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मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए भारत की तैयारियों को मजबूत करने हेतु बेंगलुरु में सीएसआईआर–इसरो स्पेस सम्मेलन 2025 आयोजित किया गया


भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त) और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बी. नायर (इसरो अंतरिक्ष यात्री एवं गगनयात्री) ने कार्यक्रम में अपने महत्वपूर्ण अनुभव और विचार साझा किए

Posted On: 17 NOV 2025 7:42PM by PIB Delhi

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने संयुक्त रूप से बेंगलुरु में सीएआईआरइसरो स्पेस सम्मेलन 2025 का आयोजन किया। इसका उद्देश्य भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए बहुविषयक अनुसंधान, तकनीकी विकास और संस्थागत सहयोग को एकसाथ लाना था। यह कार्यक्रम सीएसआईआरनेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज़ (सीएसआईआरएनएएल) द्वारा आयोजित किया गया।

सीएसआईआर की महानिदेशक एवं डीएसआईआर सचिव डॉ. एन. कलाईसेल्वी ने स्वागत भाषण में सीएसआईआर के वैज्ञानिक एवं तकनीकी योगदानों को रेखांकित किया और कहा कि यह सम्मेलन वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के बीच ज्ञान-साझाकरण के माध्यम से महत्वपूर्ण सीख प्रदान करेगा। उन्होंने स्वदेशी नवाचार और सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के मार्गदर्शन की सराहना की।

अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के सचिव एवं इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने रणनीतिक संबोधन में कहा कि गगनयान कार्यक्रम के लिए विभिन्न मंत्रालयों, अनुसंधान संस्थानों, अकादमिक संस्थाओं और साझेदार संगठनों के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने सीएसआईआर और भारत के राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र के योगदान को सराहा और भविष्य के चंद्रमा मिशन, मंगल अन्वेषण और एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना सहित भारत के दीर्घकालिक योजनाओं को भी रेखांकित किया।

सीएसआईआर-एनएएल के निदेशक डॉ. अभय ए. पाशिलकर ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए एयरोस्पेस एवं मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए आवश्यक तकनीकों व परीक्षण क्षमताओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

ईएसए अंतरिक्ष यात्री (नासा एसटीएस-66, एसटीएस-84, एसटीएस-103) श्री जीन-फ्रैंकोइस क्लेरवॉय का विशेष वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान में वैश्विक सहयोग एवं साझा वैज्ञानिक सीख की आवश्यकता पर बल दिया गया।

अनुभव-साझाकरण सत्रों में इसरो इसरो अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बी. नायर ने अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण सिमुलेशन, परिचालन तत्परता पर अपने अनुभव साझा किए। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 1984 के सोयुज मिशन की यादें साझा करते हुए एनएएल के दीर्घकालिक योगदान को सराहा। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने कहा कि भारत का मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम शांतिपूर्ण अन्वेषण और मानव-केन्द्रित अनुसंधान पर आधारित है।

तकनीकी और विषयगत सत्रों में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें मानव अंतरिक्ष उड़ान शरीर विज्ञान पर डॉ. लूसिया रोकारो (ईएसए), सहयोगात्मक अनुसंधान दृष्टिकोण पर डॉ. अकीको ओत्सुका (जाक्सा), और क्रू मिशन के लिए मानव-प्रौद्योगिकी संपर्क और इंटरफ़ेस डिज़ाइन पर प्रोफेसर प्रदीप्त बिस्वास (आईआईएससी) शामिल थे।

सीएसआईआरइसरो स्पेस मीट 2025 का समापन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को "विकसित भारत" की राष्ट्रीय दृष्टि के अनुरूप विज्ञानतकनीक समन्वय, मिशन-आधारित अनुसंधान और बहु-एजेंसी सहयोग को सुदृढ़ करने के संकल्प के साथ हुआ।
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पीके/ केसी/ केजे


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