रक्षा मंत्रालय
भारतीय सेना ने यंग लीडर्स फोरम-"वीर युवा: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लिए युवाओं का सशक्तिकरण" का आयोजन किया
Posted On:
31 OCT 2025 5:20PM by PIB Delhi
भारतीय सेना ने सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (सीएलएडब्ल्यूएस) के सहयोग से 31 अक्टूबर, 2025 को मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में यंग लीडर्स फोरम (वाईएलएफ) का आयोजन किया। यह आयोजन 27-28 नवंबर, 2025 को होने वाले तीसरे चाणक्य डिफेंस डायलॉग (सीडीडी) के पूर्व-कार्यक्रम के रूप में किया गया। सीडीडी भारतीय सेना का प्रमुख वार्षिक सेमिनार है, जिसका इस वर्ष का विषय "सुधार से परिवर्तन: सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत" है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित इस फोरम ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया और इस बात पर बल दिया कि परिवर्तन के अग्रदूत के रूप में युवा, 2047 तक विकसित भारत के मार्ग पर राष्ट्रीय परिवर्तन के वाहक और लाभार्थी दोनों हैं।
इस कार्यक्रम में सेना, शिक्षा जगत, थिंक टैंक, उद्यमिता और अनुसंधान जगत के युवा अग्रदूतों के साथ-साथ एनसीसी कैडेट, स्कूली छात्र, उद्योग जगत के साझेदार और सशस्त्र बलों व सीएपीएफ के युवा नेता एक साथ आए। हाइब्रिड मोड में आयोजित इस कार्यक्रम का देश भर के सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों, आईआईटी, विश्वविद्यालयों और पेशेवर केंद्रों पर सीधा प्रसारण किया गया, जिससे देश भर के युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित हुई।
इस कार्यक्रम को संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सांसद श्री तेजस्वी सूर्या ने संबोधित किया।
केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू का संबोधन
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के 2047 के विकासशील भारत के सपने को साकार करने में भारत के युवाओं और सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। भारत की एकता और संप्रभुता में उनके योगदान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल और मेजर बॉब खाथिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, उन्होंने देश की सभ्यतागत शक्ति और सशक्तता के बारे में विचार व्यक्त किया।
उन्होंने भारत की 7 प्रतिशत से अधिक की मजबूत आर्थिक वृद्धि को नए राष्ट्रीय आत्मविश्वास और अगले दो दशकों में एक विकसित, आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की क्षमता का प्रतीक बताया। युवाओं के लिए शारीरिक फिटनेस, अनुशासन और देशभक्ति को आवश्यक गुणों के रूप में बताते हुए, उन्होंने उनसे भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ राष्ट्र के परिवर्तन का नेतृत्व करने का आग्रह किया। श्री रिजिजू ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि युवा भारतीयों और सेना का संयुक्त संकल्प 2047 तक दुनिया के अग्रणी देशों में भारत को उचित स्थान दिलाएगा।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का संबोधन
अपने संबोधन में, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत के भविष्य को आकार देने और उसकी संप्रभुता की रक्षा में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने भारत के जनसांख्यिकीय लाभ पर प्रकाश डाला, जहां 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है, जो नवाचार, साहस और ऊर्जा का भंडार है, जिसे अनुशासन और उद्देश्य के साथ संचालित किया जाना चाहिए।
उन्होंने भारतीय सेना के परिवर्तन के दशक की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें आईआईटी में सेना प्रकोष्ठ, प्रौद्योगिकी क्लस्टर और भारतीय सेना इंटर्नशिप कार्यक्रम (2025) जैसी पहलों के माध्यम से पुनर्गठन, तकनीकी नवाचार और युवाओं की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित किया गया। ऑपरेशन सिंदूर में युवाओं के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे भारत के संकल्प और संयम का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बताया, जो सशस्त्र बलों की नैतिक शक्ति और पेशेवर उत्कृष्टता को दर्शाता है।
सेना प्रमुख ने युवाओं से आत्मनिर्भरता, नागरिक उत्तरदायित्व और राष्ट्रीय गौरव को एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर विकसित भारत @2047 की ओर बढ़ने के मार्गदर्शी मूल्यों के रूप में अपनाने का आग्रह किया।
श्री तेजस्वी सूर्या का संबोधन
श्री तेजस्वी सूर्या ने "भारत के भविष्य के लिए एक प्रेरक दृष्टि" शीर्षक से अपने संबोधन में, भारत की नैतिक और सामरिक शक्ति की नींव के रूप में युवा शक्ति की भूमिका पर प्रकाश डाला। कारगिल युद्ध की अपनी स्मृतियों को याद करते हुए, उन्होंने बताया कि कैसे बलिदान और सशक्तता ने राष्ट्र सेवा के प्रति उनके संकल्प को प्रेरित किया। ललितादित्य से लेकर रानी चेन्नम्मा और महाराणा प्रताप तक भारत की वीरतापूर्ण विरासत का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि भारत अभाव से संभावना की ओर एक ऐसे चौराहे पर खड़ा है, जिसकी पहचान चांद पर कदम रखने, डिजिटल शासन और एक फलते-फूलते स्टार्ट-अप इको-सिस्टम जैसे मील के पत्थर हैं। उन्होंने युवाओं से एक आत्मनिर्भर, अनुशासित और एकजुट भारत बनाने का आग्रह किया, जहां नवाचार और अखंडता, विकसित भारत @2047 की ओर राष्ट्र के कदम को आकार दें।
यंग लीडर्स फोरम 2025 ने भारत के रणनीतिक समुदाय और उसके अगली पीढ़ी के नेताओं के बीच एक सेतु का काम किया, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। फोरम में हुए विचार-विमर्श चाणक्य रक्षा संवाद 2025 के व्यापक एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे, जिसका विषय "सुधार से परिवर्तन: सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत" है।
कार्यक्रम का समापन इस बात की पुष्टि के साथ हुआ कि भारत के युवा राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत, उसकी समृद्धि के निर्माता और उसकी संप्रभुता के रक्षक हैं।




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