श्रम और रोजगार मंत्रालय
नई दिल्ली के भारत मंडपम में श्रम एवं रोजगार पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ
केंद्र एवं राज्यों ने पारदर्शी, प्रौद्योगिकी-संचालित और श्रमिक-केंद्रित श्रम पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई
Posted On:
12 NOV 2025 6:43PM by PIB Delhi
नई दिल्ली के भारत मंडपम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम एवं रोजगार तथा उद्योग मंत्रियों एवं सचिवों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का उद्घाटन 11 नवंबर, 2025 को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया।
इस कार्यक्रम ने राज्यों के श्रम मंत्रियों, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम विभाग के प्रतिनिधियों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान किया, जिससे भारत की श्रमिक व्यवस्था के भविष्य को आकार देने में केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय एवं सहयोग को मजबूत किया जा सके।
कार्यक्रम के दूसरे दिन, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में उठाए गए प्रमुख पहलों पर चर्चाएं की गई। विचार-विमर्श ने अभिनव उपायों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को उजागर किया, जिनका उद्देश्य भारत की आर्थिक विकास यात्रा के अनुरूप एक ज्यादा समावेशी एवं गतिशील श्रम बाजार को बढ़ावा देना है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने के लिए अपनी हालिया पहलों की जानकारी देने के लिए एक व्यापक प्रस्तुति दी। ईएसआईसी ने स्वास्थ्य सेवा वितरण में प्रगति, लाभार्थी सेवाओं का डिजिटलीकरण तथा श्रमिकों एवं उनके परिवारों की पहुंच और दक्षता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का भी प्रदर्शन किया।
मंत्रालय की डिजिटल परिवर्तन पहलों पर एक समर्पित सत्र का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने श्रम सुविधा पोर्टल, ई-श्रम, राष्ट्रीय करियर सेवा और समाधान पोर्टल सहित प्रमुख पोर्टल प्रस्तुत किया। प्रस्तुति में सेवा वितरण में सुधार, डेटा-संचालित नीति निर्माण और हितधारकों के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाने हेतु प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
वी. वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (वीवीजीएनएलआई) ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के लिए वर्तमान में चल रहे तथा योजनाबद्ध क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की जानकारी दी। संस्थान ने श्रम प्रशासन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा एवं डिजिटल शासन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण पर केंद्रित पहलों पर प्रकाश डाला, जिससे जमीनी स्तर पर प्रभावी नीति कार्यान्वयन के लिए संस्थागत क्षमताओं को मजबूत किया जा सके।
श्रम ब्यूरो ने श्रम सांख्यिकी, सर्वेक्षणों एवं डेटा विश्लेषण में नवीनतम प्रगति की जानकारी दी। ब्यूरो ने सूचित नीतिगत निर्णयों के लिए विश्वसनीय आंकड़ों के महत्व पर बल दिया और रोज़गार, वेतन एवं उपभोक्ता मूल्य सूचकांकों पर अपडेट जानकारी प्रदान की। इसने आवधिक श्रम सर्वेक्षणों के माध्यम से साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण में ब्यूरो की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। श्रम ब्यूरो ने श्रम पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, राज्यों में सांख्यिकीय प्रणाली विकसित करने और उसे सुदृढ़ बनाने में राज्य सरकार की सहायता की।
सम्मेलन का समापन करते हुए, सुश्री वंदना गुरनानी, सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा कि केंद्र और राज्यों ने पारदर्शी, प्रौद्योगिकी-संचालित एवं श्रमिक-केंद्रित श्रम पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। मंत्रालय ने भारत के कार्यबल के समावेशी विकास, सामाजिक सुरक्षा एवं डिजिटल सशक्तिकरण पर अपना ध्यान केंद्रित करने की बात दोहराई, जिससे एक लचीले, न्यायसंगत एवं भविष्य के लिए तैयार श्रमिक संरचना का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। ऐसे सम्मेलनों का आयोजन नियमित रूप से किया जाएगा।
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