सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
प्रधानमंत्री मोदी के “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के दृष्टिकोण में खादी कारीगरों की महत्वपूर्ण भूमिका है: केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार
44वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में केवीआईसी नए भारत की नई खादी और उत्पादों की विविध श्रृंखला के माध्यम से खादी की शक्ति का प्रदर्शन करता है
भारत मंडपम के हॉल नंबर 6 में 150 स्टॉलों के माध्यम से “खादी इंडिया पैवेलियन” आत्मनिर्भर भारत की भावना को प्रदर्शित करता है
Posted On:
21 NOV 2025 4:02PM by PIB Delhi
नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) 2025 के हॉल नंबर 6 में भारत में खादी की शाश्वत खादी परंपरा पूर्ण रूप से प्रदर्शित हो रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) इस मेले में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की एक विस्तृत एवं आकर्षक श्रृंखला के साथ प्रस्तुत कर रहा है, जो नए भारत की नई खादी को प्रतिबिंबित करता है।

इस मंडप में खादी के नवीन एवं समकालीन उत्पादों को प्रदर्शन किया जा रहा है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक वैश्विक ब्रांड के रूप में उभरा है।
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केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने बुधवार को खादी इंडिया मंडप का दौरा किया और विभिन्न राज्यों के खादी कारीगरों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) से जुड़े उद्यमियों और ‘स्फूर्ति’ समूहों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उन्होंने उनके उत्पादों, अनुभवों एवं नवाचारों पर चर्चा की और भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में उनके योगदान की सराहना की।
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अध्यक्ष ने कारीगरों एवं उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए उनसे भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल अभियानों को समर्थन प्रदान करते रहने का आग्रह किया।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, श्री मनोज कुमार ने कहा कि खादी इंडिया मंडप को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप डिजाइन किया गया है।

खादी मंडप में पूरे देश के खादी संस्थानों, पीएमईजीपी इकाइयों एवं ‘स्फूर्ति समूहों’ के खादी कारीगरों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कुल 150 स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर पारंपरिक हस्तशिल्प, खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया गया है।
अपनी दौरे में, श्री मनोज कुमार ने स्वदेशी चरखा, पेटी चरखा, विद्युत से चलने वाला कुम्हार चाक और पारंपरिक घानी-आधारित तेल निष्कर्षण का सजीव प्रदर्शन भी देखा जो भारत की शिल्पकला और सतत उत्पादन प्रथाओं की समृद्ध विरासत को दर्शाता है।
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बात खादी की - एक प्रमुख आकर्षण
खादी इंडिया मंडप की एक महत्वपूर्ण विशेषता नया पॉडकास्ट स्टूडियो “बात खादी की” है, जहां कारीगर अपनी यात्रा, नवाचार एवं पारंपरिक शिल्प की विरासत को अपनी आवाज़ में साझा करते हैं। इस पहल की सराहना करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि यह स्टूडियो आधुनिक प्रौद्योगिकी को विरासत के साथ एकीकृत करता है और युवाओं को खादी से जुड़ने में मदद करेगा।
मंडप में वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, ग्रामीण खाद्य पदार्थ, बांस एवं बेंत की शिल्पकला और जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्व की विशिष्ट वस्तुओं सहित विविध उत्पादों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है। कई पीएमईजीपी और ‘स्फूर्ति’ उद्यमी अपनी सफलता का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो खादी एवं ग्रामोद्योग की बढ़ती शक्ति को दर्शाता है।
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