2.5 महीनों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। इस अभियान के तहत, वित्तीय सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिए देश भर के विभिन्न जिलों में 2.3 लाख से ज़्यादा शिविर लगाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप 61 लाख से ज़्यादा नए प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खाते खुले हैं और तीन जन सुरक्षा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत 2.6 करोड़ से ज़्यादा नए नामांकन हुए हैं, जो सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन की दिशा में एक मज़बूत गति को दर्शाते हैं। इसके अलावा, डिजिटल धोखाधड़ी, दावा न की गई जमा राशि तक पहुँच और शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
वित्तीय सेवा विभाग ने देश के अंतिम व्यक्ति तक सभी को वित्तीय समावेशन योजनाओं में शामिल करने के उद्देश्य से 1 जुलाई, 2025 से 30 सितंबर, 2025 तक तीन महीने का राष्ट्रव्यापी वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान शुरू किया है। इस अभियान को बड़ी सफलता मिली है, जैसा कि वित्तीय समावेशन मानकों में हुई उल्लेखनीय प्रगति से पता चलता है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रमुख योजनाओं - प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की पहुँच देश भर के सभी पात्र व्यक्तियों तक विस्तृत करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, सभी 2.70 लाख ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में बैंक खातों के लिए पुनः केवाईसी तथा नामांकन अद्यतन को सुगम बनाया जा रहा है और दावा न की गई जमा राशि तथा डिजिटल धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता भी प्रदान की जा रही है।
1 जुलाई से 14 सितंबर, 2025 के बीच, इस अभियान ने सार्थक सामुदायिक सहभागिता को सुगम बनाया है। आगामी शिविरों के रणनीतिक प्रचार और प्रसार के माध्यम से, नागरिकों को शिविरों में आने और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
देश के विभिन्न गाँवों और कस्बों में कुल 2,30,895 शिविर आयोजित किए गए हैं और प्रगति (15.09.2025 तक) इस प्रकार है:
	
		
			| 
			 श्रेणी 
			 | 
			
			 विवरण  
			 | 
		
	
	
		
			| 
			 पीएमजेडीवाई खाते खोले गए 
			 | 
			
			 61.69 लाख 
			 | 
		
		
			| 
			 निष्क्रिय खातों के लिए विवरण 
			अपने ग्राहक को जाने (केवाईसी) का पुन: सत्यापन 
			  
			 | 
			
			 2.32 करोड़ 
			 | 
		
		
			| 
			 नामांकन अद्यतन 
			 | 
			
			 56.86 लाख 
			 | 
		
		
			| 
			 सामाजिक सुरक्षा योजना नामांकन 
			  
			 | 
			
			 पीएमजेजेबीवाईः 72.56 लाख 
			 | 
		
		
			| 
			 पीएमएसबीवाईः 1.56 करोड़  
			 | 
		
		
			| 
			 एपीवाईः 31.32 लाख 
			 | 
		
		
			| 
			 पीएमजेजेबीवाई तथा पीएमएसबीवाई के तहत अदा किए गए दावे 
			 | 
			
			 44,455 
			 | 
		
		
			| 
			 विषय जिन पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए   
			 | 
			
			 डिजिटल धोखाधड़ी 
			दावा न की गई जमा राशियों को कैसे प्राप्त करें 
			शिकायत निवारण तंत्र 
			 | 
		
	
 
 
जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ेगा, समग्र वित्तीय समावेशन के व्यापक दृष्टिकोण के साथ सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाते हुए, सभी ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को इसमें शामिल करने की दिशा में केंद्रित प्रयास जारी रहेंगे।
भारत सरकार समाज के प्रत्येक स्तर पर हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पहुँच अंतिम छोर तक सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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पीके/केसी/पीके
                
                
                
                
                
                (Release ID: 2167538)
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