वित्त मंत्रालय
पीएफआरडीए ने भारत में सेवानिवृत्ति सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एनपीएस दिवस 2025 मनाया
वित्तीय स्वतंत्रता और गरिमा विकास का मूल आधार होनी चाहिए: केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण
वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव ने वित्तीय साक्षरता, संस्थागत सहयोग और भविष्योन्मुखी पेंशन नेटवर्क की आवश्यकता पर जोर दिया
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि लोग पेंशन जैसे वित्तीय उपायों में निवेश करें: मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन
31 अगस्त तक 9 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों, ₹15.5 लाख करोड़ एयूएम और 14 वर्षों में 9% से अधिक सीएजीआर के साथ, एनपीएस प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए वित्तीय सुरक्षा का वादा है: पीएफआरडीए के अध्यक्ष श्री एस. रमण
पीएफआरडीए ने कई योजनाओं का फ्रेमवर्क लॉन्च किया और एनपीएस दिवस 2025 पर नाबार्ड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
Posted On:
02 OCT 2025 7:45PM by PIB Delhi
पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 1 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में "समावेशी पेंशन, अभिनव समाधान: भारत में सेवानिवृत्ति सुरक्षा को मज़बूत करना" विषय पर एनपीएस दिवस 2025 मनाया। 01 अक्टूबर को सालाना आयोजित होने वाले प्रमुख कार्यक्रम में वरिष्ठ नीति-निर्माताओं, नियामकों, उद्योग जगत के दिग्गजों तथा हितधारकों ने पेंशन कवरेज के विस्तार और भारत के सेवानिवृत्ति इकोसिस्टम को मज़बूत करने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया।
इस अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए, केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, "जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के विजन की ओर बढ़ रहा है, वित्तीय स्वतंत्रता और गरिमा हमारी विकास गाथा का मूल आधार होनी चाहिए। पेंशन योजना एक विकल्प नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक के लिए अपने बुढ़ापे को सुरक्षित करने की एक आवश्यकता है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा "राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ने भारत के पेंशन परिदृश्य को बदल दिया है और सरकारी कर्मचारियों से लेकर सभी नागरिकों तक इसका विस्तार हुआ है, साथ ही यह सबसे कम लागत वाली योजनाओं में से एक है, जिसका रिटर्न लगातार उम्मीदों से बेहतर रहा है। एनपीएस को एक जन आंदोलन बनाना चाहिए, जो सभी वर्गों के लोगों को जल्द से जल्द सेवानिवृत्ति योजना अपनाने के लिए प्रोत्साहित करे।" '
वित्त मंत्री ने महिलाओं को 'पेंशन सखी' के रूप में प्रशिक्षित करने और एलआईसी की 'बीमा सखी' की तरह नामांकन में निरंतर वृद्धि के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के सचिव श्री एम. नागराजू ने कहा कि बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में, देश के लिए एक मज़बूत पेंशन ढांचा बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वित्तीय साक्षरता, संस्थागत सहयोग और भविष्योन्मुखी पेंशन नेटवर्क की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पेंशन प्रोडक्ट्स के विनियामक समन्वय और विकास के लिए फोरम की स्थापना की गई है, जो पेंशन प्रोडक्ट्स में विनियामक प्रकियाओं, निवेश मानकों को सुसंगत बनाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में वृद्ध लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि 2050 तक 60 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या दोगुनी हो जाएगी। पेंशन और बचत आर्थिक विकास के प्रमुख कारक है और सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि लोगों के पास बचत के लिए पर्याप्त धन हो जिसका उपयोग पेंशन जैसे वित्तीय उपायों में निवेश के लिए किया जा सके।
उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए, पीएफआरडीए के अध्यक्ष श्री एस. रमण ने कहा, "राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली केवल एक सेवानिवृत्ति योजना नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए वित्तीय सुरक्षा का वादा है। 31 अगस्त तक 9 करोड़ से अधिक ग्राहकों और ₹15.5 लाख करोड़ एयूएम के साथ, एनपीएस ने 14 वर्षों में लगातार 9% से अधिक सीएजीआर प्रदान किया है। हमारा फोकस मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क जैसी पहलों के माध्यम से इस कवरेज को और आगे बढ़ाना है, जिससे समावेशी पहुंच, अधिक लचीलापन और व्यक्तिगत समाधान संभव हो सकें। जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के अपने विज़न की ओर बढ़ रहा है, एक पूर्ण पेंशनयुक्त समाज के निर्माण से न केवल बुढ़ापे में व्यक्तियों को सुरक्षित किया जा सकेगा, बल्कि हमारे देश की आर्थिक बुनियाद भी मजबूत होगी।"

इस समारोह में कई ऐतिहासिक पहल की गईं। मल्टीपल स्कीम्स फ्रेमवर्क लॉन्च किया गया और सभी 10 पेंशन फंड्स ने पेशेवरों, उद्यमियों, कॉर्पोरेट कर्मचारियों, महिलाओं और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स जैसे विभिन्न वर्गों को लक्षित करते हुए अपनी पेंशन योजनाएं शुरू कीं। गिग इकोनॉमी तक पेंशन कवरेज बढ़ाने के लिए, ज़ोमैटो द्वारा एचडीएफसी पेंशन फंड और केसीआरए के सहयोग से शुरू किए गए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (पीआरएएन) दिए गए, और 60,000 से अधिक ज़ोमैटो प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स ने एनपीएस खाता खोलने के लिए अपनी सहमति दे दी है।
पीएफआरडीए ने 45,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से 100,000,000 किसान सदस्यों में जागरूकता और क्षमता निर्माण हेतु कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ाने के लिए नाबार्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। साथ ही, गैर-लाभकारी संगठन, समुन्नति द्वारा नियुक्त पेंशन एजेंटों के पंजीकरण प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए। इसके बाद पेंशन क्षेत्र की पहलों पर एक संग्रह, "संचयिता" का विमोचन किया गया। 12 राज्यों के क्लस्टरों को लक्षित करते हुए एमएसएमई क्षेत्र तक पहुंच बढ़ाने के लिए एक कार्ययोजना का अनावरण किया गया। इस कार्यक्रम में एक पुरस्कार समारोह के माध्यम से, कंटेंट क्रिएशन प्रतियोगिता, एनपीएस क्वेस्ट के विजेताओं को सम्मानित करके वित्तीय जागरूकता में नवाचार और रचनात्मकता को भी मान्यता दी गई।
इससे पहले तीन तकनीकी सत्रों में महत्वपूर्ण विषयों चर्चा की गई- सस्टेनेबल रिटायरमेंट पेआउट की रूपरेखा तैयार करना, वंचित समूहों के लिए समावेशी पेंशन समाधान तैयार करना, तथा ग्राहकों के लिए निधि प्रबंधन विकल्पों का विस्तार करना।

इस कार्यक्रम से पहले तीन उच्चस्तरीय पैनल चर्चाएं हुईं: "डी-एक्यूमुलेशन चरण की पुनर्कल्पना", "एग्रीप्रेन्योर, लघु उद्यमी और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स के लिए वृद्धावस्था आय सुरक्षा सुनिश्चित करना", और "मल्टीपल स्कीम्स फ्रेमवर्क के अंतर्गत पीएफ योजनाओं का शुभारंभ।" इन सत्रों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, उद्योग पेशेवर और नीति-निर्माता एक साथ आए, जिन्होंने सेवानिवृत्ति सुरक्षा को बेहतर बनाने और विविध कार्यबल क्षेत्रों में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक विचार साझा किए।
समापन सत्र में, पीएफआरडीए की पूर्णकालिक सदस्य श्रीमती ममता शंकर ने विचार-विमर्श का सार प्रस्तुत किया तथा भारत की बुजुर्ग आबादी के लिए सार्वभौमिक पेंशन कवरेज और वित्तीय गरिमा सुनिश्चित करने के पीएफआरडीए के मिशन की पुष्टि की।
एनपीएस दिवस के बारे में
आज़ादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत 2021 में पहली बार एनपीएस दिवस मनाया, यह पीएफआरडीए द्वारा एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान है जिसका उद्देश्य नागरिकों को सेवानिवृत्ति में वित्तीय स्वतंत्रता की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। पिछले कुछ वर्षों में, यह भारत के पेंशन परिदृश्य में संवाद, नवाचार और सुधार के लिए एक सहयोगी मंच के रूप में विकसित हुआ है
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