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दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) ने दूरसंचार प्रौद्योगिकियों और मानकीकरण गतिविधियों में संयुक्त अध्ययन और तकनीकी योगदान पर सहयोग के लिए आईआईआईटी दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए


टीईसी और आईआईआईटी दिल्ली ने अगली पीढ़ी की दूरसंचार साझेदारी को औपचारिक रूप दिया

समझौता का उद्देश्य स्वदेशी दूरसंचार तकनीक के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत मिशन को मजबूत करना और ऊर्जा-कुशल दूरसंचार उपकरणों के लिए मानकों को बढ़ावा देने वाले अनुसंधान के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों के प्रति देश की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाना है

Posted On: 19 NOV 2025 3:02PM by PIB Delhi

दूरसंचार विभाग (डीओटी) की तकनीकी शाखा दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) ने उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकियों और वैश्विक मानकीकरण गतिविधियों में संयुक्त अध्ययन, अनुसंधान और तकनीकी योगदान पर सहयोग के लिए इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईआईटी दिल्ली) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस साझेदारी का उद्देश्य भारत-विशिष्ट मानकों और परीक्षण ढांचे का विकास करना, दूरसंचार और संबंधित आईसीटी में सहयोगात्मक अनुसंधान, 6जी, ऑप्टिकल संचार, एनटीएन जैसे भविष्य के नेटवर्क प्रौद्योगिकियों का पता लगाना और राष्ट्रीय कार्य समूहों के माध्यम से आईटीयू-टी (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ-दूरसंचार मानकीकरण क्षेत्र) अध्ययन समूहों में भारत की भागीदारी को बढ़ाना है।

19 नवंबर 2025 को इस समझौता ज्ञापन पर टीईसी के डीडीजी (फिक्स्ड एक्सेस) श्री राकेश देसाई और आईआईआईटी-दिल्ली के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिजीत मित्रा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आईआईआईटी-दिल्ली के निदेशक डॉ. प्रो. रंजन बोस, टीईसी के डीडीजी (प्रशासन) श्री पवन गुप्ता और आईआईआईटी-डी के ईसीई विभाग के डॉ. प्रो. विवेक अशोक बोहरा उपस्थित थे।

इस साझेदारी के माध्यम से टीईसी के लिए अगली पीढ़ी के दूरसंचार और मानकीकरण गतिविधियों पर आईआईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर काम करने के लिए एक औपचारिक ढांचा तैयार हुआ है।

सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:

  • दूरसंचार में एआई: एआई-आधारित नेटवर्क अनुकूलन, विसंगति का पता लगाना, पूर्वानुमानित रखरखाव, कुशल यातायात प्रबंधन और दूरसंचार नेटवर्क में एआई-संचालित नीति प्रवर्तन
  • 5जी/6जी: 5जी, 6जी, मिलीमीटर वेब, मल्टीपल-इनपुट मल्टीपल-आउटपुट, विषम नेटवर्क आदि के क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान और मानकीकरण गतिविधियां।
  • एसडीएन और एनएफवी: सॉफ्टवेयर परिभाषित नेटवर्क (एसडीएन) और नेटवर्क फंक्शन वर्चुअलाइजेशन (एनएफवी) के क्षेत्र में संयुक्त अध्ययन और मानकीकरण गतिविधियां
  • मुक्त अंतरिक्ष ऑप्टिकल संचार/लाई-फाई : बैकहॉल और एक्सेस अनुप्रयोगों, विशेष रूप से ग्रामीण और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए उच्च गति, कम विलंबता, विश्वसनीय, सुरक्षित, ऑप्टिकल वायरलेस कनेक्टिविटी के लिए मानकीकरण गतिविधियों में संयुक्त अध्ययन और तकनीकी योगदान।
  • नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियां (आरईटी): दूरसंचार उपकरणों और बुनियादी ढांचे की ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए आईसीटी का उपयोग।

इस साझेदारी का उद्देश्य स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास में तेजी लाना तथा आईटीयू और 3जीपीपी जैसे वैश्विक मानकीकरण निकायों में भारत के योगदान को मजबूत करके वैश्विक मानकीकरण प्रक्रियाओं में देश के वर्चस्‍व को बढ़ाना है।

यह सहयोग दूरसंचार क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान, डिजाइन और विनिर्माण को मजबूत करके आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा। साथ ही इससे भारत-विशिष्ट मानकों, परीक्षण रूपरेखाओं और घरेलू समाधानों का भी विकास होगा जिससे राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और महत्वपूर्ण संचार बुनियादी ढांचे को सुरक्षित कर आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी।

टीईसी के बारे में

दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी), भारत सरकार के दूरसंचार विभाग की तकनीकी शाखा है। यह भारत में दूरसंचार उपकरणों और नेटवर्क के लिए अंतर-संचालनीयता, गुणवत्ता और वैश्विक सर्वोत्तम विधियों के अनुरूप तकनीकी मानकों, विनिर्देशों और अनुरूपता मूल्यांकन आवश्यकताओं को तैयार करता है। टीईसी, आईटीयू-टी,आईटीयू-आर जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है और वैश्विक मानकीकरण गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय कार्य समूहों का समन्वय करता है।

आईआईआईटी दिल्ली के बारे में

इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईआईटी-दिल्ली) राष्ट्रीय महत्व का एक प्रमुख संस्थान है जिसकी उन्नत दूरसंचार, 5जी/6जी प्रौद्योगिकियों, ऑप्टिकल संचार और उभरते हुए आईसीटी क्षेत्रों में सुदृढ़ शैक्षणिक और अनुसंधान क्षमताएं हैं। आईआईआईटी-दिल्ली भारत में अग्रणी व्यापक अनुसंधान-आधारित शिक्षण संस्थानों में से एक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और समाज की उभरती जरूरतों के प्रति निरंतर संवेदनशील साबित हुआ है।

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