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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एसएमएस कंटेंट टेम्प्लेट में वेरिएबल्स की प्री-टैगिंग अनिवार्य करने के निर्देश जारी किए ताकि वाणिज्यिक संचार में इसके दुरुपयोग को रोका जा सके

Posted On: 18 NOV 2025 5:37PM by PIB Delhi

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सभी एक्सेस प्रदाताओं को एक निर्देश जारी किया है जिसमें वाणिज्यिक संचार के लिए उपयोग में लाए जाने वाले एसएमएस कंटेंट टेम्प्लेट में सभी वेरिएबल  हिस्सों (variable components) की प्री-टैगिंग (पूर्व-टैगिंग) को अनिवार्य करने का निर्देश जारी किया है। वेरिएबल हिस्सों में आमतौर पर यूआरएल, एप्लिकेशन डाउनलोड लिंक या कॉलबैक नंबर जैसे तत्व शामिल होते हैं जो प्राप्तकर्ता से प्राप्तकर्ता या समय-समय पर बदल सकते हैं, जबकि संदेश यानि मैसेज का शेष पाठ स्थिर रहता है।

नई आवश्यकता के तहत, प्रेषकों को टेम्प्लेट पंजीकरण के समय प्रत्येक वेरिएबल फ़ील्ड को स्पष्ट रूप से टैग करना होगा, यानी उन्हें यह निर्दिष्ट करना होगा कि वेरिएबल का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाएगा। उदाहरण के लिए, एक वेरिएबल को #यूआरएल# के रूप में टैग करने का तात्पर्य है कि उस वेरिएबल में एक यूआरएल शामिल है। जब तक इन वेरिएबल फ़ील्ड को प्री-टैग नहीं किया जाता है तब तक एक्सेस प्रोवाइडर यह पहचानने या जाँच करने में असमर्थ होते हैं कि डाले गए मान (values) श्वेतसूचीबद्ध डोमेन, नंबर या लिंक से हैं या नहीं। इसलिए, वेरिएबल फ़ील्ड की स्वचालित पहचान और जाँच के लिए प्री-टैगिंग आवश्यक हो जाती है।

विभिन्न अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) जांचों से मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि पूर्वनिर्धारित टैगिंग की अनुपस्थिति का धोखाधड़ी और फ़िशिंग गतिविधियों के लिए लगातार दुरुपयोग किया गया है, जिससे अपंजीकृत या दुर्भावनापूर्ण यूआरएल, ऐप लिंक और कॉलबैक नंबर बिना पता लगाए स्वीकृत टेम्प्लेट में डाले जा रहे हैं। इस निर्देश का उद्देश्य एसएमएस में चर फ़ील्ड की पूर्ण दृश्यता सुनिश्चित करके और एक्सेस प्रोवाइडरों को कड़े कंटेंट स्क्रबिंग (जाँच) को लागू करने में सक्षम बनाकर एंटी-स्पैम और एंटी-फ्रॉड फ्रेमवर्क को और मजबूत करना है।

अनिवार्य प्री-टैगिंग की शुरुआत के साथ, इन वैरिएबल हिस्सों को अब प्रमुख संस्थाओं (पीई) द्वारा पहले से ही चिह्नित और पंजीकृत करना होगा, जिससे वे पता लगाने योग्य और जवाबदेह बन सकें। यह उपाय पंजीकृत टेम्प्लेट के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण नियामक हस्तक्षेप का प्रतिनिधित्व करता है, विशेष रूप से ऐसे धोखेबाजों द्वारा जो अनजाने उपयोगकर्ताओं को लुभाने के लिए इन हानिकारक लिंक और कॉलबैक नंबरों को डालते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई बार वित्तीय धोखाधड़ी, डेटा चोरी और साइबर हानि होती है।

एक्सेस प्रदाताओं और प्रमुख संस्थाओं को 60 दिनों की अवधि के भीतर मौजूदा टेम्प्लेट्स में संशोधन पूरा करना आवश्यक है। इस अनुपालन विंडो की समाप्ति के बाद, गैर-अनुपालन वाले टेम्प्लेट्स का उपयोग करके भेजे गए संदेशों को अस्वीकार कर दिया जाएगा और वितरित नहीं किया जाएगा।

यह निर्देश दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम (टीसीसीसीपीआर), 2018 के तहत सुरक्षा उपायों को मजबूत करता है और अनधिकृत वाणिज्यिक संचार को रोकने के लिए ट्राई के फ्रेमवर्क को और मजबूत करता है। वाणिज्यिक एसएमएस में प्रत्येक चर फ़ील्ड को प्रेषण से पहले मान्य करके, इस पहल से सार्वजनिक सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि होने और बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, सरकार और आवश्यक सेवाओं के संचार के लिए डिजिटल मैसेजिंग चैनलों में विश्वास बहाल होने की उम्मीद है।

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पीके/ केसी/ केजे


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