खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
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निफ्टम-के ने अपना छठा दीक्षांत समारोह और 13वां स्थापना दिवस मनाया, खाद्य उद्योगपतियों की अगली पीढ़ी को प्रोत्साहित किया

Posted On: 08 OCT 2025 4:51PM by PIB Delhi

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टम-के), कुंडली ने अपना 6ठा दीक्षांत समारोह और 13वां स्थापना दिवस भव्यता, शैक्षणिक गौरव और नवाचार की भावना के साथ मनाया।

दीक्षांत समारोह में केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री देवेश देवल और बीकानेरवाला के प्रबंध निदेशक श्री श्याम सुंदर अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। निफ्टेम-के के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) के अध्यक्ष प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने समारोह की अध्यक्षता की।

दीक्षांत समारोह में कुल 262 विद्यार्थियों (126 बी.टेक, 92 एम.टेक, 27 एमबीए और 17 पीएचडी) को डिग्री प्रदान की गई जबकि सात मेधावी विद्यार्थियों को उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रो. अजय कुमार सूद ने देश के खाद्य प्रसंस्करण परितंत्र को आकार देने में निफ्टेम-के की भूमिका की सराहना की। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग के युग में भी "भोजन सबसे बुनियादी मानवीय जरूरत बना हुआ है।" यह बताते हुए कि दुनिया भर में 2.6 अरब लोग स्वस्थ आहार का खर्च नहीं उठा सकते, उन्होंने युवा प्रौद्योगिकीविदों से आग्रह किया कि वे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और करुणा का संयोजन करके सभी के लिए नवीन, पौष्टिक और किफ़ायती खाद्य समाधान विकसित करें। उन्होंने यह भी कहा कि निफ्टेम को नवाचारों और गहन तकनीकी अनुसंधान के माध्यम से देश में खाद्य क्षेत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है। उन्होंने संस्थान के लिए अनुसंधान के कुछ आगामी क्षेत्रों का भी सुझाव दिया।

श्री देवेश देवल ने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक है। उन्होंने इस संस्थान के निरंतर विकास में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के मजबूत सहयोग की फिर चर्चा की। उन्होंने छात्रों को खाद्य क्षेत्र में रोजगार सृजनकर्ता के रूप में उभरने के लिए पीएमएफएमई योजना जैसी सरकारी पहलों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

बोर्ड ऑफ़ गवर्नमेंट के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर वी. रामगोपाल राव ने विश्वास व्यक्त किया कि निफ्टेम-के शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में नए मानक स्थापित करते हुए "खाद्य प्रौद्योगिकी का आईआईटी" बनने की राह पर है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसे "प्रबंधन के आईआईएम" का दर्जा भी हासिल करना होगा। प्रोफ़ेसर राव ने ज़ोर देकर कहा कि निफ्टेम की परिकल्पना एक ऐसे संस्थान के रूप में की गई थी जहां किसानों को विज्ञान से मदद मिलती है और उद्योग को नवाचार का लाभ मिलता है और ऐसी उम्मीद है कि निफ्टेम खाद्य विज्ञान में एक वैश्विक संदर्भ बिंदु बनेगा। बीकानेरवाला के प्रबंध निदेशक श्री श्याम सुंदर अग्रवाल ने छात्रों को "लोकल फ़ॉर ग्लोबल" सोच के साथ भारतीय खाद्य पदार्थों को वैश्विक बाज़ार में ले जाने के लिए प्रेरित किया और उभरते उद्योग रुझानों के साथ तालमेल बिठाने पर ज़ोर दिया।

निफ्टेम-के के निदेशक डॉ. एच एस ओबेरॉय ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए प्रमुख संस्थागत उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि 17 पेटेंट दायर किए गए, उनमें एक स्वीकृत किया गया, 18 प्रौद्योगिकियों को हस्तांतरित किया गया और 16 नई प्रौद्योगिकियों का विकास किया गया तथा स्कोपस अनुक्रमित पत्रिकाओं में 115 शोध पत्र प्रकाशित किए गए। संस्थान ने उद्योगों और सरकारी एजेंसियों के साथ 15 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए और 15 स्टार्टअप का समर्थन किया। इनमें रिपीट गुड प्राइवेट लिमिटेड और द नेचुरिक कंपनी शामिल हैं, दोनों को शार्क टैंक इंडिया पर राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई। निफ्टेम-के ने खाद्य प्रौद्योगिकी डोमेन में 23 नई परियोजनाएं भी शुरू कीं और तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पुदुचेरी में केंद्रीय योजनाओं के तहत किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना के माध्यम से ग्रामीण सशक्तीकरण में योगदान दिया।

शाम को, निफ्टम-के ने अपने 13वें स्थापना दिवस का जश्न विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में मनाया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल भी शामिल थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निफ्टम-के जैसे संस्थानों को विज्ञान और नवाचार के जरिए संचालित किया जाना चाहिए, और ऐसी प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देना चाहिए जो "कभी न सोएं" यानी हमेशा काम करता रहे, जो जिज्ञासा और रचनात्मकता का स्थान बने। एम्स की अग्रणी नमक आयोडीनीकरण पहल का हवाला देते हुए, उन्होंने बताया कि कैसे प्रभावशाली वैज्ञानिक अनुसंधान समाज को बदल सकता है। डॉ. पॉल ने सभी को याद दिलाया कि छात्र किसी भी संस्थान की सच्ची संपत्ति होते हैं और शिक्षक उनके आदर्श होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निफ्टम बहुत ही कम समय में अपना एक ब्रांड बन गया है और इसके सभी हितधारकों को निफ्टम-के की ब्रांड छवि को और बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

मुख्य अतिथि के रूप में, निफ्टेम-के के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रो. वी. रामगोपाल राव और एनएबीआई, मोहाली के कार्यकारी निदेशक डॉ. अश्विनी पारीक ने निफ्टेम-के समुदाय को उनकी उल्लेखनीय विकास यात्रा और अनुसंधान, नवाचार एवं उद्यमिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी। बागरी के निदेशक और विशिष्ट अतिथि श्री आदित्य बागरी ने निफ्टेम-के द्वारा स्थापित प्रतिभा की मज़बूत नींव और खाद्य उद्योग के लिए असाधारण पेशेवरों को तैयार करने में उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने नए खाद्य उत्पादों के विकास में अपनी कंपनी के निरंतर प्रयासों का वर्णन किया और एक सशक्त संदेश दिया कि "हमें असफल होना सीखना चाहिए"।

औपचारिक समारोह के बाद, निफ्टम-के के विद्यार्थियों ने नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के जीवंत प्रदर्शन के साथ मंच पर धाक जमाई, जिससे इस भव्य अवसर में रंग, रचनात्मकता और युवा ऊर्जा का शानदार मिलाप दिखा।

ये दोनों समारोह शिक्षा, अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए निफ्टेम-के के अटूट समर्पण का प्रमाण हैं - जो भारत की खाद्य प्रसंस्करण क्रांति को आगे बढ़ाने वाले अगली पीढ़ी के दिग्गजों को सशक्त बना रहे हैं।

 

 

 

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