इफ्फी एम्बेसडर्स राउंडटेबल में भारत ने फिल्म सह-निर्माण की क्षमता प्रदर्शित की, प्रगाढ़ सांस्कृतिक तथा प्रौद्योगिकी तालमेल की अपील की
सूचना-प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन और सूचना प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा भारत ‘स्टूडियो ऑफ़ द वर्ल्ड’ के तौर पर उभरने को तैयार है
राजदूतों ने भारत की प्रतिभा, प्रौद्योगिकी और सह-निर्माण अवसरों की सराहना की
#इफ्फी Wood, 21 नवंबर 2025
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के तहत आज गोवा के डोना पाउला स्थित ताज सिडेड डी गोवा हेरिटेज होटल में आयोजित एम्बेसडर्स राउंडटेबल में कई देशों के राजयनिक शामिल हुए। इस सत्र में फिल्म सहनिर्माण के अवसरों, सृजनशील अर्थव्यवस्था विकास और प्रगाढ़ सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित करते हुए द्विपक्षीय ऑडियो-विज़ुअल प्रोडक्शन सहयोग आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।

भारत और साझेदार देशों के बीच राउंडटेबल संवाद फिल्म निर्माण, इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी साझेदारी और विनियामक तालमेल की संभावनाओं पर केंद्रित रही जो वैश्विक सृजनशील अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगी। चर्चा में सहनिर्माण समझौतों के ज़रिए आर्थिक लाभ, सांस्कृतिक और प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, विदेश में फिल्मकारों के लिए विनियामक बाधांए कम करने और पारस्परिक सृजनशील वातावारण निर्मित करने पर बातचीत हुई।

राउंडटेबल में सूचना-प्रसारण सचिव श्री संजय जाजू ने स्वागत संबोधन में भारत में तेज़ी से व्यापक होती मीडिया और फिल्म निर्माण केंद्र के रूप में इसकी बढ़ती स्वीकार्यता का उल्लेख किया।
श्री जाजू ने कहा कि यह राउंडटेबल सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने और साझेदारी और अधिक प्रगाढ़ बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि भारत में कई भाषाओं में फिल्म निर्माण प्रतिभा का भंडार है और यह विश्व स्टूडियो के तौर पर उभरा है जहां वैश्विक स्तर की कहानियों की परिकल्पना, उनका फिल्मीकरण और उन्हें साझा करने की क्षमता है।
श्री जाजू ने भारत में विविध फिल्म लोकेशन से लेकर उन्नत एनिमेशन और वीएफएक्स स्टूडियो क्षमता का उल्लेख किया और प्रतिनिधियों को इफ्फी के मुख्य प्लेटफ़ॉर्म, वेव्स फ़िल्म बाज़ार में उपलब्ध अवसरों को देखने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के साथ साझेदारी से पूरे विश्व में व्यापकता मिलती है और अलग-अलग संस्कृति और उपभोक्ता तक सिनेमा आसानी से पहुंच सकती हैं।

सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने राउंडटेबल की अध्यक्षता करते हुए विशेष संबोधन में फिल्म सहनिर्माण को ऑडियो-विज़ुअल सहयोग सुदृढ़ करने का सबसे बड़ा ज़रिया बताया। उन्होंने कहा कि वीएफएक्स, एनिमेशन और अगली पीढ़ी की प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी में तेज़ी से बढ़ोतरी से भारत का मीडिया और एंटरटेनमेंट क्षेत्र 2025 में 31.6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
डॉ. मुरुगन ने संयुक्त निर्माण, सुगम स्वीकृति, प्रतिभा और साजो-सामान को आसानी से लाने ले जाने और फिल्मकारों को अधिक सृजनशील स्वतंत्रता प्रदान करने में द्विपक्षीय समझौतों की भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने फिल्मों की नकली प्रतियां - पायरेसी के विरूद्ध भारत के मज़बूत नियामक उपायों की चर्चा की जिन्हें इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विधि मंत्रालय के साथ अंतर-मंत्रालयी सहयोग से सुगम बनाया गया है। इससे वैश्विक फिल्म निर्माण के लिए सुरक्षित पारिस्थितिक तंत्र सुनिश्चित हुआ है।
सूचना प्रसारण राज्य मंत्री के संबोधन के बाद भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम की कंसल्टेंट श्रुति राजकुमार ने राउंडटेबल प्रतिनिधियों को भारत की बदलती एंटी-पायरेसी रूपरेखा की जानकारी दी। उनकी प्रस्तुति में डिजिटल चोरी रोकने और फिल्मकारों की रचना सुरक्षित बनाने के लिए प्रौद्योगिकीय और नीतिगत उपायों की विस्तार से जानकारी दी गई।
राउंडटेबल में क्यूबा और नेपाल के राजदूत तथा इज़राइल, गुयाना, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, मोरक्को, टोगो और कोटे डी आइवर के वरिष्ठ राजनयिकों ने हिस्सा लिया। उन्होंने अपने देशों के फिल्म उद्योग की जानकारी साझा की।
राउंडटेबल में शामिल राजनयिकों ने भारत के सृजनशील कार्यबल के साथ मिलकर काम करने, भारत की फिल्म निर्माण प्रौद्योगिकी क्षमता का लाभ उठाने और सह निर्माण के उपाय तलाशने की संभावना व्यक्त की, जिससे परस्पर सिनेमाई परितंत्र को बेहतर बनाया जा सके।
एक्सटरनल पब्लिसिटी डिवीजन के निदेशक श्री राजेश परिहार ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सत्र का समापन किया। उन्होंने फिल्म सृजनशीलता में राजनयिकों की अहम भूमिका स्वीकार करते हुए साथ मिलकर वैश्विक ऑडियो-विजुअल वातावरण निर्मित करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। इफ्फी 2025 एम्बेसडर राउंडटेबल -द्विपक्षीय संबंधों, अधिक सक्रिय मीडिया साझेदारी और फिल्मों के माध्यम से कहानी कहने के भविष्य के लिए साझे विज़न की दिशा में उल्लेखनीय कदम रहा।
इफ्फी
1952 में आरंभ हुआ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव - इफ्फी दक्षिण एशिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा सिनेमाई आयोजन है। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम - एनएफडीसी, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय, और गोवा सरकार के एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह महोत्सव वैश्विक सिनेमाई महाशक्ति के रूप में उभरा है। यहां संरक्षित पुरानी क्लासिक फिल्मों को साहसिक प्रयोगों से प्रस्तुत किया जाता हैं और दिग्गज फिल्मकार नवोदित फिल्मकारों के साथ अपने अनुभव साझा करते हैं। इफ्फी को लोकप्रिय और आकर्षक आयोजन बनाने में इसके प्रमुख कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय फिल्म प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रदर्शन, जानेमाने फिल्मकारों द्वारा संचालित मास्टरक्लास, फिल्म से जुड़े दिग्गजों का श्रद्धांजलि संवर्ग और विस्तृत वेव्स फिल्म बाजार शामिल हैं, जहां विचार, फिल्म संबंधी खरीद और निर्माण सहयोग सपनों को पंख मिलता है। 20 से 28 नवंबर तक गोवा की मनोहर तटीय पृष्ठभूमि में आयोजित, 56वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह – इफ्फी भाषाओं, शैलियों, नवनिर्माण और सृजनशील आवाजों के जरिए विश्व मंच पर भारत की विलक्षण सृजनशील प्रतिभा पेश करता है—
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