आयुष
पशु स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद और पीवी नरसिम्हा राव तेलंगाना पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
Posted On:
23 SEP 2025 4:55PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) और पीवी नरसिम्हा राव तेलंगाना पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय (पीवीएनआरटीवीयू), राजेंद्रनगर, हैदराबाद के बीच पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने संबंधी एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
समझौता ज्ञापन पर सीसीआरएएस की ओर से सीसीआरएएस-राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान हैदराबाद के प्रभारी सहायक निदेशक डॉ. गोली पेंचला प्रसाद और पीवीएनआरटीवीयू की ओर से रजिस्ट्रार प्रो. ए. शरतचंद्र अमरावती ने हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर समारोह में पीवीएनआरटीवीयू के कुलपति प्रो. एम. ज्ञान प्रकाश और सीसीआरएएस के उप महानिदेशक डॉ. नारायणम श्रीकांत सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया जिनमें पीवीएनआरटीवीयू के अनुसंधान निदेशक डॉ. हरिकृष्ण, निदेशक, छात्र मामले डॉ. सतीश कुमार , डीन संकाय डॉ. एम. उदय कुमार, निदेशक, विस्तार डॉ. एम. किशन कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. जयलक्ष्मी, एसोसिएट प्रोफेसर, पशु चिकित्सा सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी विज्ञान विभाग डॉ. बीसम श्रीनिवास, तथा सीसीआरएएस-एनआईआईएमएच, हैदराबाद के अनुसंधान अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ. साकेत राम थ्रीगुल्ला और डॉ. संतोष माने शामिल हुए।
समझौते के मुख्य बिंदु
- संयुक्त अनुसंधान और शैक्षणिक कार्यक्रम: दोनों संस्थानों के संकाय, शोधकर्ता और वैज्ञानिक पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोगी परियोजनाएं आरंभ करेंगे, जिसमें ट्रांसलेशनल अनुसंधान (वैज्ञानिक खोजों के स्वास्थ्य संबंधी लाभकारी अनुप्रयोग) पशुधन प्रबंधन और पोषण, तथा पशुओं के लिए नवीन निदान और चिकित्सा के विकास पर जोर रहेगा।
- ज्ञान और ढांचागत सुविधा साझा करना: संयुक्त समन्वय समिति (सीसी) के अनुमोदन से अनुसंधान ढांचे और पशु सुविधाओं तक पारस्परिक पहुंच होगी जिससे सहयोगात्मक कार्य के लिए विशेष संसाधनों का उपयोग बढ़ाया जा सकेगा।
- छात्र और शिक्षकों का आदान-प्रदान: सीसीआरएएस के वैज्ञानिकों को पीवीएनआरटीवीयू में पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों के लिए सहायक संकाय या सह-मार्गदर्शक के रूप में नियुक्त किया जा सकेगा और वहां के संकाय सीसीआरएएस में अपनी विशेषज्ञता सेवा देंगे। समझौता ज्ञापन के तहत पीवीएनआरटीवीयू के छात्रों को व्याख्यान, व्यावहारिक प्रदर्शन और परियोजना कार्य के लिए सीसीआरएएस प्रयोगशालाओं में जाने की सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त स्नातक छात्रों को खाद्य विज्ञान, स्वास्थ्य और अनुसंधान पद्धतियों में अनुसंधान अनुभव प्राप्त होगा।
- प्रकाशन और बौद्धिक संपदा: शोध निष्कर्षों को ओपन-एक्सेस पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें दोनों संस्थानों के योगदानकर्ताओं को श्रेय दिया जाएगा। संयुक्त परियोजनाओं से उत्पन्न बौद्धिक संपदा पर संयुक्त स्वामित्व होगा, और योगदान के अनुसार आनुपातिक रूप से वित्तीय लाभ साझा किए जाएंगे।
आरंभ में पांच वर्षों के लिए यह गैर-वित्तीय समझौता ज्ञापन पशु और मानव स्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों के समाधान में आधुनिक पशु चिकित्सा विज्ञान को पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान के साथ समेकित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस साझेदारी से पशु कल्याण और पशुधन उत्पादन में नवीन समाधान प्राप्त होने की संभावना है, जिससे व्यापक "वन हेल्थ" अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा।
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पीके/केसी/एकेवी/एमपी
(Release ID: 2170235)
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