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अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की फार्माकोलॉजी प्रयोगशाला ने बीआईएस से ट्रिपल आईएसओ प्रमाणन प्राप्त कर वैश्विक गुणवत्ता मानक स्थापित किए
प्रविष्टि तिथि:
07 NOV 2025 4:40PM by PIB Delhi
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली - आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन - की फार्माकोलॉजी प्रयोगशाला को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रतिष्ठित आईएस/आईएसओ 9001:2015 (गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली), आईएस/आईएसओ 14001:2015 (पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली), और आईएस/आईएसओ 45001:2018 (व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली) प्रमाणपत्रों से मान्यता मिली है। यह सीसीआरएच, नई दिल्ली के अधिकारियों के लिए बीआईएस द्वारा आयोजित गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया।
यह उपलब्धि संस्थागत उत्कृष्टता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो यह सुनिश्चित करती है कि फार्माकोलॉजी प्रयोगशाला और लघु पशु गृह सुविधा कार्य गुणवत्ता, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और व्यावसायिक सुरक्षा के विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुरूप हों।
एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) के कार्यान्वयन के माध्यम से, एआईआईए ने अपनी प्रयोगशाला प्रक्रियाओं को मानकीकृत किया है, नैतिक और पर्यावरणीय मानदंडों के अनुपालन को सुदृढ़ किया है, और आयुर्वेदिक योगों पर पूर्व-नैदानिक औषधीय अनुसंधान में परिचालन दक्षता में वृद्धि की है।
इस पहल के प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (क्यूएमएस) के अंतर्गत सुव्यवस्थित और पुनरुत्पादनीय प्रयोगात्मक प्रक्रियाएँ।
पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) के अंतर्गत अपशिष्ट न्यूनीकरण और ऊर्जा अनुकूलन सहित पर्यावरणीय रूप से उत्तरदायी कार्य प्रणालियां।
ओएचएसएमएस ढाँचे के अंतर्गत जोखिम न्यूनीकरण, श्रम-कुशल प्रयोगशाला डिज़ाइन और नियमित सुरक्षा ऑडिट के साथ उन्नत व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा संस्कृति।
भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय, बीआईएस द्वारा प्रमाणन, आयुर्वेद अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में एआईआईए की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता को बढ़ाता है। दो चरणों में आयोजित बीआईएस ऑडिट प्रक्रिया ने औषधीय और पशु अनुसंधान वातावरणों के लिए आईएसओ मानकों को प्रासंगिक बनाने हेतु बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस अवसर पर, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक, प्रो. (वैद्य) पी. के. प्रजापति ने कहा, "यह आईएसओ प्रमाणन एआईआईए के लिए एक गौरव का क्षण है और शिक्षा, अनुसंधान और संस्थागत प्रशासन में उत्कृष्टता के हमारे निरंतर प्रयास को दर्शाता है। पारंपरिक आयुर्वेदिक अनुसंधान प्रणालियों के साथ विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त आईएसओ मानकों को जोड़ना गुणवत्ता, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह भारत भर के आयुर्वेद संस्थानों के लिए हमारी प्राचीन विरासत को कायम रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का पालन करने के लिए एक नया मानदंड स्थापित करता है।"
श्रीमती ललथन पारी, वैज्ञानिक-ई, बीआईएस ने कहा कि क्यूएमएस को लागू करने पर सभी संगठनों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि यह प्रणालियों के मानकों को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने कहा कि गुणवत्ता, प्रतिबद्धता और निरंतर सुधार तीन स्तंभ हैं जो एक प्रणाली को व्यवस्थित दिशा में आगे बढ़ाते हैं, और यह प्रत्येक पेशेवर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के दौरान बीआईएस के पूर्व वैज्ञानिक-एफ, डॉ. आरके कैन भी उपस्थित थे।
आयुर्वेद का सर्वोच्च संस्थान, एआईआईए, एनएएसी ए++ से मान्यता प्राप्त है और भारत में पहला एनएबीएच-मान्यता प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र का आयुर्वेद अस्पताल है। 200 बिस्तरों वाले रेफरल अस्पताल, 12 विशिष्ट विभागों और 45 विशिष्ट क्लीनिकों के साथ, एआईआईए साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने के लिए शास्त्रीय आयुर्वेदिक सिद्धांतों को आधुनिक शोध पद्धतियों से जोड़ता है।
इसकी फार्माकोलॉजी प्रयोगशाला द्वारा आईएसओ प्रमाणन प्राप्त करना, आयुर्वेद के क्षेत्र में वैश्विक मानकों, नैतिक अनुसंधान और स्थायी कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के एआईआईए की कल्पना पर बल देता है।
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. गालिब, डॉ. बिधान और डॉ. विजय कुमार ने एआईआईए का प्रतिनिधित्व किया।


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पीके/केसी/केपी
(रिलीज़ आईडी: 2187751)
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