सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
"सजीव संविधान: लोकतंत्र, गरिमा और विकास के 75 वर्ष" पर राष्ट्रीय सम्मेलन
प्रविष्टि तिथि:
24 NOV 2025 2:55PM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) 26 नवंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (डीएआईसी) के भीम हॉल में एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। यह सम्मेलन देश के संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्षों के राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव (संविधान @75) के भव्य समापन को चिह्नित करेगा।
इस सम्मेलन का विषय "सजीव संविधान: लोकतंत्र, गरिमा और विकास के 75 वर्ष" है। इसमें देश भर के विश्वविद्यालयों और संस्थानों के प्रख्यात न्यायविद, प्रतिष्ठित कुलपति, वरिष्ठ शिक्षाविद, डॉ. अंबेडकर चेयर प्रोफेसर, शोधकर्ता, सामाजिक विचारक और छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई उपस्थित रहेंगे। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, संविधान @75 के समापन के अवसर पर आयोजित समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भाषण देंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव एवं अपर सचिव भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
सम्मेलन में दो उच्च स्तरीय पैनल चर्चाएं आयोजित की जाएंगी:
- पैनल चर्चा I: " क्रियाशील सजीव संविधान: 21वीं सदी में लोकतंत्र, गरिमा और विकास" - जिसमें प्रतिष्ठित न्यायविद, वरिष्ठ शिक्षाविद और संवैधानिक कानून विशेषज्ञ शामिल होंगे।
- पैनल चर्चा II: "सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए संवैधानिक मार्ग: समकालीन भारत में डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण को साकार करना" - प्रमुख विद्वानों और नीति विशेषज्ञों की अध्यक्षता और संचालन।
सम्मेलन में संविधान निर्माण काल की दुर्लभ अभिलेखीय सामग्रियों, तस्वीरों और दस्तावेजों को प्रदर्शित करने वाली एक विशेष प्रदर्शनी भी होगी, जो प्रतिभागियों को भारत की संवैधानिक विरासत का समृद्ध दृश्य अनुभव प्रदान करेगी ।
कार्यक्रम में मुख्य भाषण, विषयगत व्याख्यान और संवादात्मक सत्र भारत की लोकतांत्रिक यात्रा, संवैधानिक शासन की जीवंतता और सामाजिक न्याय तथा समावेशी विकास के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर के दृष्टिकोण की स्थायी प्रासंगिकता पर व्यापक चिंतन प्रदान करेंगे।
इस कार्यक्रम में अम्बेडकर चेयर प्रोफेसरों, सहायक प्रोफेसरों, डॉक्टरेट फेलो और नई दिल्ली के अंतिम वर्ष के विश्वविद्यालय छात्रों सहित 700 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है।
यह राष्ट्रीय सम्मेलन न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों को कायम रखने के लिए भारत की सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है - ये वे स्तंभ हैं जो हमारे लोकतांत्रिक और विकासात्मक पथ को आकार देते रहेंगे।
इसके अलावा, संविधान की प्रस्तावना का शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और इसके संबद्ध/स्वायत्त संगठन/आयोग/निगम के अधिकारी कर्मचारी शामिल होंगे।
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पीके/केसी/एके/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2193648)
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