वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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भारत-अमेरिका साझेदारी मजबूत, स्थिर है और रणनीतिक तथा आर्थिक सेक्टरों में विस्तारित हो रही है: श्री पीयूष गोयल


घरेलू हितधारकों की सुरक्षा के लिए व्यापार वार्ता निष्पक्ष और संतुलित होनी चाहिए: श्री गोयल

मजबूत बुनियादी कारक भारत को 'निर्बल पांच' से शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंचा रहे हैं: श्री गोयल

Posted On: 18 NOV 2025 4:51PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी मजबूत, स्थिर और रणनीतिक एवं आर्थिक सेक्टरों में निरंतर विस्तारित होती जा रही है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय सम्बंधों को लेकर चिंता का कोई कारण नहीं है। उन्होंने दोहराया कि दोनों देशों की मित्रता लोकतंत्र, विविधता और साझा विकासात्मक विजन के मजबूत स्तंभों पर टिकी है।

श्री गोयल ने कहा कि अमेरिका भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानता है और दोनों देश व्यापार एवं वाणिज्य के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध जैसी व्यापक साझेदारी में कई तत्व शामिल होते हैं जो अलग-अलग गति से आगे बढ़ सकते हैं। श्री गोयल ने यह भी कहा कि वार्ता एक सतत प्रक्रिया है और भारत को किसानों, मछुआरों, लघु उद्योगों और व्यवसायों की संवेदनशीलता को संतुलित करते हुए अपने हितों की रक्षा करनी चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि पिछले 10-12 वर्षों में भारत "निर्बल पांच" की श्रेणी से निकलकर शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। उन्होंने अनुमान लगाया कि भारत 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। श्री गोयल मजबूत बैंकिंग प्रणाली, कम मुद्रास्फीति, नियंत्रित राजकोषीय घाटा, बढ़ती उपभोक्ता भावना और जीएसटी सुधारों द्वारा समर्थित अवसरंचना विस्तार को देश की मजबूत आर्थिक बुनियादी कारकों में प्रमुख योगदानकर्ता बताया।

प्रधानमंत्री के विजन का उल्लेख करते हुए, श्री गोयल ने इस कथन को याद किया कि भारत केवल एक उभरता हुआ बाजार नहीं, बल्कि विकास का उभरता हुआ मॉडल है। उन्होंने उन स्तंभों को रेखांकित किया जिन पर भारत की यात्रा मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी कारकों के साथ अमृत भारत 2047 की ओर बढ़ रही है। ये बुनियादी कारक हैं- समावेशी और सतत विकास, 140 करोड़ नागरिकों को शामिल करने वाला कल्याणकारी विकास मॉडल, एक जीवंत लोकतंत्र और कुशल एवं प्रतिभाशाली युवाओं के नेतृत्व में भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश की शक्ति।

उन्होंने कहा कि भारत प्रति वर्ष 24 लाख स्टेम (एसटीईएम) स्नातक तैयार करता है और कई विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (या तो संपन्न या बातचीत के दौर में) के माध्यम से साझेदारी को और गहरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक आकांक्षी राष्ट्र है जहां आज हर बच्चे को भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बिजली, स्वच्छ जल और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्राप्त होती हैं। पहले के दशकों में इनसे सम्बंधित चुनौतियां व्यापक थीं।

श्री गोयल ने भारतीय बाज़ार के आकार और उसकी विकास गति को रेखांकित किया और कहा कि पिछले दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था दोगुनी से भी अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान विकास दर के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था हर आठ साल में दोगुनी हो रही है और 2047 तक 30-35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है। श्री गोयल ने उत्तर प्रदेश को पिछले आठ वर्षों में हुए नाटकीय आर्थिक रुपांतरण का एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारी मात्रा में निवेश के साथ एक पसंदीदा निवेश स्थल बन गया है और उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।

उन्होंने भारत की विकास यात्रा को अनुकूलता, विश्वसनीयता और सुरक्षा की गाथा बताते हुए कहा कि मज़बूत शासन व्यवस्था ने जनजातीय और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शिक्षा, आवास और रोज़गार को संभव बनाया है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 4 करोड़ निर्धन परिवारों को निःशुल्क आवास मिले हैं और वर्तमान कार्यकाल में 2 करोड़ अतिरिक्त आवास बनाने की योजना है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत की विकास क्षमता एक सुरक्षित राष्ट्र, स्वच्छ शासन, निर्णायक नेतृत्व और निरंतर सुधारों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सरकार जटिल अनुपालनों को समाप्त कर रही है, प्रक्रियागत बोझ को कम कर रही है, छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर रही है और व्यापार को सुगम बना रही है। श्री गोयल ने कहा कि भारत की युवा आबादी, जिसकी औसत आयु 28.4 वर्ष है, विकास को गति दे रही है और बेहतर जीवन स्तर की तलाश कर रही है।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और चुनौतियों के बावजूद, भारत की छवि स्थिरता के हब के रूप में बनी हुई है। उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले 11 वर्षों में भारतीय शेयर बाजार लगभग साढ़े चार गुना बढ़ा है, और 2,000 से अधिक ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर, जिनमें से कई अमेरिका से हैं, भारत में कार्यरत हैं और भारतीय प्रतिभाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दूसरे फंड ऑफ फंड्स और अनुसंधान, विकास एवं नवोन्मेषण के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के फंड को संदर्भित करते हुए कहा कि सरकार स्टार्टअप्स, उद्यमिता और नवोन्मेषण को सहायता दे रही है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत वैश्विक व्यवसायों के लिए सबसे बड़े अवसरों में से एक है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, डिज़ाइन और उन्नत तकनीकों जैसे सेक्टरों में में नए विचारों, प्रौद्योगिकी अपनाने और नवोन्मेषण पर अमेरिकी कंपनियों के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। श्री गोयल ने कहा कि भारत का लक्ष्य विश्व के सर्वश्रेष्ठ देशों के साथ खुद को जोड़ना और एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर सामूहिक रूप से प्रगति करना है।

श्री गोयल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान भारत के प्रदर्शन ने उसकी सामूहिक क्षमता, लचीलेपन और एकजुटता को प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक विकास अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और वित्तीय वर्ष के अंत तक वस्तुओं और सेवाओं, दोनों में उच्च निर्यात दर्ज करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत कई वर्षों तक सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

श्री गोयल ने 2047 तक एक समृद्ध भारत के निर्माण के लिए सामूहिक प्रयासों की अपील की और चुनौतियों से पार पाने तथा राष्ट्र की विकास आकांक्षाएं अर्जित करने के लिए सहयोग और सहभागिता का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जब 1.4 बिलियन भारतीय एकजुटता और उद्देश्य के साथ मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।

 

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पीके/केसी/एसकेजे/एसवी


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