पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आईआईएसएफ 2025 की तैयारियों की समीक्षा की; परिचालन संबंधी कमियों को दूर करने और वैज्ञानिक पहुँच को राष्ट्रीय मानकों तक बढ़ाने पर ज़ोर


आगामी आईआईएसएफ 2025, आत्मनिर्भर भारत के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करने के लिए मंत्रालयों, शिक्षाविदों, उद्योग और छात्र नवप्रवर्तकों को एक साथ लाएगा

आईआईएसएफ 2025, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की परिवर्तनकारी वैज्ञानिक यात्रा को प्रदर्शित करेगा: डॉ. जितेंद्र सिंह ने पृथ्वी भवन में उच्च-स्तरीय समीक्षा के दौरान कहा

आईआईएसएफ 2025, डीप-टेक, जैव प्रौद्योगिकी, क्वांटम अनुसंधान और सतत ऊर्जा में हुई उपलब्धियों को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया है: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 17 NOV 2025 6:16PM by PIB Delhi

भारत एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहा है जहाँ अनुसंधान और नवाचार शासन और विकास को गति प्रदान करते हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईएसएफ 2025 पर विस्तृत समीक्षा बैठक में कहा

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 6-9 दिसंबर 2025 तक आयोजित होने वाले भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 की व्यवस्थाओं की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए आज पृथ्वी भवन में एक गहन समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

उन्होंने ने कहा कि आज की चर्चा 2 नवंबर 2025 को हुई समीक्षा का स्वाभाविक परिणाम है, जिसका उद्देश्य सभी परिचालन संबंधी कमियों को दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि आयोजन का पैमाना, वैज्ञानिक गहराई और जन-जन तक पहुँच उच्चतम राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईआईएसएफ 2025 पिछले एक दशक में भारत में आए उल्लेखनीय बदलाव को प्रतिबिंबित करेगा, जहाँ वैज्ञानिक सोच अब केवल प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में नीति, शासन और विकास रणनीतियों को दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुका है जहाँ अनुसंधान और नवाचार राष्ट्रीय विकास की दिशा निर्धारित करते हैं।

मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र में सरकार की भूमिका पर्यवेक्षी से बढ़कर सुविधाप्रदाता की हो गई है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत में अब एक ऐसा उपजाऊ वातावरण मौजूद है जहाँ युवा शोधकर्ता, स्टार्टअप, उद्योग जगत के नेता और वैज्ञानिक संस्थान सामूहिक रूप से डीप-टेक विनिर्माण, अगली पीढ़ी की जैव प्रौद्योगिकी, क्वांटम अनुसंधान और सतत ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नई उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं।

आगामी महोत्सव पर चर्चा करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आईआईएसएफ 2025 को विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में भारत की बढ़ती क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव मंत्रालयों, विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, निजी नवप्रवर्तकों और छात्र समुदायों के एक जीवंत संगम के रूप में कार्य करेगा, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना और वैश्विक विज्ञान महाशक्ति बनने की भारत की महत्वाकांक्षा को प्रतिबिंबित करेगा।

उन्होंने आगे कहा कि आईआईएसएफ के इस संस्करण का उद्देश्य यह प्रदर्शित करके अगली पीढ़ी को प्रेरित करना है कि कैसे विज्ञान वास्तविक दुनिया के समाधानों को प्रभावित कर रहा है, जिसमें नागरिकों को सशक्त बनाने वाले डिजिटल नवाचारों से लेकर ग्रह के भविष्य को सुरक्षित करने वाली जलवायु प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगा।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा में भाग लिया और मंत्री को महोत्सव के विषयगत खंडों में हुई प्रगति से अवगत कराया।

 

 

 

***

पीके/केसी/एनकेएस/डीए


(Release ID: 2190957) Visitor Counter : 59
Read this release in: English , Urdu