कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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कौशल से आत्मनिर्भर बस्ती: उत्तर प्रदेश का नया कौशल केंद्र बन रहा है पूर्वांचल का बस्ती जिला

Posted On: 31 OCT 2025 4:23PM by PIB Delhi

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) तथा उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयासों से बस्ती जिले में कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता का एक सशक्त तंत्र तैयार किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को रोजगार योग्य बनाना, स्थानीय उद्योगों को सशक्त करना और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को गति देना है।

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयन्त चौधरी कल बस्ती में एक जनसंपर्क कार्यक्रम में शामिल होने और जिले में चल रही कौशल विकास एवं उद्यमशीलता से संबंधित पहलों की प्रगति की समीक्षा करने के लिए उपस्थित थे।

बस्ती जिले की आबादी लगभग 24.6 लाख है, जिसमें से 75 प्रतिशत से अधिक लोग कृषि एवं ग्रामीण व्यवसायों से जुड़े हैं। यहां के 14 ब्लॉकों और 4 तहसीलों में कौशल प्रशिक्षण संस्थानों का सशक्त नेटवर्क विकसित किया गया है। जिले में 4 सरकारी एवं 26 निजी आईटीआई, 2 पॉलीटेक्निक, 1 जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) और 1 आरसेटीआई कार्यरत हैं, जिनकी वार्षिक प्रशिक्षण क्षमता 10,000 से अधिक युवाओं की है।

कौशल और उद्यमिता से सशक्त हो रहा है बस्ती

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अंतर्गत अब तक बस्ती में 14,019 उम्मीदवार प्रशिक्षित किये गए हैं।
  • जिला कौशल विकास योजना (डीएसडीपी) के तहत स्वास्थ्य सेवा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी एवं वेलनेस, हैंडीक्राफ्ट, और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में नई नौकरियों की पहचान की गई है।
  • आरसेटीआई बस्ती के माध्यम से महिलाओं के 300 से अधिक स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) को प्रशिक्षण और उद्यमिता समर्थन मिला है।
  • जन शिक्षण संस्थान, बस्ती द्वारा 1,800 से अधिक ग्रामीण एवं अशिक्षित युवाओं को पारंपरिक हस्तकला, सिलाई, ब्यूटी वेलनेस, और डेटा एंट्री जैसे कोर्स में प्रशिक्षण दिया गया है।
  • कृषि विज्ञान केंद्र, गोतवा ने स्थानीय किसानों को मशरूम उत्पादन, बी-कीपिंग, खाद निर्माण और फल-सब्ज़ी प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया है।

स्थानीय उद्योग और रोजगार

बस्ती का ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) है — वुडन क्राफ्ट और सिरका, जो पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। जिले में वर्तमान में 7,743 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां और 14 मध्यम एवं बड़े उद्योग कार्यरत हैं, जिनसे लगभग 30,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।

कृषि के क्षेत्र में भी बस्ती अग्रणी है। यहां 2.7 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान, गेहूं, गन्ना, और सब्ज़ियों की खेती होती है, जबकि 43,000 से अधिक पशुपालक परिवार दुग्ध एवं पोल्ट्री आधारित रोजगार से जुड़े हैं।

महिला उद्यमिता को नई दिशा

एमएसडीई के अंतर्गत स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर प्रदेश की महिला विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बस्ती जिले से अनेक महिला प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय उद्यमिता विकास परियोजना (पीएम-स्‍वनिधि) के तहत लाभार्थियों को व्यवसाय आरंभ करने का प्रशिक्षण दिया गया।

श्री जयन्‍त चौधरी का कथन

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने कहा, कौशल भारत का विजन तभी साकार होगा जब हमारे गांव और जिले आत्मनिर्भर बनें। बस्ती ने दिखाया है कि स्थानीय संसाधनों, पारंपरिक कौशल और नई तकनीक को मिलाकर कैसे उद्यमिता को रोजगार में बदला जा सकता है। उत्तर प्रदेश आज कौशल की शक्ति से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा है।

प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में शुरू की गई 60,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफ़ॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआईज (पीएम-सेतु) योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश ने पहले चरण में तीन प्रमुख क्लस्टर चिन्हित किए हैं। इन क्लस्टरों को अत्याधुनिक आधारभूत संरचना, उद्योग से जुड़े पाठ्यक्रमों और डिजिटल प्रशिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित मॉडल आईटीआई हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य प्रत्येक आईटीआई को स्थानीय रोजगार सृजन, नई पीढ़ी के कौशलों और उद्यमिता का केंद्र बनाना है, ताकि भारत वर्ष 2047 तक विश्व की कौशल राजधानी बनने के अपने संकल्प को साकार कर सके।

राज्य की नीति से सामंजस्य

यह प्रयास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में चल रही राज्य सरकार की नीति ‘हर हाथ को काम, हर हौसले को उड़ान’ के अनुरूप है। बस्ती जिले को कौशल हब मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता, उद्योग सहयोग और डिजिटल एकीकरण को एक साथ लाया जा रहा है।

कौशल विकास से जुड़ी इन पहलों ने बस्ती को पूर्वांचल का प्रेरक केंद्र बना दिया है, जहां हर हाथ को काम और हर युवा को आत्मविश्वास मिल रहा है।

 

 

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पीके/केसी/एसकेएस/जीआरएस


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