स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
भारत-ऑस्ट्रेलिया नर्सिंग गोलमेज सम्मेलन वैश्विक सहयोग के लिए नई प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ
नैदानिक प्रशिक्षण और कार्यबल तत्परता को बढ़ावा देने के लिए 157 नए सरकारी नर्सिंग कॉलेज
राष्ट्रीय सुधार और एनएनएमसी अधिनियम 2023 भविष्य के लिए तैयार नर्सिंग शिक्षा के लिए मंच तैयार करते हैं
प्रविष्टि तिथि:
18 NOV 2025 8:40PM by PIB Delhi
नर्सिंग कार्यबल को मज़बूत बनाने पर दो दिवसीय भारत-ऑस्ट्रेलिया गोलमेज सम्मेलन आज नई दिल्ली में संपन्न हुआ, जो नर्सिंग शिक्षा, नेतृत्व और वैश्विक स्वास्थ्य तैयारियों को बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। यह कार्यक्रम भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जपाईगो और एडिथ कोवान विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

मुख्य भाषण देते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की उप-सचिव, सुश्री आकांक्षा रंजन ने नर्सिंग परिदृश्य में बदलाव लाने के लिए भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। उन्होंने हाल ही में मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को मंज़ूरी दिए जाने पर प्रकाश डाला, जो छात्रों को शीघ्र और सतत् अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक कदम है।

सुश्री रंजन ने ज़ोर देकर कहा कि यह परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2019 जैसे प्रगतिशील नीतिगत ढाँचों द्वारा संचालित हो रहा है, जिसने नर्सिंग पाठ्यक्रम में डिजिटल एकीकरण, योग्यता-आधारित शिक्षा और बहु-विषयक दृष्टिकोणों को शामिल किया है। इस कार्यक्रम में अब 6,000 घंटे के संरचित प्रशिक्षण के साथ, भारत के नर्सिंग स्नातकों को देखभाल के वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग (एनएनएमसी) अधिनियम, 2023 को एक ऐतिहासिक सुधार बताते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि यह नर्सिंग शिक्षा और अभ्यास के नियामक ढाँचे का आधुनिकीकरण करता है। यह अधिनियम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य मांगों को पूरा करने के लिए मानकीकृत गुणवत्ता, पारदर्शी शासन और भविष्य के लिए तैयार प्रशिक्षण प्रणाली सुनिश्चित करता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की नर्सिंग सलाहकार डॉ. दीपिका सी. खाखा ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव, अतिरिक्त सचिव (चिकित्सा शिक्षा), केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय डॉ. विनोद कोटवाल, जपाईगो इंडिया टीम, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधियों और एडिथ कोवान विश्वविद्यालय सहित सभी हितधारकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने सहयोग की भावना की सराहना करते हुए कहा, "दुनिया एक वैश्विक गाँव है, एकजुट होकर हम और मज़बूत होते हैं। जब हम एक-दूसरे के अनुभवों से सीखते हैं, तो हम एक साथ बढ़ते हैं।"
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज के छात्र कल के कार्यबल हैं, और ऐसे मंच उन्हें भावी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ज्ञान और नेतृत्व से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉ. खाखा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच निरंतर साझेदारी और परस्पर सीखने-सिखाने से सक्षम, दयालु और वैश्विक रूप से समन्वित नर्सिंग कार्यबल के विकास में तेजी आएगी।

यह गोलमेज सम्मेलन वरिष्ठ अधिकारियों, नर्सिंग प्रमुखों, शिक्षाविदों और विकास साझेदारों को एक साथ लेकर आया, जिससे भारत के नर्सिंग पारिस्थितिकी तंत्र में संकाय विकास, योग्यता वृद्धि और शासन संबंधी सुधारों के लिए कार्यान्वयन योग्य रणनीति तैयार की जा सके।
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पीके/केसी/पीके
नर्सिंग पर एचएफडब्ल्यू-भारत ऑस्ट्रेलिया गोलमेज सम्मेलन का समापन /18 नवंबर 2025/2
(रिलीज़ आईडी: 2191503)
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